फायर सेफ्टी के साथ यंगस्टर्स को जॉब का भी मिलेगा मौका
वाराणसी (ब्यूरो)। अगर आप नए फील्ड में नौकरी का अवसर तलाश रहे हैं तो फायर सेफ्टी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें जॉब्स की भरमार होने वाली है। दरअसल अंग्रेजों के जमाने के 78 साल पुराने उत्तर प्रदेश फायर एक्ट को पिछले साल प्रदेश सरकार ने बदल दिया है। संशोधन के बाद उत्तर प्रदेश फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज अधिनियम 2022 यंगस्टर्स के लिए ढेरों अवसर लाने जा रहा है। इस एक्ट में संशोधन से सरकार के फायर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से कोई भी फायर फाइटिंग का कोर्स करके अच्छी जॉब पा सकता है। वहीं इस एक्ट से आम जनता के जान माल की सुरक्षा भी बढ़ेगी.
बड़े पैमाने पर मिलेगा रोजगारफायर सर्विस एक्ट के लागू होने से बनारस समेत पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही प्रशिक्षित फायर ऑफिसर भी तैनात होंगे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि 1944 के इस एक्ट को बदलने से प्रशिक्षित फायर सेफ्टी के लोग मिलेंगे। सीएफओ ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम 2022 में स्टेट फायर ट्रेनिंग कॉलेज की जगह अब नया नाम फायर एंड इमरजेंसी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हो चुका है। फायर सर्विस एक्ट के तहत 15 मीटर से ज्यादा ऊंची बिल्डिंग में फायर सेफ्टी ऑफिसर (एफएसओ) की नियुक्ति का नियम लागू किया गया है।
यहां तैनात होंगे फायर सेफ्टी ऑफिसर नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया के तहत इमरजेंसी सर्विसेज अधिनियम 2022 व फायर सर्विस मॉडल एक्ट में यह आवश्यक किया गया है कि हर 15 मीटर से जितनी भी ऊंची इमारत हो या फैक्टरी, बड़े हॉस्पिटल और होटल में ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण प्राप्त और प्रमाणित फायर सेफ्टी ऑफिसर को तैनात करना जरूरी होगा। उक्त जगहों पर तैनात होने के लिए अभ्यर्थी के पास फायर सेफ्टी में डिग्री या डिप्लोमा होना जरूरी होगा। इसके साथ ही इनके पास फायर फाइटिंग के उपकरण को बेचने इंस्टॉलेशन के लिए भी प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट जरूरी होगा। इसके बाद ही वे क्वालीफाई एजेंसी के लिए अप्लाई कर पाएंगे। यंगस्टर्स को शहर में जॉब का मौकाफायर एक्ट के तहत इस नियम से न केवल यंगस्टर्स को अपने शहर में जॉब का मौका मिलेगा बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा होगा। इस नियमावली के तहत बनारस में 5 हजार से ज्यादा ऐसे प्रतिष्ठान हैं, जहां शुरुआती दौर में फायर सेफ्टी ऑफिसर की नियुक्ति करना आवश्यक होगा। नियमावली बनने के बाद सभी बिल्डिंग मालिकों को जिले के चीफ फायर ऑफिसर द्वारा नोटिस दी जाएगी। हालांकि, जो प्रतिष्ठान बड़े होंगे वे एक से अधिक फायर सेफ्टी ऑफिसर, सुपरवाइज व हेल्पर की भी नियुक्ति कर सकते हैं। ऐसे में नौकरियों की संख्या भी बढ़ सकती है.
नियम फॉलो न करने पर कार्रवाई उत्तर प्रदेश फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज अधिनियम 2022 के अनुसार, जिम्मेदार बिल्डिंग मालिकों को किसी भी हाल में नियमावली जारी होने के 30 दिन के अंदर फायर सेफ्टी ऑफिसर की नियुक्ति करना आवश्यक है। जांच के दौरान फायर सेफ्टी ऑफिसर की नियुक्ति नहीं मिलती है तो अधिकारी प्रतिष्ठान पर 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक का जुर्माना कर सकता है। किसी स्थिति में यदि फायर सेफ्टी अधिकारी नौकरी छोड़ता है तो एक हफ्ते के अंदर ही दूसरे अधिकारी की नियुक्ति करना आवश्यक होगा. लेकिन यहां नहीं है फायर सेफ्टी का कोर्सफायर सर्विस के इस नए अधिनियम से रोजगार के दरवाजे तो जरूर खुलेंगे, लेकिन इस नौकरी के लिए जरूरी डिग्री या डिप्लोमा पाने के लिए उत्तर प्रदेश में कॉलेज नहीं है। जबकि हरियाणा, दिल्ली, मुंबई व तमिलनाडु में फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के कालेजों की भरमार है। प्रदेश में ऐसे कोर्स की शुरुआत के लिए फायर डिपार्टमेंट यह पहल करने जा रहा है कि प्राइवेट संस्थान व कॉलेजों से बात कर उनके यहां ऐसे कोर्स शुरू किए जा सकें, ताकि प्रदेश के युवाओं को इसका फायदा मिले.
यंगस्टर्स यहां से कर सकते हैं कोर्स अगर आप फायर सेफ्टी ऑफिसर पद पर जॉब करना चाहते हैं, तो फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज के डिप्लोमा कोर्स के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग ले सकते हैं। 6 महीने के डिप्लोमा कोर्स के लिए 15 हजार रुपये तक फीस होती है। इसके अलावा इंदौर का आईपीएस अकेडमी, नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर, पावई इंजीनियरिंग कॉलेज तमिलनाडु, आरटीएमएनयू नागपुर, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग सीयूएसएटी कोच्चि व बख्तियारपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग समेत दर्जनों कॉलेज हैं, जो फायर सेफ्टी एवं इंजीनियरिंग से संबंधित डिप्लोमा व डिग्री कोर्स कराते हैं. नए अधिनियम से प्रशिक्षित लोगों के रहने से लोगों की सुरक्षा बढ़ जाएगी। प्रशिक्षित फायर सेफ्टी ऑफिसर के रहने से फौरी तौर पर आग पर कंट्रोल हो सकेगा, जबकि बाद में फायर बिग्रेड के पहुंचने पर आग या किसी इमरजेंसी को पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकेगा। आनंद सिंह राजपूत, मुख्य अग्निशमन अधिकारी