फूड एवं सेफ्टी विभाग के निरीक्षण में तेल आटा बिस्कुट मसाला व अन्य पदार्थों में मिल रही तमाम कमियां बिस्कुट-ब्रेड निर्माता लियो बिग स्टिक पर एक लाख का जुर्माना

वाराणसी (ब्यूरो)लोकल कंपनियां उपभोक्ताओं को पर्याप्त सूचना न देकर नियमों ही नहीं, लोगों के सेहत से भी खिलवाड़ रही हैं। अनुमान के तहत बनारस में खाने-पीने के लोकल आइट्म की भरमार है, जिनकी संख्या चार हजार से अधिक है.

केस-1

हरतीरथ स्थित अन्नपूर्णा आयल मिल में निरीक्षण के दौरान किरण बांड के सरसों तेल का नमूना लिया गया। लखनऊ स्थित प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि निर्माता ने तेल की बोतलों पर पोषक तत्वों, पता, दिनांक, बैच नंबर आदि नहीं लिखे थे। इसे अपराध मानते हुए 60 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया.

केस-2

फूड एवं सेफ्टी विभाग ने चुरामनपुर स्थित नंदिनी इंटरप्राइजेज का निरीक्षण किया तो वहां मौजूद इंड्स फ्लेवर गरम मसाला, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च, धनिया के पैक पर पता, दिनांक, बैच नंबर आदि का उल्लेख नहीं मिला। इसे अपराध मानते हुए 70 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया.

केस-3

महमूरगंज में निरीक्षण के दौरान पीके ब्रांड नमकीन राजकुमार भंडार महमूरगंज व घर से घरोहर तक ब्रांड आटा के पैक पर तथ्यों का प्रिंट नहीं मिला। इसे गंभीर मानते हुए फूड एवं सेफ्टी विभाग की ओर से 90 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया.

यह तीन केस ऐसे हैं, जो बनारस में बिक रहे लोकल ब्रांड का सच बताने के लिए काफी है। किरन ब्रांड सरसो तेल, इंड्स फ्लेवर गरम मसाला, पीके ब्रांड नमकीन ही नहीं, तमाम ऐसे लोकल ब्रांड हैं, जिस पर खाद्य अधिनियम के तहत जरूरी तथ्यों की अनदेखी की जा रही है.

विक्रेता के पास लाइसेंस भी नहीं

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने सिगरा स्थित पंखुड़ी फूड्स का निरीक्षण किया। वहां लियो बिग स्टिक ब्रांड के नमकीन, बिस्कुट, ब्रेड, चूरन आदि बिक रहे थे। संदिग्ध प्रतीत होने पर पूछा गया तो विक्रेता के पास लाइसेंस भी नहीं था। उसने आपूर्तिकर्ता का नाम भी नहीं बताया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने कई पैकेट खरीद कर जांच के लिए भेजा। जांच में मिथ्या छाप (मानक अनुसार सूचना नहीं) होने का आरोप सिद्ध हुआ। इस पर अपर जिलाधिकारी ने निर्माता नामधारी स्वीट््स हैदराबाद, तेलंगाना पर एक लाख रुपये और विक्रेता पंखुड़ी फूड्स पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया.

खाने योग्य नहीं मिली मिठाई

अपर जिलाधिकारी नगर के न्यायालय ने एक अन्य फैसले में अशोक नगर स्थित प्रांजल मिष्ठान भंडार में चमचम खाने योग्य नहीं मिला। प्रतिष्ठान पर छह हजार रुपये जुर्माना लगाया। इसी तरह खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम की ओर से लंका, पांडेयपुर, सिगरा, जंसा, भोजूबीर, गोदौलिया आदि सट्टियों में निरीक्षण कर 41 नमूने लिए गए, जो जांच के लिए भेजे गए हैं.

सभी तथ्यों का उल्लेख जरूरी

किसी भी खाद्य पदार्थ पर उसके निर्माता, बनने और खराब होने की तिथि, उसमें पाए जाने वाला तत्व आदि का उल्लेख किया जाना खाद्य अधिनियम के तहत जरूरी है। कंपनियां उपभोक्ताओं को पर्याप्त सूचना न देकर नियमों का उल्लंघन करतीं हैं। ऐसे में उपभोक्ता को यह जानकारी नहीं हो पाती है। नियमानुसार उक्त पैक्ड फूड पर आइटम की कितनी क्वांटिटी और मात्रा, बैच नंबर, प्रिंट, कम्पनी का नाम आदि तथ्यों का जिक्र होना चाहिए। मानक की अनदेखी करने पर जुर्माना लगाया जाता है.

लोगों को प्योर व हाईजेनिक फूड मिले, यही लक्ष्य है। इसी के तहत लगातार निरीक्षण की कार्रवाई की जा रही है। लोकल ब्रांड के पैकेट पर तथ्यों का उल्लेख नहीं मिल रहा है, जो नियम के अनुसार गलत है। हालांकि बहुत जल्द ही इसे लेकर दुकानदार और व्यापारियों को जागरूक करने का अभियान चलाया जाएगा.

संजय प्रताप ङ्क्षसह, सहायक आयुक्त खाद्य

Posted By: Inextlive