मंडलीय अस्पताल में दो दिन में 200 से ज्यादा बच्चे फीवर सर्दी-जुकाम के पहुंचे कोल्ड डायरिया व निमोनिया का खतरा जिला अस्पताल में भी लगी लाइन


वाराणसी (ब्यूरो)अब दिन में भले ही गर्मी के साथ धूप खिल रही है, लेकिन शाम होते ही गुलाबी ठंड का एहसास होने लगा है। पिछले तीन-चार दिनों से तापमान में आई गिरावट से रात में बढ़ी हल्की ठंड ने बच्चों व बुजुर्गों को अपनी चपेट लेना शुरू कर दिया है। बच्चों में खांसी-जुकाम-बुखार के साथ सीने में जकडऩ और लूज मोशन होने लगी है तो बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। मंडलीय और जिला अस्पताल में पिछले चार दिनों में सैकड़ों की संख्या में बच्चे व बुजुर्ग इलाज कराने पहुंचे हैं। अकेले मंडलीय अस्पताल के बाल रोग विभाग के ओपीडी में दो दिन में 200 से ज्यादा बच्चे फीवर, सर्दी-जुकाम के पहुंचे हैं। ऐसे में चिकित्सक इस मौसम में एहतियात बरतने की सलाह दे रहे है। चिकित्सकों का कहना हैं कि मौसम में बदलाव शुरू हो चुका है। लिहाजा पैरेंट्स अपने बच्चों की सेहत को लेकर कोई भी लापरवाही न बरते। इस समय बच्चों में सर्दी, खासी, जुकाम, लूज मोशन के निमानिया और कोल्ड डायरिया होने के चांसेस बढ़ गए है.

14 साल से कम उम्र के बच्चे प्रभावित

बता दें कि पिछले तीन-चार दिन से मौसम ने अपना रूख बदल हुआ है। बनारस में न्यूनतम तापमान गिरावट के साथ इन दिनों करीब 22 डिग्री सेल्सियस पर बना हुआ है। जिससे शाम होने के बाद मौसम में नमी छा रही है। इसके अलावा हवाओं में भी तरावट आ गई है। यह मौसम में आ रहे इसी बदलाव का नतीजा है कि इसका असर नौनिहालों और बच्चों व बुजुर्गो पर पड़ रहा है। जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ के पास हर रोज 70-80 बच्चे उपचार के लिए आ रहे हैं जो कि ठंड की वजह से तरह-तरह की बीमारियों से प्रभावित हुए हैं। इनमें 14 साल तक के बच्चे शामिल है। मौसम के प्रभाव का असर सबसे ज्यादा नवजात शिशु से लेकर 3 साल के बच्चों पर पड़ रहा है.

सर्दी, खांसी, व लूज मोशन की शिकायत ज्यादा

इसी तरह फिजिशियन के पास भी डेली 25 से 30 बुजुर्ग मरीज पहुंच रहे हैं। जिन्हें ठंड के कारण सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हल्की ठंठ से इन मरीजों को सांस लेने में परेशानी, एलर्जी के कारण खांसी सांस फूलने की सबसे ज्यादा समस्या रही है। रात से सुबह धूप निकलने से पहले तक मौसम नम होने के कारण इसी समय मरीजों को बिना बलगम वाली अधिक खांसी रहती है। इसके अलावा शहर के निजी अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या तीन से चार गुणा बढ़ी है.

नवजात व छोटे बच्चों का रखें ख्याल

बालरोग विशेषज्ञ डॉ। मृदुला मलिक ने पैरेंट्स को इस बदलते मौसम की शुरुआत में विशेष केयर करने की सलाह दी है। बच्चों को नंगे पांव खेलने दें। शाम होने के बाद बच्चों को फूल बाजू के कपड़े पहनाकर रखें। रात में बच्चे को पंखे या कूलर में न सुलाए। रात के समय बच्चे को बाहर खेलने न दें। यही नहीं रात के समय नवजात शिशुओं को हो सके तो हल्के गर्म कपड़े पहनाकर रखें। ऐसा न करने से बच्चें के बीमार होने की संभावनाएं बढ़ जाती है.

इस समय बच्चों में सर्दी, खासी, जुकाम, लूज मोशन के निमानिया और कोल्ड डायरिया होने के चांसेस बढ़ गए है। पिछले कुछ दिनों से अधिकांश में यही शिकायत देखने को मिल रही है। इधर तीन दिन से ऐसे बच्चों पीडि़त बच्चों की संख्या बढ़ गई है। इसमें भी एक से 5 साल तक बच्चों की संख्या ज्यादा है।

डॉ। सीपी गुप्ता, पिडियाट्रिक्स-मंडलीय अस्पताल

तापमान में गिरावट के चलते ठंड से दमा हार्ट पेशेंट के साथ-साथ बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। इसलिए उन्हें अब सतर्क हो जाना चाहिए। उनकी ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है। दमा हार्ट पेशेंट एहतियात के तौर पर डेली भाप लें। परेशानी बढऩे पर चिकित्सक से सलाह लेकर ही दवा लें.

डॉ। एके गुप्ता, फिजिशियन

Posted By: Inextlive