हर बुखार डेंगू-मलेरिया नहीं होता
वाराणसी (ब्यूरो)। बारिश का मौसम शुरू होते ही डेंगू-मलेरिया ने दस्तक दे दी है। भले ही अभी उतने ज्यादा डेंगू-मलेरिया के मामले न आ रहे हो, लेकिन अस्पतालों में बुखार से पीडि़त मरीजों की लाइन लगी हुई है। करीब-करीब हर पेशेंट में यह डर बना हुआ है कि कही ये बुखार डेंगू या मलेरिया का तो नहीं है। इस डर को दूर करने के लिए ही मरीज जांच के लिए अस्पतालों तक पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल हो या मंडलीय हर जगह बुखार से पीडि़त मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। हालांकि चिकित्सकों ने जांच के लिए आने वाले मरीजों को डरने की नहीं सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि अभी डेंगू के उतने मामले नहीं आ रहे है जितना सोचा जा रहा है.
हर बुखार डेंगू का नहीं होतामंडलीय अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि उनकी ओपीडी में आने वाले मरीजों में यह डर बना हुआ है कि इस मौसम में बुखार आने से डेंगू या मलेरिया हो जाता है, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहंी है। हर बुखार डेंगू या मलेरिया का नहीं होता है। बारिश के मौसम में जहां पानी इकट्ठा हो जाता है तो वहां गंदगी होने के कारण मच्छर पनपने लगते है। लेकिन गंदगी में रहने वाले मच्छरों से डेंगू होने का चांस नहीं होता, क्योंकि डेंगू साफ पानी में पनपते है। इसलिए घर में अगर कही साफ पानी जमा हो रहा हो तो उसे तत्काल साफ कर दे। इधर कुछ दिनों से बारिश भी नहंी हो रही है तो डेंगू के चांसेस कम है।
अभी तक सिर्फ 15 मलेरिया शहर के दोनों सरकारी अस्पतालों में जुलाई माह के शुरुआती दिनों से लगातार बुखार के पीडि़त मरीज जांच के लिए आ रहे हैं। यहां सभी मरीजों का मलेरिया के साथ डेंगू की भी जांच कराई जा रही है। मलेरिया विभाग के आंकड़ों की माने तो अभी के जांच रिपोर्ट की बात करे तो अब तक 7500 से ज्यादा मरीजों में मलेरिया की जांच कराई गई है। जिसमें करीब 15 मरीज ही पॉजिटिव पाए गए है। वहीं डेंगू की बात करे तो अभी तक एक भी केस सामने नहीं आए है। कैसे और कब होता है डेंगूडेंगू मादा एडीज एजिप्ट मच्छर के काटने से होता है। यह ज्यादातर दिन में काटता है। खास बात ये है कि ये साफ पानी में पनपता है और ये तीन फीट से ज्यादा ऊपर नहीं उड़ पाता है। एसीएमओ डॉ। एसएस कन्नौजिया का कहना है कि वेक्टर जनित रोग के रोकथाम के लिए अभियान चलाया जा रहा है। शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में फॉगिंग के साथ दवा का छिड़काव करने के साथ लोगों को इसके प्रति जागरुक भी किया जा रहा है।
डेंगू-मलेरिया से बचाव को लेकर विभाग बेहद गंभीर है। दवा के छिड़काव के साथ फॉगिंग भी कराई जा रही है। बुखार वाले मरीजों में लक्षण भले ही मलेरिया के हो, लेकिन बीमारी की पुष्टि नहंी हो रही। इसलिए यह माना जा रहा है कि ये बुखार डेंगू-मलेरिया का नहीं है। शरत चंद्र पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी