डेंगू और वायरल के बाद अब बोन ब्रेकिंग पेन
वाराणसी (ब्यूरो)। डेंगू और वायरल फीवर की जद में आने के बाद बनारस में अब बड़ी समस्या बोन ब्रेकिंग पेन की आ रही है। अधिक समय से फीवर रहने के बाद अब हड्डियों के कमजोर होने के मामले बढऩे लगे हैं। यह बुखार पीडि़त व्यक्ति को बुरी तरह से कमजोर भी कर रहा है। कई मामलों में तो ये कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से भी खतरनाक साबित हो रहा है। कोरोना होने पर जहां लोग 5 से 7 दिन में पूरी तरह से रिकवर हो जाते थे, वहीं वायरल फीवर की गिरफ्त में आने के बाद मरीज 10 से 15 दिन तक ठीक से चलने फिरने लायक भी नहीं हो पा रहा है। जब तक दवा का असर है तब तक तो ठीक लेकिन जैसे ही असर खत्म फिर पहले जैसी हालत हो जा रही है। संक्रमण के बाद आए मामलों की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। डेंगू और वायरल फीवर के कारण जांच में 50 प्रतिशत मरीजों की हड्डियां कमजोर पाई गई हैं। डॉक्टरों ने इसे खतरे की घंटी बताते हुए अलर्ट किया है। अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है तो सावधान हो जाएं.
तीन से चार हजार मरीज पहुंच रहे अस्पताल
मंडलीय हॉस्पिटल की ओपीडी में हर दिन 2000 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इसमें फीवर के साथ शरीर में दर्द की शिकायत वाले अधिक हैं। वहीं जिला अस्पताल में भी हर दिन ओपीडी में लगभग 1000 से ज्यादा मरीज बुखार की शिकायत लेकर आ रहे हैं। इसके साथ शहर के अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में भी मरीजों का आंकड़ा बढ़ा है। ऐसे आंकड़ों को लेकर डॉक्टरों को कहना है कि शहर हो या गांव, हर चौथे घर में कोई न कोई बीमार है। ऐसा सीजन ही है, इसमें कई तरह के बुखार हो रहे हैं। अधिकतर मामले डेंगू और वायरल फीवर के ही हैं.
अब तक 125 डेंगू की पुष्टि
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों की बात करें तो बनारस में अब तक कुल 125 मरीजों डेंगू की पुष्टि की गई है। हालांकि इसमें ज्यादातर लोग स्वस्थ्य होकर घर जा चुके हैैं। वर्तमान में अस्पतालों में जो भी वार्ड फुल हैं, वहां सिर्फ वायरल फीवर के मरीज हंै। चिकित्सकों का कहना है कि साधारण फ्लू जैसे लक्षणों के साथ लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन हफ्ते भर तक लोगों का बुखार उतरने का नाम नहीं ले रहा है। मरीजों में एक हफ्ते से ज्यादा बुखार, खांसी, जुकाम दिख रहा है। टेस्ट होने पर ना साधारण वायरल निकल रहा है और न ही डेंगू व मलेरिया। डॉक्टर कोरोना वायरस का टेस्ट करवा रहे हैं तो वो भी निगेटिव आ रहा। कुछ मामलों में मरीजों के अंदर कोरोना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कोरोना नहीं है।
फीवर के बाद साइड इफेक्ट
डेंगू और वायरल फीवर के बढ़े मामलों के बीच साइड इफेक्ट को लेकर बनारस के आर्थो सर्जन डॉ। अनूप कुमार बताते हैं कि इस तरह के मरीजों में जॉइंट पेन की समस्या अधिक मिल रही है। एंड ऑफ लांग बोन यानी शरीर में लंबी हड्डियां हाथ पैर की हैं, उसके एंड छोरों पर डी मेरोलाइजेशन हो जाता है। इस कारण हड्डियों में बोन ब्रेकिंग पेन होने लगता है। यह काफी असहनीय होता है। मरीज हड्डियों के टूटने जैसा दर्द होने की शिकायत लेकर आते हैं। कई बार तो पोस्ट पायरेटिक मायल्जिया भी हो जाता है। इसमें मरीजों को डेंगू और वायरल फीवर में होने वाले बुखार के खत्म हो जाने के बाद मांसपेशियों में कमजोरी बढ़ जाती है। इससे भी काफी दर्द की शिकायत हो जाती है.
बिना जांच दवाएं भी बढ़ा रही कमजोरी
फिजीशियन डॉ। डीडी दूबे बताते हैं कि इन दिनों डेंगू और वायरल फीवर के साथ कई तरह के बुखार से लोग परेशान हैं। बुखार के इस सीजन में लोग बेवजह की दवाएं खा रहे हैं। बिना जांच कराए लोग एंटीबायोटिक और स्टेरायड की गोलियां खा रहे हैं। इस कारण से लोगों की सेहत पर बड़ा साइड इफेक्ट पड़ रहा है। ऐसे मरीजों में कमर में दर्द के साथ शरीर की अन्य बड़ी हड्डियों में असहनीय पीड़ा होने लग रही है। जब हम लोग इसकी जांच कराते हैं, तो हड्डियों की कमजोरी का खुलासा होता है।
बुखार ठीक फिर भी इंफेक्शन
डॉक्टर बताते हैं कि वायरस इंफेक्शन के कारण मरीजों को बुखार की समस्या हो रही है। यह इंफेक्शन शरीर में बना रह रहा है। इससे इम्यूनिटी भी प्रभावित हो रही है। इम्यूनिटी के कमजोर होने से संक्रमण का असर जोड़ों की हड्डियों पर पड़ रहा है। इस कारण से इस समय लोग जोड़ों के दर्द की समस्या से परेशान होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं.
इस सीजन में बैक्टीरिया काफी तेजी से एक्टिव होते हैैं। ऐसे में इनसे बचाव ही उपाय है। देखा जाए तो इस बार यहां डेंगू के मामले पिछले साल की तुलना में कम है। वायरल फीवर के केस ज्यादा हैं। हां ये सही है कि यह फीवर बेहद खतरनाक है। यह बॉडी को काफी कमजोर कर दे रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है, यह जांच का विषय है.
डॉ। एसएस कन्नौजिया, एसीएमओ