हर्बल कलर के नाम पर बेच रहे मिलावटी कलर्स रंगों के त्योहार पर 80 से 90 टन का होता है कारोबार मिलावटखोर मुनाफा कमाने के चक्कर में एक महीना पहले से करते हैं तैयारी

वाराणसी (ब्यूरो)सिंथेटिक रंगों से तर-बतर करने को होली का त्योहार तैयार है। सिंथेटिक कल्चर में ढले बाजार ने मिलावटी रंगों की धूम मचा रखी है। शुद्ध टेसू के रंगों की जगह मिलावटखोर केमिकल मिक्स कलर्स लोगों को बेच रहे है। इन रंगों से अगर होली पर परिवार व दोस्तों संग होली खेल रहे हैैं तो बचकर खेलें। हो सके तो चेहरे पर इस रंग को न लगाएं अन्यथा आंख के साथ चेहरा भी खराब हो सकता है.

हर्बल के नाम पर बिक रहा केमिकल रंग

बाजार में इन दिनों हर्बल रंग के नाम पर केमिकल रंगों का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। दुकानदार मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावटी रंग तैयार कर दुकानों पर बेच रहे। ग्राहकों की इसकी पहचान न होने से दुकानदारों की चांदी है। आलम यह है कि दुकानदार मिलावटी कलर्स तैयार कर छोटे-छोटे पाउच, डिब्बाबंद व पॉलिथीन में भरकर दुकानों पर सजा रखे हैं.

इन रंगों से खराब हो सकता स्किन

ग्राहकों को क्या पता कि जो लाल, हरा, काला और बैगनी रंग खरीद रहे हैं उसमें केमिकल मिलाया गया है, जिसको लगाने से चेहरा तो खराब हो ही सकता है, आंख की रोशनी भी जा सकती है.

80 से 90 टन का कारोबार

अनुमान के मुताबिक होली पर्व पर रंग, अबीर, गुलाल का करीब 80 से 90 टन तक का कारोबार होता है। त्योहार पर रंगों की मांग को देखते हुए मिलावटखोर एक महीना पहले से ही सिंथेटिक रंग तैयार करने में जुट जाते हैं.

इस तरह तैयार हो रहे कलर्स

मिलावटी रंग तैयार करने से पहले बाजार में बिक रहे आरारोट, मैदा के अलावा मूर्ति बनाने वाले पाउडर को बारीक पीस लेते हैं। इसके बाद सफेद पाउडर की तरह तैयार हो जाता है। लाल रंग तैयार करना होता है तो थोड़ा सा लाल रंग पानी में घोल देते हैं। इसके बाद जितना रंग तैयार करना है उतना ही स्टार्च पाउडर को डालकर मिलाते हैं। मिलाने के बाद कड़ी धूप में सूखा देते है। इसके बाद रंगों को चमकदार बनाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल करते हैं.

केमिकल का भी प्रयोग

हरे रंग में मेलाकाइट ग्रीन, गुलाबी रंग में रुडामिन, बैगनी में मैथिक बाइलट और काले रंग में लेड आक्साइड मिलाकर उसे पैक करते हैं। इसके बाद बाजार में सप्लाई कर देते हैं।

बरतें सावधानी

-आंखों में रंग जाने पर घर का रखा कोई भी ड्राप आंखों में न डालें

-कोई भी घरेलू उपचार न कराएं

-साफ पानी से आंखों को कई बार धोएं

-टब में पानी भर लें, सिर को पानी में डालकर आंखों को खोलें

-होली खेलने से पहले चेहरे पर कोई भी ऑयल या फिर क्रिम लगा लें

-आंखों में रंग जाने पर खुजली या फिर गडऩ हो तो आंख को बिल्कुल न रगड़ें, इससे घाव होने की संभावना बढ़ जाती है

-कोई भी व्यक्ति कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करता हो तो वह रंग के समय न करें

-बच्चे प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलें

होली पर रंगों का प्रयोग संभलकर करें, क्योंकि आंख के साथ-साथ स्किन की समस्या बढ़ जाती है। हो सके तो प्राकृतिक रंग से होली खेलें। बाजार में मिलावटी रंग ज्यादा बिक रहा है.

डाअनुराग टंडन, आई स्पेशलिस्ट

Posted By: Inextlive