Sawan Kanwar Yatra 2023: कांवरियों के शिविर से दवा-मलहम गैरहाजिर
वाराणसी (ब्यूरो)। Sawan Kanwar Yatra 2023: शिवभक्ति से भरे पावन सावन का मंगलवार को आगमन हो गया। पुण्य मास के प्रथम दिन ही हर-हर की भक्ति से नव्य-भव्य श्री काशी विश्वनाथ कारिडोर संग काशी का कोना-कोना बम-बम हो उठा। बाबा दरबार से गंगधार तक भक्ति और भावों की अभिव्यक्ति से तर हो गई तो सड़कें श्रद्धा और आस्था के प्रवाह से भर गई। पहले दिन ही काशीपुराधिपति का जलाभिषेक व दर्शन करने आए भक्तों को जाम से जूझना पड़ा, क्योंकि गोदौलिया से लेकर मैदागिन तक रिक्शा और टूह्वीलर का जोर दिखा। वहीं कांवरियों के शिविर में दवा-मलहम (फस्र्टएड बाक्स) की व्यवस्था नहीं थी। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने रियलिटी चेक किया तो कई मंदिरों में कांवरिये कम दिखाई दिए तो भक्तों की संख्या ज्यादा रही।
मैदागिन-गोदौलिया में चलते रहे रिक्शाप्रशासन ने सावन माह को देखते हुए मैदागिन से गोदौलिया मार्ग पर रिक्शा चलने पर रोक है, लेकिन सावन के पहले दिन ही प्रशासन के आदेश का असर नहीं दिखा। गोदौलिया चौराहे पर कई रिक्शा चालक सवारी का इंतजार करते नजर आए तो बहुतेरे सवारी बैठाकर ले जाते नजर आए। कई ऐसे रिक्शा चालक रहे जो चढ़ान को देखते ही पैदल ही रिक्शा खींचते रहे।
दवा का नहीं इंतजामराजेन्द्र प्रसाद घाट पर लगे शिविर में सावन के पहले दिन कांवरियों की संख्या कम रही। महज 8 से 10 कांवरिये ही शिविर में आराम कर रहे थे, लेकिन शिविर में दवा के इंतजाम नहीं दिखे। सावन के पहले सोमवार को कांवरियों की भीड़ आने की संभावना जताई जा रही है। भीड़ को देखते हुए शिविर में दवाओं का इंतजाम करना बताया जा रहा है। किसी कांवरिये के पैर में छाला पड़ जाए तो उनके इलाज की व्यवस्था शिविर में नहीं दिखा।
तैयार हो रहा क्यूआर कोड सावन में आने वाले कांवरियों को मंदिर आने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए क्यूआर कोड जगह-जगह लगाने की व्यवस्था थी। लेकिन, अभी क्यूआर कोड को तैयार होने में करीब 20 दिन का समय और लगेगा। क्यूआर कोड लग जाने से कांवरियों को काफी सहूलियत मिलेगी। गुरुभक्तों की उमड़ी भीड़बीते सोमवार को गुरु पूजन के लिए पहुंचे आस्थावान अल्पावधि का काशी प्रवास और बाबा दरबार जाने की आस में आकुल-व्याकुल रहे। सावन के एक्कम में महादेव को जल चढ़ाने और उनका दर्शन कर कृतार्थ होने का अवसर नहीं चूके। गंगाजल लेकर तड़के ही बाबा दरबार की कतार में जा जुटे। श्रद्धालुओं की कतार कॉरिडोर में सीमित रही। वहीं, बाबा दरबार से लेकर गंगधार तक ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते श्रद्धालु उनकी भक्ति में दक्ष और दर्शन ही एकमात्र लक्ष्य रहा।
जौनपुर से पहुंचा कांवरियों का जत्था बाबा को जल चढ़ाने के लिए जौनपुर से कांवरियों का एक छोटा जत्था काशी पहुंचा। इसमें महिला कांवरिया के साथ दो किशोरियां एवं पुरुष भक्त भी शामिल रहे। उनके अलावा अन्य कांवरिये भी अलग-अगल समय में बाबा दरबार में हाजिरी लगाई। वहीं, धाम में की गई सुविधाओं से बाबा के भक्त काफी गदगद नजर आए। जर्मन हैंगर की छांव में सुस्ताए दर्शन के बाद भक्त जर्मन हैंगर की छांव में सुस्ताए तो बहुतेरे कूलर की ठंडी हवाओं का आनंद भी उठाए। इसके लिए श्रद्धालुओं मंदिर प्रशासन की प्रशंसा भी की। गर्भगृह के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी भी बेहद संयमित एवं व्यवहारिक नजर आए। उनकी मदद से श्रद्धालु सुगम दर्शन कर पाए। इसी तरह श्रीगौरीकेदारेश्वर मंदिर, तिलभांडेश्वर महादेव, सिद्धेश्वर महादेव, बैजनाथ महादेव और घृष्णेश्वर महादेव सहित महामृत्युंजय महादेव मंदिर भी दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा।