देश से साढ़े चार लाख मंदिर मुक्त कराएंगे
वाराणसी (ब्यूरो)। श्री आदि महादेव का मॉडल जल्द ही दिल्ली में भी लगाया जाएगा। इसके लिए काशी धर्मालय मुक्ति न्याय के तत्वावधान में आयोजित धर्म रक्षा संगोष्ठी में सभी ने हामी भरी। एक स्वर में कहा कि दिल्ली के भी लोग जाने कि साढ़े तीन सौ साल पहले कैसा था श्री आदिविशेश्वर का दरबार। श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मु्िरक्त न्यास द्वारा रविवार को सांस्कृतिक संकुल चौकाघाट में जन जागरण के लिए धर्म रक्षा संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में श्री ज्ञानवापी विश्वेश्वर मंदिर के अतीत स्वरूप के मॉडल का मुख्य अतिथि स्वामी दीपंकर महाराज ने उद्घाटन व ज्ञानवापी का सच और सबूत संबंधित स्मारिका का विमोचन भी किया गया.
जनता को न्यायालय पर भरोसान्यास के संरक्षक तथा इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर के चौधरी ने कहा कि काशी की धर्म परायण जनता न्यायालय में पूरा विश्वास रखती है हमें उम्मीद है शीघ्र ही न्यायालय से ज्ञानवापी मुक्ति का रास्ता प्रशस्त होगा। मुख्य अतिथि स्वामी दीपांकर महाराज ने उपस्थित जनमानस को ज्ञानवापी मुक्ति का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि हिंदू सदैव सहिष्णु रहा है। हम शांति से क्रांति के रास्ते अपनाते हैं.
देश के मंदिर को मुक्त कराना लक्ष्यसुरेश चौहान ने कहा कि सर्फ काशी मथुरा की बात नहीं है देश में साढ़े चार लाख से ज्यादा मंदिरों को मुक्त कराना है। पूर्व विधायक कपिल शर्मा ने ज्ञानवापी संबंधित प्रदर्शनी दिल्ली में भी लगाने का अनुरोध किया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत ने ज्ञानवापी का शास्त्रोक्त वर्णन किया.
यह रहे मौजूद कार्यक्रम का संचालन सुप्रीम कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने किया। कार्यक्रम में न्यास के डॉक्टर राम प्रसाद, संजीव त्रिपाठी, श्री मनोज मद्धेशिया, अरविंद रस्तोगी, यूआर सिंह, अनुज डीडवानिया, प्रशांत अग्रवाल, राहुल मेहता, नीरज पारीक आलोक भंसाली, मौजूद थे. ज्ञानवापी का सच सामने आना जरूरी : मनोज तिवारीवाराणसी पहुंचे भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि ज्ञानवापी का सच सामने आना जरूरी है। इसके लिए कई लोग सामने से लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं बहुत लोग घर-घर बैठकर प्रार्थना कर रहे हैं, वो इस लड़ाई में मदद कर रहे हैं। पूछ रहे हैं कि नंदी जिस ओर बैठे हैं तो शिव मंदिर कहां हैं। कहा कि वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित हो गया है कि नंदी का मुंह जिस ओर होता है, उधर ही शिव मंदिर होता है। ज्ञानवापी मामले में भी यही है्र। अभी ज्ञानवापी में कोर्ट ने सर्वे का निर्णय लिया। इसके पहले भी दो बार सर्वे हुआ जिसमें ये पाया गया कि शिवभक्तों का जो विश्वास है वो सत्य है.