गर्मी में एसी बसें भी बेबस
वाराणसी (ब्यूरो)। गर्मी से आम पैसेंजर्स बेहाल हैं और रोडवेज की एसी बसों का हाल ये है कि 17 में से 6 एसी बसें खुद ही वर्कशाप में बीमार हैं। किसी का एसी खराब है तो किसी का चार्जिंग प्वाइंट काम नहीं कर रहा। फिलहाल इस भीषण तपिश में एसी बस से यात्रा करने वाले यात्री भी परेशान हैं, क्योंकि कब बीच रास्ते में एसी खराब हो जाने पर दम घुटने लगे, कुछ कहा नहीं जा सकता। वर्कशाप में पड़ी एसी बसें कुछ ऐसा ही बयां कर रही हैं.
हर घंटे पर वर्कशॉपभीषण गर्मी में सुगम यात्रा के लिए ज्यादातर पैसेंजर्स एसी बस को पसंद करते हैं, लेकिन जब एसी बसें ही धोखा देने लगें तो पैसेंजर्स की फजीहत होनी लाजिमी है। रोडवेज की वातानुकूलित बसें यात्रा के दौरान आए दिन खराब हो रही हैं। ज्यादातर एसी खराब होने की समस्या सामने आ रही है। इस समय हाल ये है कि हर घंटे पर वर्कशॉप में मरम्मत के लिए पहुंच रही हैं एसी बसें.
घुटने लगा दमयात्री रोहित कुमार ने बताया कि वे प्रयागराज से वाराणसी एसी बस से आ रहे थे। यात्रा के दौरान बीच रास्ते में एसी ने काम करना बंद कर दिया। थोड़ी देर बाद कंडक्टर से पूछा तो उसने जवाब दिया कि एसी काम नहीं कर रहा है। सीट पर बैठे-बैठे कई यात्रियों का भीषण गर्मी में दम घुटने लगा। कई यात्रियों की शिकायत थी कि बीच रास्ते में मोबाईल डिस्चार्ज हो गया, चार्ज करने चले तो बस की चार्जिंग प्वाइंट की खराब मिली। इसके चलते मोबाइल बंद हो गया.
सुविधाएं कोसों दूर रोडवेज बसों में सफर करने वाले यात्रियों से सुविधा शुल्क का पैसा जोड़कर किराया लिया जा रहा है। पर यात्री को मिलने वाली सुविधाएं कोसों दूर हैं। 200 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर प्रति यात्री 15 रुपये सुविधा शुल्क लेकर सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जा रहा है। एसी खराब होने की समस्या तो आम हो गयी है. कई की वायरिंग खराब रोडवेज की कई बसों में खामियां सामने आई हैं। खास तौर पर बसों की वायरिंग में खराबी है। इस वजह से मोबाइल चार्जर प्वाइंट काम नहीं कर रहे हैं। किसी का शीशा खराब है तो किसी का इंजन आवाज कर रहा है। एसी के साथ-साथ साधारण बसों का भी हाल बेहाल है। वर्कशॉप में खड़ी बसेंकैंट रोडवेज वर्कशाप में एसी खराब होने की वजह से छह बसों को खड़ा किया गया है। इन बसों की एसी खराब होने से पैसेंजर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रोडवेज के एआरएम का कहना है कि कैंट रोडवेज में 17 एसी बसें हैं। इनमे से 14 बसें प्रतिदिन चलायी जाती हैं। 3 बसों को स्टैंडबाई में रखा जाता है.
प्रतिदिन दस हजार पैसेंजर्स कैंट रोडवेज से प्रतिदिन दस हजार से अधिक यात्री यात्रा प्रारंभ करते हैं। इनमें सबसे अधिक प्रयागराज, लखनऊ, सोनभद्र, आजमगढ़, मिर्जापुर, भदोही, चंदौली शामिल हैं। ऐसे में एसी बसों की स्थिति खराब होने से इसका खामियाजा पैसेजर्स को भुगतना पड़ता है. 17 एसी बसें हैं। इनमें से 14 को ही प्रतिदिन चलाया जाता है। सभी बसों की एसी की मरम्मत हमेशा की जाती है। भीषण गर्मी में यात्रा के दौरान किस बस की एसी खराब हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। रही बात एसी बस की संख्या बढ़ाने की तो यह उच्च अधिकारी तय करेंगे. महेन्द्र पाण्डेय, एआरएम, कैंट रोडवेज