नगर निगम की एक खोज, होगी 25 करोड़ की कमाई
वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निगम ने ग्लोबल इंफार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर अपनी करोड़ों की खोई हुई कमाई खोज ली है, सर्वे नहीं होता तो यह कमाई सामने नहीं आती। अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नगर निगम ने फस्र्ट फेज में वर्तमान वित्तीय वर्ष से ही सिटी के 1,18000 भवनों को चिह्नित कर हाउस टैक्स भी निर्धारित कर का दिया है। यदि ये प्रॉपर तरीके से टैक्स का भुगतान कर दें तो 20 से 25 करोड़ रुपये नगर निगम के खजाने में जमा हो जाएंगे.
स्वत: बढ़ा टैक्सनगर निगम की मानें तो जीआई सर्वे में स्वकर न भरने वाले भवन स्वामियों का स्वत: टैक्स बढ़ गया है। क्योंकि 90 परसेंट भवन स्वामी गृहकर बचाने के लिए तीन मंजिला भवन को एक मंजिला बताकर टैक्स जमा कर रहे थे। इस तरह कई भवन स्वामियों ने बड़े पैमाने पर टैक्स बचाया। अब जब जीआई सर्वे हुआ तो यह सच सामने आया और भवन स्वामियों का टैक्स बढ़ गया। अब बढ़ा हुआ टैक्स लेने के लिए नगर निगम सभी को डिमांड नोटिस जारी करेगा।
6000 वाणिज्यिक भवन चिह्नितनगर निगम के जीआई सर्वे में 6 हजार कॉमर्शियल व 16 हजार अद्र्ध वाणिज्यिक भवन चिह्नित किए गए हैं। इन भवन स्वामियों ने भी टैक्स में काफी गोलमाल किए हैं। जितना टैक्स नगर निगम को देना था उतना भुगतान नहीं किया है। इनके खिलाफ भी नगर निगम नोटिस जारी करेगा। निगम के अफसरों की मानें तो सर्वे से भवन स्वामी टैक्स के रूप में जो कमाई छुपा रहे थे वह उजागर हो गया है। उन भवन स्वामियों का गृहकर बढ़ाया गया जो भवन की बनावट के अनुसार कम टैक्स जमा कर रहे थे.
25 हजार नए फ्लैट नगर निगम के अफसरों की मानें तो जीआई सर्वे में सिटी में 25 हजार नए मकान व फ्लैट बन गए। मकानों का बंटवारा होने के बाद वे तीन से चार भागों में बंट गए हैं लेकिन टैक्स एक ही मकान से जमा हो रहा है। इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। ऐसे मकानों को भी चिह्नित किया जा रहा है। एक मकान से चार भाग में बटवारा होने के बाद जहां चार हजार टैक्स आना चाहिए, वहां से एक ही हजार जमा हो रहा था। नगर निगम ने जीआई सर्वे दो साल पहले शुरू कराया था। जमा करने का मौकानगर निगम ने शहरवासियों को गृहकर जमा करने के लिए मौका भी दिया है। विभाग जो नोटिस जारी करेगा उसमें दो कालम बनाए गए हैं। पहले कालम में सर्वे के आधार पर भवन का पूरा ब्यौरा। दूसरे कालम में भवन स्वामी को स्वयं फील करना है कि जीआई सर्वे सही है या गलत। इसके बाद नगर निगम इसका भौतिक सत्यापन कराएगा। सत्यापन में सही पाया गया तो जो गृहकर की राशि तय की गयी है उसे जमा करना होगा। नोटिस का जवाब एक सप्ताह के अंदर देना होगा, नहीं तो जीआई सर्वे के आधार पर जो टैक्स की देनदारी है उसे भरना होगा।
86 करोड़ वसूलने का लक्ष्य नगर निगम ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 86 करोड़ रुपये गृहकर वसूलने का लक्ष्य निर्धारित किया है। नगर निगम ने दो साल पहले आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों का ग्लोबल इंफार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) सर्वे कराया था। अब इसे लागू किया गया है। इसके तहत जिन लोगों ने टैक्स कम जमा किया है उन्हें नोटिस जारी करने की प्रक्रिया में नगर निगम जुट गया है। जीआई सर्वे में काफी खामियां उजागर हुईं। लोगों ने मकान बना लिया तीन मंजिला और टैक्स जमा कर रहे थे एक मंजिल का। एक मकान का बंटवारा चार भागों में हुआ था। जमा हो रहा था एक ही मकान का टैक्स। अब इनको नोटिस जारी किया जाएगा. शिपू गिरी, नगर आयुक्त