दिखा दम पर उम्मीद से कम
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में सोमवार को आठ विधानसभा सीटों पर हुए मतदान में ग्रामीण वोटर्स ज्यादा उत्साहित दिखे। इसकी वजह से ओवरऑल वोटिंग प्रतिशत 58.80 तक पहुंचा। यह आंकड़ा पिछले चुनाव में हुए वोटिंग प्रतिशत से कम है। इस बार जिला निर्वाचन अधिकारी ने 80 पार का नारा दिया था, लेकिन ये 58.80 पर आकर ही अटक गया। वोटिंग के दौरान ईवीएम में खराबी, वोटर लिस्ट से नाम गायब, सुरक्षा जवानों से नोकझोंक समेत कई कंपलेन सामने आए, लेकिन इन सब को छोड़ दें तो कुल मिलाकर चुनाव शांतिपूर्ण हुआ। पिछले चुनाव की तरह इस बार भी शहरी वोटर्स पिछड़ते नजर आए। शिवपुर व सेवापुरी में सबसे अधिक वोटिंग हुई, जबकि शहरी सीट कैंट व दक्षिणी में सबसे कम मतदान हुआ.
फस्र्ट टाइम वोटर्स में उत्साहफस्र्ट टाइम वोटर्स खासे उत्साहित दिखे। वाराणसी की सभी आठ सीटों पर पहली बार वोटर बने युवाओं में जबर्दस्त उत्साह दिखा। सुबह के वक्त जहां सीनियर सिटीजंस ने जिम्मेदारी संभाली। वहीं दोपहर से लेकर शाम तक महिलाओं और युवा लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते नजर आए। कई बूथों पर बुजुर्ग महिलाएं अपने संगे-संबंधियों के साथ वोट देने पहुंची। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के बूथों पर सुबह से ही महिलाओं की लंबी कतार लगी रही। इनकी अपेक्षा अन्य बूथों पर महिलाओं में इतना उत्साह नहीं दिखा।
इनकी प्रतिष्ठा दांव पर आखिरी चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इनमें शिवपुर से कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, उत्तरी से राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल, दक्षिणी से राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी हैं। इन तीन सीटों पर सभी मंत्रियों को सपा गठबंधन से जबर्दस्त टक्कर मिल रही है। इसी तरह तीन पूर्व मंत्री भी मैदान में हैं, जिसमें सेवापुरी से राज्यमंत्री रहे सुरेंद्र पटेल, पिंडरा से अजय राय और अजगरा से रघुनाथ प्रसाद शामिल हैं। ये तीनों प्रत्याशी अपने प्रतिद्वंद्वियों को जबर्दस्त टक्कर दे रहे हैं। सख्त रही सुरक्षा, तीखी बहस भी वाराणसी के सभी 1248 पोलिंग सेंटर्स पर सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी थी। रविवार शाम ही सभी जगहों पर अद्र्धसैनिक बलों व सीआरपीएफ के जवानों ने पोलिंग सेंटर्स को अपने कब्जे में ले लिया था। सोमवार सुबह सात बजे से सशस्त्र सुरक्षा बलों की मौजूदगी में मतदान सम्पन्न हुआ। करीब 20 से 30 केंद्रों पर वोटिंग के दौरान सुरक्षाबलोंं से प्रत्याशियों के अलावा वोटरों की तीखी बहस भी हुई। ईवीएम ने दिया धोखाइस बार भी कई जगहों पर ईवीएम ने धोखा दिया। राज्यमंत्री एवं उत्तरी से प्रत्याशी रवींद्र जायसवाल ने अपने परिवार के साथ गवर्नमेंट गल्र्स इंटर कॉलेज, मलदहिया में वोट डाला, लेकिन ईवीएम खराब होने के कारण उन्हें करीब आधे घंटे तक इंतजार करने के बाद वोट डाल पाए। इसके अलावा यूपी कालेज के बूथ-28 व किशनपुर पर ईवीएम खराब हो गई थी, जिससे कुछ देर के लिए मतदान प्रभावित था। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी कई जगहों पर ईवीएम खराब होने का मामला सामने आया।
पत्नी ने दूसरे दल के प्रत्याशी को दिया वोट, पति का फूटा गुस्सावाराणसी में सातवें चरण में सोमवार को वोटिंग हुई। इस दौरान पिंडरा में पति के आदेश का पालन नहीं करने पर बखेड़ा खड़ा हो गया। पत्नी ने पति के कहे अनुसार वोट नहीं डाला तो उसके क्रोध का सामना करना पड़ गया। हालांकि पत्नी ने यह तो नहीं बताया कि उसने किसे वोट दिया है लेकिन बूथ के बाहर आने के बाद पति के पूछने पर भी वह चुप रह गई तो पति का गुस्सा फूट पड़ा। मामला पिंडरा विधानसभा क्षेत्र के बीकापुर प्राथमिक विद्यालय का है। यहां के बूथ संख्या 137 पर पति-पत्नी वोट डालने पहुंचे थे। पति लम्बे समय से एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रत्याशी के साथ प्रचार प्रसार में लगा था। सोमवार को वोट डालकर पत्नी बाहर निकली तो पति ने पूछ लिया किसे वोट दिया। पत्नी कुछ नहीं बोली और चुपचाप घर चली गई। उसकी चुप्पी ने पति का शक बढ़ा दिया और पीछे-पीछे घर पहुंच गया। पति ने दोबारा घर पर पूछा तो पत्नी ने दूसरी पार्टी को वोट देने की बात कह दी। इस पर पति का गुस्सा फूट पड़ा और पत्नी की पिटाई शुरू कर दी। परिजनों ने किसी तरह पत्नी को बचाया और दोनों को समझाया। बताया जा रहा है कि महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य है.
नीलकंठ तिवारी की नोकझोंक दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के कोनिया प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए मतदान केंद्र पर डॉ। नीलकंठ तिवारी और पुलिसकर्मियों के बीच नोकझोंक हुई। नीलकंठ तिवारी अपने समर्थकों के साथ बूथ की ओर जा रहे थे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका। इससे वह नाराज हो गए। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों द्वारा मंत्री को पहचानने से इंकार करने पर विवाद बढ़ गया। दोनों ओर से बहस हुई। हालांकि, थोड़ी ही देर बाद मामला शांत हो गया। मैं 6 चरणों का चुनाव करा कर आया हूंकैंट विधानसभा के कमच्छा स्थित रणवीर संस्कृत विद्यालय पर तैनात सीपीएमएफ प्रभारी चमन लाल सब इंस्पेक्टर आईटीबीपी को निर्वाचन के दौरान सभी पोलिंग एजेंट की वोटर लिस्ट को फेंकवा दिए जाने पर माहौल तल्ख हो गया। इस दौरान सब इंस्पेक्टर आईटीबीपी ने यह कहते हुए एक उम्मीदवार को रोक दिया कि मैं 6 चरणों का चुनाव करा कर आया हूं। मुझे नियमों की पूरी जानकारी है। व्यवस्था बिगडऩे पर डीएम/जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा ने निर्वाचन नियमों के उल्लंघन पर चमन लाल को कार्यमुक्त कर दिया। इनके स्थान पर भी रिजर्व सीपीएमएफ व पीएसी को मतदान केंद्र पर लगाने का आदेश दिया.