बनारस में 25 हजार अवैध निर्माण
वाराणसी (ब्यूरो)। विकास प्राधिकरण की सीमा के अंदर अवैध निर्माण थम नहीं रहा है। जेई व जोनल अधिकारियों की मिलीभगत से वाराणसी में अवैध निर्माण की बाढ़ आ गई है। प्रदेश के सभी प्राधिकरण वाले शहरों में लगातार इसकी शिकायत मिल रही है। इसी को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ और सख्त होने जा रही है। सीएम के आदेश पर आवास विभाग ने 15 शहरों में हुए बड़े अवैध निर्माणों की सूची तैयार कराई है, जिसमें चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। वाराणसी में 24758 अवैध निर्माण पाए गए हैं, जो यूपी में दूसरे नंबर पर है। 30715 अवैध निर्माण के साथ प्रयागराज पहले और तीसरे पायदान पर गोरखपुर है।
नगवां में सर्वाधिक अवैधप्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते प्रदेश के शहरी इलाकों में अवैध निर्माण सबसे बड़ी समस्या है। विकास प्राधिकरण के अभियंताओं की मिलीभगत से लंबे समय से अवैध निर्माण का सिलसिला चल रहा है, जिसमें आम पब्लिक के साथ बड़ी संख्या में बिल्डर भी शामिल है। पिछले साल तत्कालीन वीसी ईशा दुहन ने तीन वार्डों में औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्हें नगवां वार्ड के अखरी, चुनार रोड, अवलेशपुर, चितईपुर में सर्वाधिक 100 से अधिक अवैध निर्माण मिले थे। वार्ड के जेई की कार्यशैली से वह काफी नाराज भी हुई थी। अवैध निर्माण के लिए कई जेई को कारण बताओ नोटिस जारी करके उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके साथ ही सुपरवाइजर समेत वार्ड में लगे सभी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को वार्ड से हटाकर कार्यालय से अटैच कर दिया है.
जाम की होती समस्या शहर में आए दिन जाम की समस्या हो रही है। इसमें सबसे ज्यादा समस्या मुख्य मार्गों को लेकर आ रही है। मानक की अनदेखी कर बिल्डर आवासीय व व्यवसायिक कांप्लेक्स धड़ाधड़ खड़ा कर रहे हैं। इसमें पार्किंग के लिए स्थान भी नहीं छोड़े जा रहे हैं। इसके चलते शहरों में जमा की समस्या खड़ी हो गई है। इसी मद्देनजर पिछले दिनों आवास विभाग ने प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों से अवैध निर्माण की सूची मांगी थी। इसमें पूछा गया था कि कितनों को शुल्क लेकर वैध किया गया और कितनों को गिराया गया। इसके आधार पर यह जानकारी मिली है। इसके लिए जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आई है. छुट्टी के दिनों में ज्यादासर्वे में पता चला कि अवैध निर्माण अधिकतर छुट्टी के दिनों में होता है। खासकर होली, दीपावली, दशहरा समेत बड़े त्योहार जब तीन से चार दिन की छुट्टी होती है तो अधिकतर जगहों पर तेजी से अवैध निर्माण कराया जाता है। खासकर छह की ढलइया छुट्टी के दौरान की कराई जाती है। इसके लिए पहले से प्लान तैयार किया जाता है।
प्राथमिकता पर करें निस्तारित प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने सभी विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिया है कि अवैध निर्माणों को प्राथमिकता पर निस्तारित कराया जाए। बहुमंजिला भवनों जिनमें भवन निर्माण व विकास उपविधि के अनुसार स्ट्रक्चर व सेफ्टी के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिए गए हैं, उनका परीक्षण कराया जाए। टॉप-10 शहरों की सूची 30715 प्रयागराज 24758 वाराणसी 23389 गोरखपुर 15219 लखनऊ 13002 मेरठ 12392 कानपुर 11748 मुरादाबाद 10326 आगरा 9822 गाजियाबाद 7317 मुजफ्फनगर अवैध निर्माण पर प्राधिकरण की टीम की ओर से निगरानी रखी जा रही है। लगातार एक्शन भी हो रहा है। शासन के निर्देशानुसार इसका निस्तारण भी कराया जाएगा। अधिक से अधिक नक्शा पास कराने पर भी जोर है। इसके लिए तमाम प्रयास भी जारी है. अभिषेक गोयल, वीसी