200 नामचीन लोग नहीं देते हाउस टैक्स
वाराणसी (ब्यूरो)। सिटी के दो सौ नामचीन लोग पिछले एक दशक से हाउस टैक्स नहीं दे रहे हैं। नगर निगम ने जब जीआईएस सर्वे कराया तो यह सच सामने आया। एक-एक नामचीन के ऊपर 10 से 20 लाख रुपए गृहकर बकाया है। सबसे अधिक बड़े बकाएदार वरुणा जोन और दशाश्वमेध जोन में हैं। इनमें होटल, हास्पिटल, एजेंसी और कॉमर्शियल भवन शामिल हैं। इन बड़े बकाएदारों पर 9 करोड़ रुपए गृहकर बकाया है। इनसे वसूली के लिए आठों जोन के अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जोन के अफसरों ने बकाया गृहकर लेने के लिए नोटिस जारी कर दिया है.
दशाश्वमेध जोन में 40 परसेंट बकायाताज्जुब करने वाली बात है कि जीआईएस सर्वे में सबसे अधिक बड़े बकाएदार दशाश्वमेध में हैैं। यहां घाट किनारे कई होटल, लॉज और गेस्ट हाउस चल रहे हैं। इसके अलावा साड़ी, लहंगा, कुर्ता-पायजामा, चूड़ी, कंगन, शूज के कई प्रतिष्ठान हैं। एक-एक प्रतिष्ठानों पर 10 से लेकर 20 लाख रुपए तक का गृहकर बकाया है। दस साल पहले प्रतिष्ठान एक रूम में चल रहे थे, आज तीन से चार रूम में उनकी दुकानें चल रही हैं। यही हाल होटल, लॉज और गेस्ट हाउस में देखने को मिला। दो मंजिला से कई गेस्ट हाउस पांच मंजिला हो गया, वहीं कई होटल चार मंजिला से छह मंजिला हो गया। गृहकर पुराने दर से दे रहे थे.
वरुणापार जोन भी पीछे नहीं वरुणापार जोन में भी 30 परसेंट से अधिक बकाएदार हैं। इस क्षेत्र में सबसे अधिक होटल और काम्प्लेक्स है। लग्जीरियस होटल के पीछे भी कई नए होटल बने हैैं। इन होटलों में कमरे काफी अधिक बनाए हैं, लेकिन टैक्स कुछ ही कमरों का दे रहे हैं। कई होटल तो टैक्स बचाने के लिए दो ही मंजिल दिखाए हैं, जबकि उनका होटल तीन से चार मंजिला है। जीआईएस सर्वे में ऐसे होटल सबसे बड़े बकाएदार के रूप में नजर आ रहे हैं। एक दर्जन से अधिक होटलों को जोन के अधिकारियों ने नोटिस जारी किया है. आदमपुर जोन में 5 परसेंट बकाएदार कोतवाली व आदमपुर जोन में सबसे कम बकाएदार हैं। इन जोन में कई घर ऐसे हैं, जो कॉमर्शियल यूज हो रहे हैं और टैक्स गृह के नाम पर दे रहे हैं। मकान में ही कटरा, दुकानें चल रही हैं। ऐसे कई मकान जिन्होंने नीचे कटरा और ऊपर मकान बनवा रखा है। इनको चिह्नित कर नोटिस जारी किया गया है। फिलहाल जोन के अधिकारियों की मानें तो नोटिस का जवाब न देने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी. जोन में बन गए नए मकाननगर निगम के अफसरों की मानें तो जो नए जोन बने हैं, उनमें भी कॉमर्शियल भवन बने हैं। सारनाथ, मंडुआडीह, रामनगर में भी कई नए एजेंसी और कॉमर्शियल भवन का निर्माण किया है। कई फ्लैट और शोरूम बनाए गए हैं। इन कॉमर्शियल भवनों ने भी टैक्स कम दिखाया है। एक-एक भवन में दस लाख से अधिक का बकाया है। विभाग इनसे गृहकर मांग रहा है तो देने में आनाकानी कर रहे हैं। यह चार पांच साल के नहीं बल्कि दस साल के बकाएदार हैं। सभी जोन में गृहकर करीब 9 करोड़ बकाया है.
बड़े बकाएदारों से गृ़हकर वसूली के लिए सभी जोन के अफसरों को लिस्ट बनाकर दे दिया है। नोटिस जारी किया गया है। नोटिस के बाद भी गृहकर नहीं देते हंै तो विधिक कार्रवाई की जाएगी. असीम रंजन, सीटीओ, नगर निगम