ब्लैक स्पॉट बन रहे हादसे का कारण प्रशासन से पीडब्ल्यूडी ने की है बजट की डिमांड ब्लैक स्पॉटों को राहगीरों को समझाने और बताने वाले साइन बोर्ड हैं नदारद

वाराणसी (ब्यूरो)स्मूथ आवागमन के लिए आज के दौर में भी ब्लैक स्पॉट जानलेवा साबित हो रहे हैैं। पीडब्ल्यूडी के रिकार्ड के अनुसार जिले में 18 ब्लैक स्पाॉट हैं। दरअसल, विभागों द्वारा इन ब्लैक स्पॉटों की लिस्ट तो जारी कर दी जाती है, पंरतु इनको ठीक कराने के नाम पर सभी मौन हो जाते हैं। साथ ही यह सवाल पैदा हो जाता है कि सड़कों के निर्माण के दौरान ही इन ब्लैक स्पॉट को क्यों नहीं हटा दिया गया। यही नहीं इन ब्लैक स्पॉटों पर साइन बोर्ड तक नहीं लगे हैैं। हालांकि इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने जिला प्रशासन से 35 करोड़ रुपये की डिमांड लंबे समय से की है। बजट के अभाव के कारण अब तक काम शुरू नहीं हो सका है।

बजट के अभाव में काम रुका

जी20 की पहली मीटिंग से पहले से शहर के अंदर से इन ब्लैकस्पाटों को दूर करने का प्रस्ताव रखा गया था और संबंधित विभाग को आदेशित भी किया गया था कि जी 20 की पहले चरण की मीटिंग से पहले इन ब्लैक स्पाॉटों को हर हाल में दूर कर लिया जाए। ऐसे में पहले चरण की मीटिंग खत्म होने के बाद दूसरे चरण की मीटिंग आ गई है लेकिन ये ब्लैक स्पाॉट आज भी उसी लोकेशन पर मौजूद हैं। ऐसे में इसके पीछे बताया जा रहा है कि इन ब्लैक स्पॉटों को दूर करने के लिए विभाग को 35 करोड़ के अतिरिक्त बजट की आवश्यकता थी परंतु नहीं मिल पाने के कारण सारे कार्य अधर में लटक गए हंै.

ब्लैकस्पाट के लोकेशन

बीएस कोड-रोड का नाम-ब्लैक स्पाट लोकेशन

यूपी 4999-एनएच 233-लालपुर रिंग रोड

यूपी5000-कछवा रोड-भिखारीपुर

यूपी5003-एनएच 31-गिलट बाजार

यूपी 5875-मोहनसराय रोड-लहरतारा

यूपी 5876-राजमार्ग संख्या 7-रामनगर

यूपी 5924-बेला पहाडिय़ा मार्ग-बेला

यूपी 5925-भोजूबीर सिंधौरा मार्ग-अय्यर बाजार

यूपी 3530-चकिया मार्ग-चांदपुर

यूपी 3532-एनएच 31-गिलट बाजार

यूपी 3534-हरहुआ मार्ग-टेंगरा ओवरब्रिज

यूपी 4174-गोपीगंज मार्ग-धमरिया

यूपी 4175-कपसेठी रोड-छिलबिला

यूपी 4411-दीनदयाल मार्ग-लहरापुर

यूपी 4412-राजमार्ग संख्या 7-सूजापुर

यूपी 4454-लहरतारा कोटवा-छितौनी

यूपी 4455-भाउपुर से हाथीबाजार-कालिका बाजार

विभाग द्वारा ब्लैकस्पाटों का चिन्हाकन कर लिया गया है। जिन लोकेशन पर साइन बोर्ड नहीं है वहां पर तत्काल लगवाया जाएगा। जैसे ही बजट का आंवटन हो जाता है, वैसे ही टीम की मदद से इन्हें दूर करने का कार्य शुरू कर दिया जायेगा.

केके सिंह, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी

Posted By: Inextlive