तंबाकू की जद में समा रहे नौजवान
टोबाको डे पर खास
-मेरठ में 33 फीसदी युवा तंबाकू की जद में -शहर में दो फीसदी महिलाएं भी हैं नशे की आदी -युवाओं में खतरनाक ट्रेंड से बढ़ रहा कैंसर का खतरा -एक सर्वे के बाद हुआ हुआ खुलासा आई स्पेशल sunder.singhMeerut: मेडिकल सिटी मेरठ में 33 फीसदी लोग 20 साल की उम्र से पहले ही तंबाकू खाना शुरू कर देते हैं। मस्ती, खुशी, देखादेखी और नए स्वाद के लिए स्कूल और कॉलेज में ही युवा इस लत में पड़ जाते हैं। यह हालत तब हैं जब 98 फीसदी लोगों को ये पता है कि तंबाकू खाने से फेफड़ों पर खराब असर होता है। इसके बावजूद भी लोग जिंदगी को दाव पर लगाकर तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। एक सर्वे में यह बात सामने आई है। जिसमें जिले के 15 इलाकों के 5000 लोगों को शामिल किया गया। जिसमें 20 प्रतिशत महिलाएं भी थीं।
सर्वे में सामने आया सच 42 प्रतिशत लोग शहर में किसी न किसी रूप में तंबाकू के आदी हैं। 20 प्रतिशत लोग खुशी के लिए करते हैं तंबाकू का सेवन 7 प्रतिशत लोग सिर्फ मस्ती के लिए खाते हैं तंबाकू 9 प्रतिशत लोग दोस्तों को देखकर शुरू करते हैं तंबाकू का सेवन6 प्रतिशत स्वाद के लिए खाते हैं तंबाकू
33 फीसदी लोग 20 साल से कम उम्र में तंबाकू का सेवन शुरू कर देते हैं। (नशा नियंत्रण फाउंडेशन के सचिव डॉ.पीयूष शर्मा के अनुसार)। स्कूल से लगी लत सबसे ज्यादा 38 प्रतिशत लोगों ने माना है कि वह तंबाकू का यूज करते हैं और उन्हें यह आदत स्कूल, कॉलेज और शुरुआती नौकरी के वक्त लगी थी। टशन या मस्ती के लिए तंबाकू खाने वाले लोगों ने कहा कि अगर उन्हें स्कूल के समय ही इससे होने वाले नुकसान के बारे में पता चल जाता तो वे शायद तंबाकू नहीं खाते। अब भी वे इस लत से निकलना चाहते हैं लेकिन कोई रास्ता नजर नहीं आता। महिलाओं में बढ़ रहा क्रेज कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ। सुभाष सिंह ने बाताया कि मेरठ में सबसे ज्यादा तंबाकू की वजह से ही लंग्स कैंसर होता है। वहीं महिलाओं में सबसे ज्यादा बे्रस्ट कैंसर के केस देखे गए हैं। दिन पर दिन महिलाओं में तंबाकू खाने की लत बढ़ रही है। वर्किंग महिलाओं में यह ट्रेंड ज्यादा दिख रहा है। जिसके परिणाम बहुत ही खतरनाक साबित होंगे। इन स्थानों पर जाकर किया सर्वेडॉ। पीयूष ने बताया कि उन्होंने पूरी टीम के साथ पांडवनगर, गंगानगर, लोहिया नगर, अजंता कालोनी, मवाना, हस्तिनापुर, फलावदा, छोटा मवाना, किला, किठौर, खरखौदा, जानी, मोदीनगर, सरूरपुर, जाकर हर उम्र के 5000 लोगों से बात की। जिसके बाद सच सामने आ सका।
सरकार करे पहल डॉक्टरों का कहना है कि यह बहुत खराब आदत है। इसमें लोग जानबूझकर अपने आप को मौत के मुंह में धकेल रहे हैं। लेकिन इसे रोका जा सकता है। जरूरत है कि लोग इसे समझे और सरकार लोगों को तंबाकू छुड़ाने के लिए पहल करे। पहले भी सरकार नशा छुड़ाने के लिए कार्यक्रम चलाती रही है। लेकिन इन्हें और बढ़ाने की जरूरत है। ताकि उनकी जिंदगी हेल्दी और और सरल बन सके। तंबाकू की लत धीरे-धीरे करके व्यक्ति को खाती रहती है। उम्र बढ़ने पर जब संबंधित व्यक्ति हांफने लगता है तो उसे पता चल जाता है कि वह बीमारी से घिर चुका है। लेकिन उसके बाद भी वह उसे छोड़ नहीं पाता। क्योंकि वह उसकी खुराक में सुमार हो जाता है। लेकिन पांच प्रतिशत दृढ़ निश्चयी व्यक्ति समय रहते इस लत से निजात भी पा लेते हैं। -डॉ। विभू साहनी, सीएमएस मेडिकल अस्पताल