कोरोना न बने काल, इसलिए रख रहे सभी का ख्याल
कोरोना के मरीजों की देखभाल और सहायता में जुटे युवा, बनाए कई गु्रप
ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर अस्पताल तक में कर रहे मद्द कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार तक में कर रहे हेल्प Meerut। कोरोना काल ने जीवन के कई मापदंडों को बदल दिया है। ऐसे में कुछ अच्छे लोग और कुछ बुरे। एक ओर कुछ लोग कोरोना के नाम पर कालाबाजारी करने में पीछे नहीं है। तो वहीं दूसरी ओर एक ऐसी भी तस्वीर है जो इंसानियत की मिसाल है। शहर के कुछ युवा टीम बनाकर मरीजों की हर संभव मदद करने में जुटे हैं। बदला सा है नजाराआमतौर पर युवा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते थे। वे एंटरटेंनमेंट से जुड़े रहते थे। लेकिन अब नजारा बदल गया है। आज युवा सोशल मीडिया का उपयोग एक दूसरे की मदद के लिए कर रहे हैं। शहर के युवाओं ने अपने छोटे-छोटे गु्रप्स बना रखे हैं। जिनसे वो कोरोना मरीजों और उनके तीमारदारों की हेल्प कर रहे हैं।
हेल्प में जुटा बच्चों का ग्रुपकोरोना काल में बच्चों का ग्रुप कई मरीजों की हेल्प कर रहा है। इसके तहत 11वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स ने मिलकर दो व्हाट्सऐप गु्रप बनाए हैं। जो जरूरतमंदों को हर संभव मदद देने की कोशिश करते हैं। इस ग्रुप में अवनी, अंश और रिश्य एडमिन हैं। अवनी ने बताया कि इससे पहले ये तीनों एक आर्गेनाइजेशन से जुडे़ थे, स्टूडो मैट्रिक्स के नाम से है। उसे फलित सिजेरिया ने बनाया था। उसके माध्यम से ही तीनों की मुलाकात हुई थी। अवनी मेरठ में नेहरुनगर में रहती है और केएल से 11 पास की है। रिश्य विक्टोरिया पार्क रहते है सेंट मेरीज इंटर में है। अंश जो सहारनपुर से है पर उनके साथ जुड़े हुए है। अवनी ने बताया कि उनके दो व्हाट्सऐप ग्रुप जुडें़ हैं। उन्होंने बताया कि अब 100 लोगों की करीब मदद कर चुके हैं। बाकी 800 लोगों की मदद सोशल मीडिया पर जानकारी आदि शेयर करके कर चुके हैं।
ये करते हैं मदद ऑक्सीजन सिलेंडर, हॉस्पिटल बेड सिलेंडर रिफलिंग, ब्लड डोनर, प्लाज्मा कोविड की दवाएं अंतिम संस्कार में कर रहे मददकोरोना काल में कुछ परिवारों पर संकटों का पहाड़ टूट पड़ा है। ऐसे में इन लोगों की सहायता के लिए एबीवीपी ग्रुप हर संभव मदद में जुटा है। इसमें 80 मेम्बर हैं, जो सभी स्टूडेंट्स हैं। ग्रुप एडमिन उत्तम सैनी ने बताय कि वो अभी तक 1500 लोगों की मदद ग्रुप के जरिए कर चुके हैं। लोगों को राशन पहुंचाना, खाने के पैकेट, ऑक्सीजन सिलेंडर, बेड दिलवाना, हॉस्पिटल में बेड अरेंजमेंट कराना,बिलों का कम कराना आदि में कोरोना मरीजों की सहायता कर रहे हैं। ऐसे में अगर मृत्यु के बाद किसी के परिजन नहीं आते हैं तो ग्रुप के सदस्य रीति रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार भी करते हैं। इसके अलावा ब्लड डोनेट भी कर रहे हैं। ग्रुप की ओर से 15 सौ लोगों में 110 को ऑक्सीजन, 300 लोगों को हॉस्पिटल में बेड और 400 लोगों के अस्पताल में बिल कम कराए जा चुके हैं।
मरीजों की हर संभव मद्द में जुटेमेरठ में ये स्टूडेंट का बना कोविड सहायता संघ हैं। जिसमें 25 लोग मेम्बर हैं। ये सभी स्टूडेंट ही है। इसके एडमिन विनित चपराना है। उन्होनें बताया कि उनका ग्रुप अभी तक 20 लोगों के ऐसे बिलों को कम करा चुका है, जो निजी अस्पतालों ने अधिक बना दिए थे। वहीं 46 लोगों को मेडिकल व 20 को अस्पतालों में भर्ती करा चुके है, जिसके लिए वो खुद साथ जाते हैं। इसके साथ ही 46 को एम्बुलेंस दिलाने में मदद की है। इसके साथ ही 12 लोग ऐसे हैं, जिनका कोई अंतिम संस्कार कराने वाला नहीं था। उनका अंतिम संस्कार तक कराया।