क्या मुसीबत है! सर्टिफिकेट सात दिन में नहीं, महीनों बाद मिलते हैं
केस-1 रजबन निवासी सोना के बेटे का जन्म प्रमाण-पत्र बनना है। उन्होंने 15 दिन पहले अप्लाई किया था। अभी तक उनको प्रमाण-पत्र नहीं मिला है। केस-2 सदर निवासी सतीश ने अपनी मदर का डेथ सर्टिफिकेट एक महीना पहले अप्लाई किया था। एक सप्ताह बाद उसमें किसी डॉक्यूमेंट की कमी बताई गई। कमी पूरी होने के बाद भी अभी तक उनका प्रमाण-पत्र नहीं बन पाया है।
मेरठ (ब्यूरो)। जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र की लेट-लतीफी के ये मात्र दो ही उदाहरण नहीं हैं, बल्कि ऐसे न जाने कितने लोग हैं जो प्रमाण-पत्र समय पर न मिलने के लिए परेशान हैं। कैंट बोर्ड ऑनलाइन प्रमाण-पत्र व सुविधाओं को देने का दावा करता है। लेकिन, हकीकत में ऑनलाइन व्यवस्था धरातल में है। समय से जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र न बन पाने से ऑनलाइन व्यवस्था की पोल खुल रही है। ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ न मिलने से कैंटवासियों की समस्याएं भी बढऩे लगी हैं।
प्रमाण-पत्र का लोगों को इंतजार
बीते छह माह में करीब पांच सौ जन्म व 422 मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन आई हैं। इनमें से करीब चार सौ जन्म व 343 मृत्यु प्रमाण-पत्र लोगों को मिल चुके हैं। हालांकि विभाग इस बात का दावा कर रहा है कि सप्ताहभर में सभी को प्रमाण-पत्र दे दिए जाते हैं। लेकिन, जिनके प्रमाण-पत्र नहीं बने हैं उन्हें इंतजार में 15 दिनों से ऊपर हो चुके हैं पर अभी तक प्रमाण पत्र नहीं मिले हैं।
अगर, हम जन्म प्रमाण-पत्र व मृत्यु प्रमाण-पत्र की बात करें तो मेरठ कैंट बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर लिंक से अप्लाई कर सकते हैं। वेबसाइट पर हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अप्लाई करने के लिए लोगों को सहूलियत दी गई है। इसके लिए एक या दो रुपए की फीस ऑनलाइन ही पे की जाती है। अप्लाई करने के बाद एक सप्ताह में स्टेट्स चेक करके प्रमाण-पत्र ऑनलाइन ही डाउनलोड कर सकते हैं। जन्म प्रमाण-पत्र के डॉक्यूमेंट
-जन्म लेने वाले का नाम
-जहां जन्म लिया है उस हॉस्पिटल का लिखित पर्चा डिटेल्स के साथ
-माता-पिता के आधार कार्ड की फोटो कॉपी व फोटो मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए
-मृतक के प्रमाण-पत्र का आवेदन करने वाले द्वारा एक एफई डेविड दिया जाएगा
- गंगा मोटर कमेटी की पर्ची
- मृतक के आधार कार्ड की कॉपी
- मृतक की फोटो
- अंतिम क्रिया की पर्ची
कोट्स
पोती का प्रमाण-पत्र बनवाना था। लेकिन, अप्लाई करने के काफी दिनों बाद भी नहीं बना है। अब विभाग में इसका स्क्रीनशॉट व एप्लीकेशन लिखकर दी है।
सुमन
शीतल मैनें खुद एक सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया था। काफी दिनों तक जब प्रमाण-पत्र ऑनलाइन नहीं मिला तो मजबूरी में विभाग जाना पड़ा।
शशि वर्जन
कोशिश की जाती है सभी के प्रमाण-पत्र समय पर बनें। लेकिन, कई बार अप्लाई करने में कुछ कमियां रह जाती हैं। जिसके चलते प्रक्रिया को आवेदक से पूरा करवाने में समय लगता है। फॉर्म सही हो तो दिक्कत नहीं आती है। फिर भी इसकी जानकारी संबंधित व्यक्ति से मिल जाएगी।
ज्योति कुमार, सीईओ, कैंट बोर्ड