18 साल से कम उम्र के बच्चों के दोपहिया वाहनों की स्कूल में नहीं है एंट्री स्कूलों में बैन होने के बाद अब अवैध पार्किंग में खड़े होते हैं वाहन। शहर के नामचीन स्कूलों के बाहर संचालित हो रहीं अवैध पार्किंग।

मेरठ (ब्यूरो)। सीबीएसई का निर्देश है कि स्कूलों में 18 साल की कम उम्र के बच्चे दोपाहिया वाहनों को न लाएं। इसके तहत आरटीओ ने भी सख्ती बरती है। साथ ही स्कूलों में भी 18 साल की कम उम्र के छात्रों के वाहनों की एंट्री बैन हो गई है। इस नियम का मकसद है कि देश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। नाबालिग छात्र वाहनों से दूर रहें, लेकिन अब इसी नियम ने नए कारोबार को जन्म दे दिया है। वो है अवैध पार्किंग का। हालत यह है कि शहर के अधिकतर स्कूलों के आसपास ऐसे पार्किंग स्थल खुल गए हैं जो इन बच्चों के वाहनों को पार्क करते हैं। ये पार्किंग स्कूलों के आसपास बनी दुकानों, गैराज और घरों के बाहर सड़क पर बन गए हैं। इन अवैध पार्किंग से सड़कों पर अतिक्रमण हो गया है। इससे जाम की समस्या हो गई है। इस बाबत शहर के एक एक नागरिक ने सीएम समेत मेरठ पुलिस को टैग कर सोशल मीडिया पर इस समस्या की ओर ध्यान खींचा है।

सड़क पर खड़े हुए वाहन
गौरतलब है कि सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए सीबीएसई ने सख्त निर्देश दिए हैं। इसके तहत 18 साल से कम उम्र के स्कूली बच्चों के दोपहिया वाहनों के स्कूलों में प्रवेश पर रोक लगाई है। हालांकि, इसके चलते दूर दराज से आने वाले स्कूली बच्चों के दोपहिया वाहन से स्कूल आने की संख्या तो कम हुई है, लेकिन पूरी तरह से लगाम नहीं लग पा रही है। स्कूली बच्चों की सुविधा के लिए शहर के नामचीन स्कूलों के आसपास दुकानदारों ने अपनी दुकानों और घरों के बाहर इन वाहनों को पार्किंग सुविधा देना शुरु कर दिया है। इसी का नतीजा है कि वेस्ट एंड रोड पर एक दर्जन से अधिक छोटी बड़ी अवैध पार्किंग रोड पर ही शुरु हो गई है।

अतिक्रमण और जाम की दिक्कत
सदर थाने से महज 100 मीटर के दायरे में बनी इन अवैध पार्किंग पर ना तो नगर निगम का ध्यान है और ना ही थाना पुलिस का, अब घरों और दुकानों में खुली पार्किंग का यह धंधा खूब चल रहा है। अब में स्कूल न सही पर बच्चे इन पार्किंग में अपने दोपहिया वाहनों को पार्क करके स्कूल जाते हैं। रोड किनारे सजने वाली इस पार्किंग से रोजाना इस रोड पर जाम की स्थिति बनी रहती है। मात्र 10 से 15 रुपए देकर स्कूली बच्चे अपने वाहन इस अवैध पार्किंग में लगा कर चले जाते हैं लेकिन उनके वाहन को चोरी से बचाने के नाम पर टोकन तक नही मिलता है। इस रोड पर बने आधा दर्जन से अधिक स्कूलों के बच्चे इन्हीं अवैध पार्किंग में अपने वाहन लगा रहे हैं।

शहर में अवैध पार्किग की भरमार
हैरान करने वाली बात है कि नए मानकों के तह निगम की अधिकतर पार्किंग बंद हो चुकी है। क्योंकि नए नियमों के अनुसार पार्किंग के ठेके सडक़ किनारे पर नहीं छोड़े जाएंगे। इसके बाद नगर निगम 17 वाहन पार्किंग ठेकों में से 13 निरस्त करने पड़े थे। अब सिर्फ चार वाहन पार्किंग स्थल निगम से वैध हैं।

यह हैं पार्किंग के मानक
ये पार्किंग स्थल सडक किनारे पटरी पर नहीं होने चाहिए।
इन पार्किंग स्थलों के पास शौचालय होना जरुरी है
पार्किंग स्थल पर पीने के पानी के इंतजाम होना चाहिए।
पार्किंग स्थल पर शेड निर्माण होना चाहिए
पार्किंग दरों की सूची, नगर निगम के उत्तरदायी अधिकारी का नाम, पदनाम व मोबाइल नंबर का बोर्ड लगा होना चाहिए
नगर निगम क्षेत्र में केवल इन्हीं पार्किंग स्थलों पर वाहन खड़े करने पर शुल्क लगेगा।

यह गंभीर मामला है इसके लिए अभिभावक दोषी हैं उसके बाद पार्किंग संचालक, दोनो पर कार्रवाई होनी चाहिए।
सुरेंद्र सिंह

वेस्ट एंड रोड पर कई दुकानों के बाहर खुलेआम रोड साइड दोपहिया वाहन खड़े रहते हैं। पार्किंग संचालकों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
नरेश कुमार

वाहन चोरी हो जाए तो जिम्मेदार कौन होगा, सदर थाना पुलिस को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। अवैध पार्किंग पर लगाम लगाई जानी चाहिए।
मनोज अग्रवाल

रोड साइड पार्किंग मानकों के अनुरुप नही है। निगम क्षेत्र में जहां भी इस प्रकार पार्किंग संचालित हो रही है उन पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रमोद कुमार, अपर नगरायुक्त

Posted By: Inextlive