कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम में कई स्पोट्र्स इवेंट की ट्रेनिंग देने के लिए नहीं हैं कोच एडोप्टेड कोच के सहारे ट्रेनिंग लेते हैं प्लेयर्स सुविधाएं न होने से खिलाडिय़ों को होती है दिक्कत।

मेरठ (ब्यूरो)। वैसे तो शहर को स्पोट्र्स सिटी के नाम से जाना जाता है। यहां के कई खिलाड़ी एथलेटिक्स में परचम फहरा रहे हैं। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में पसीना बहाकर खिलाड़ी नेशनल और इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में मेडल्स जीत रहे हैं। सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ी अपनी मेहनत और दृढ इच्छाशक्ति के बलबूते ही सफलता की इबारत लिख रहे हैं। वैसे तो कैलाश प्रकाश स्टेडियम को बने हुए छह से सात दशक तक बीत चुके हैं। हालत यह है कि 15 में से महज तीन स्पोट्र्स इवेंट में ही कोच की नियुक्ति है। इसके बाद बाकी इवेंट में खिलाड़ी या तो खुद प्रैक्टिस करते हैं, या फिर सीनियर खिलाड़ी उन्हें टिप्स देते हैं। कुछ दिन पहले ही बॉक्सिंग के कोच का ट्रांसफर हो गया था, उनके पद पर अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हुई है।

सिर्फ चार आरएसओ की नियुक्ति
वैसे तो प्रदेश सरकार ने सलावा मेंं स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी की सौगात दी है। इसके परिणाम तो भविष्य में आएंगे, लेकिन स्पोट्र्स स्टेडियम में सुविधाएं न होने से खिलाडिय़ों को प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही हैं। हैरानी की बात यह है कि यूपी में सिर्फ चार आरएसओ यानि रीजनल स्पोट्र्स ऑफिसर की नियुक्ति हुई है। वहीं, मेरठ में सिर्फ कार्यवाहक आरएसओ की ही तैनाती है। स्टेडियम में सिर्फ तीन ही स्पोट्र्स इवेंट ऐसे हैं जिनमें परमानेंट कोच हैं। इसके अलावा फुटबॉल, शूटिंग, वुशू, जिनमास्टिक, जूडो, बॉलीवाल, भारोत्तोलन, हॉकी, एथलेटिक्स में एडोप्टेड कोच हैं। वहीं बैडमिंटन, क्रिकेट, टेनिस, तीरंदाजी, बास्केटबॉल, खो-खो समेत कई गेम्स में कोच तक नहीं हैं। ऐसे में खिलाडिय़ों को प्रॉपर ट्रेनिंग में दिक्कत होती है।

इन स्पोट्र्स में नहीं हैं कोच
गेम्स खिलाड़ी
बैडमिंटन 12
क्रिकेट 00
टेनिस 14
तीरंदाजी 17
बास्केटबॉल 26
खो-खो 31
पॉवरलिफ्टिंग 20
पैराओलंपिक 58

इन स्पोर्ट्स की होती है ट्रेनिंग
गेम्स खिलाड़ी
फुटबॉल 36
शूटिंग 13
वुशू 21
जिम्नास्टिक 28
जूडो 24
बॉलीवाल 09
भारोत्तोलन 13
हॉकी 45
एथलेटिक्स 79
बैडमिंटन 12
क्रिकेट 00
टेनिस 14
तीरंदाजी 17
बास्केटबॉल 26
खो-खो 31

सीनियर प्लेयर्स दे रहे टिप्स
हालत यह है कि जिन स्पोट्र्स इवेंट मेंं कोच की नियुक्ति नहीं है। उनमें सीनियर खिलाड़ी ही प्रैक्टिस करा रहे हैं। वे ही अपने जूनियर्स को खेलों और एक्सरसाइज से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। प्रॉपर ट्रेनिंग न होने से खिलाडिय़ों को प्राइवेट एकेडमी में प्रैक्टिस करनी पड़ती है।

जल्द होगी कोच की नियुक्ति
कैलाश प्रकाश स्टेडियम के कार्यवाहक आरएसओ अब्दुल अहमद ने कहाकि जल्द ही विभिन्न स्पोट्र्स इवेंट में कोच की नियुक्ति होगी, ताकि खिलाडिय़ों को उचित ट्रेनिंंग और मार्गदर्शन मिल सके। इस संबंध में शासन से डिमांड की है, बाकी शासन स्तर पर ही सभी नियुक्तियां होती है।

एक नजर में
15 में से महज तीन स्पोट्र्स इवेंट में है कोच की नियुक्ति

12 बैडमिंटन के खिलाड़ी बिना कोच के ही करते हैं प्रैक्टिस

14 टेनिस के खिलाडिय़ों को ट्रेनिंग देने के लिए नहीं है कोई कोच

26 खिलाडिय़ों को बास्केटबॉल की ट्रेनिंग के लिए नहीं है कोई कोच

31 खो-खो खिलाडिय़ों को ट्रेनिंग देने के लिए नहीं है कोच

40 खिलाडिय़ों पर एक कोच की नियुक्ति होनी चाहिए

250 खिलाडिय़ों को तैयारी करा रहे हैं एक कोच

इनका है कहना
मैं ऑर्चरी की ट्रेनिंग ले रहा हूं। यहां पर ट्रेनिंग के लिए परमानेंट कोच तक की नियुक्ति नहीं है। कुछ में तो एडोप्टेड कोच के सहारे ट्रेनिंग दी जा रही है। ऐसे में ट्रेनिंग के लिए दिक्कत होती है। इस बारे में ध्यान देना चाहिए।
अर्चित, खिलाड़ी, आर्चरी

कोच के बिना यहां खिलाडिय़ों को प्रैक्ट्सि करनी पड़ती है। हम लोग खुद ही टारगेट सेट करके प्रैक्टिस करते हैं। हमारे सीनियर खिलाड़ी हमें ट्रेनिंग दे रहे हैं। सुविधाएं न होने से बहुत मुश्किल होती है।
शरीफ, खिलाड़ी, आर्चरी

स्टेडियम में कई स्पोट्र्स ऐसे हैं जिनमें परमानेंट कोच तक नही है। ऐसे में खिलाडिय़ों को प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं मिल रही है। बिना कोच के प्रैक्टिस करने में काफी दिक्कत होती है।
रितिश, प्लेयर, शूटिंग

Posted By: Inextlive