एक साल में एक मीटर घट गया नौचंदी क्षेत्र का जल स्तर
मेरठ (ब्यूरो)। भूजल स्तर की रीडिंग वाले आंकड़ों की मानें तो अधिकतर सभी स्थानों पर ग्राउंड वाटर लेवल घट रहा है। इसका प्रमुख कारण बेहिसाब ग्राउंड वाटर का दोहन है। हर घर में सबमर्सिबल का प्रयोग इस वाटर लेवल के लिए नुकसान दायक साबित हो रहा है। गौरतलब है कि घरों समेत निजी संस्थानों, होटलों, गैराज में जमकर पानी का दोहन हो रहा है लेकिन इसकी निगरानी नहीं हो पा रही है। इसी के चलते पिछले पांच साल में वाटर लेवल 300 सेमी से नीचे जा चुका है। इसी के चलते अब घर में लगे समर्सिबल का भी रजिस्ट्रेशन भूगर्भ विभाग वेबसाइट पर कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा पानी का दोहन करने पर अधिकतम दो लाख रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है। मगर अभी तक इस बाबत कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
50 स्थानों पर पीजोमीटर
जल स्तर के रोजाना अपडेट के लिए लगभग 50 स्थानों पर पीजोमीटर और डिजिटल वाटर रिकॉर्डर लगा दिए गए हैं। दिन में दो बार सुबह और शाम नेटवर्किंग की मदद से सर्वर पर जल स्तर का आंकड़ा अपडेट होता है। अगर बात करें तो नौचंदी में जल स्तर 26.39 मीटर गहराई तक पहुंच गया है। जो बीते साल 25.25 मीटर दर्ज किया गया था।
वाटर रिकॉर्डर का कार्य
पीजोमीटर के ऊपर लगा वाटर रिकॉर्डर में एक सिम लगा होता है। ये नेटवर्किंग के जरिए विभाग के सर्वर से जुड़ा रहता है। पीजोमीटर की मदद से भूगर्भ जल का स्तर पता चलता रहता है। इस तरह से सुबह और शाम का आंकड़ा वेबसाइट पर अपडेट होता रहता है।
गिरिश शुक्ला, महासचिव, जागरूक नागरिक एसोसिएशन पानी का स्तर लगातार गिर ही रहा है। समय रहते प्रयास नहीं किए गए तो परिणाम बुरे होंगे। बहुत निचले स्तर से पानी को खींचने के लिए बिजली अधिक खर्च होगी। साथ ही रॉक्स में आपस में टकराव होगा और भूकंप के चांस भी बनेंगे।
रमन त्यागी, संरक्षक, नीर फाउंडेशन 2022 में 22 जून की शाम दर्ज किया गया जल स्तर (मीटर में)
नौचंदी- 26.39
कुटी चौराहा- 25.68 2021 में दर्ज किया गया जल स्तर का आंकड़ा (मीटर में)
नौचंदी 25.25
कुटी 25.39