अंडरग्रांउड बिछेगी बिजली लाइन, अब उम्मीद है हालात कुछ सुधरेंगे
मेरठ (ब्यूरो)। शहर के पुराने मोहल्लों में गलियों में बिजली के तारों के कारण बने हैं। खंभों पर बेतरतीब तरीके से झूलते बिजली के तारों से कई बार दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। शहर की मलिन बस्तियों, सर्राफा बाजार आदि इलाकों में तो हालत और भी खराब है। शहर की इसी अव्यवस्था की पड़ताल करने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने करंट अफेयर्स नामक कैंपेन की शुरूआत की थी। अभियान के तहत शहर के उन गलियों की हकीकत को टटोला गया था जहां बिजली के तार मधुमक्खी के छत्ते सरीखे नजर आते हैं। बीते सात दिनों में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के 90 वार्डों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को देखा और उनकी कमियों को उजागर किया।
बिजली आपूर्ति में हो सुधार
मकसद था कि जर्जर विद्युत व्यवस्था को सुधारा जाए, साथ ही लोकल फॉल्ट की संख्या में कमी आए। इसके लिए जमीनी स्तर पर बिजली आपूर्ति की खामियों को टटोला गया था। इसके तहत बिजली के तारों के जंजाल, जर्जर और झुके हुए खंभे, कालोनियों के बीच से जाती हाइटेंशन लाइन समेत तमाम समस्याओं को उजागर किया गया।
एमडी ने दिए निर्देश
इन समस्याओं की गंभीरता को देखते हुए पीवीवीएनएल की एमडी चैत्रा वी। ने शहर की जर्जर बिजली लाइन को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत जर्जर विद्युत लाइनों को अंडरग्राउंड करने और क्षतिग्रस्त खंभों को बदलने और ट्रांसफार्मरों की मरम्मत की जाएगी। सबसे पहले कुछ प्रमुख क्षेत्रों का प्राथमिकता के आधार पर चयन किया गया है। इनमें जल्द से जल्द विद्युत केबिल को अंडरग्राउंड किया जाएगा।
गौरतलब है कि गर्मी के मौसम की दस्तक देते ही बिजली की डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे में सर्दियों में जहां बिजली की डिमांड 400 से 500 मेगावॉट होती है। तो वही गर्मियों में बढ़कर 800 मेगावॉट तक पहुंच जाती है। ऐसे में भीषण गर्मी की आशंका को देखते हुए विद्युत विभाग ने भी कमजोर ट्रांसफार्मर और बिजली की लाइनों की मरम्मत करने की कवायद शुरू कर दी है। इस योजना के तीन 3 हजार से अधिक ट्रांसफार्मर की मरम्मत की जाएगी। साथ ही आधा दर्जन से अधिक क्षेत्रों के जर्जर तारों को बदला जाएगा।
रीवैम्प योजना के तहत होगा काम
रीवैम्प योजना के तहत अधिक लाइन लॉस वाले क्षेत्रों में लाइन लॉस कम करना विभाग की प्राथमिकता है। इसलिए लाइनों को एबीसी यानि एरियर बंच कंडक्टर में बदलना, अंडरग्राउंड केबिल, बिजली चोरी रोकना और ट्रांसफार्मर की मरम्मत करने आदि का काम प्राथमिकता स्तर पर किया जाएगा।
जवाहर नगर, पोलिश मोहल्ला, खैरनगर, कबाड़ी बाजार, कोटला, अनाज मंडी, कागजी बाजार, शीश महल, डालमपाड़ा, सराय लाल दास,सदर बाजार क्षेत्र के तिलक पार्क, साईं मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, एल ब्लॉक शास्त्रीनगर, आरके पुरम कंकरखेड़ा, गोविंदपुरी, मॉडल टाउन, नटेशपुरम, लाला महूमदपुर कंकरखेड़ा, जाकिर कालोनी, विकासपुरी आदि क्षेत्रों में 47 जगहों पर जर्जर बिजली के तारों को बदला जाएगा। अंडरग्रांउड केबिल बिछेगी
एबीसी के साथ ही कुछ क्षेत्रों अंडर ग्राउंड केबिल डाली जाएगी। इसके तहत तीनों तरह के केबिल एलटी, एचटी और 33 केवी बिजली लाइनें भूमिगत की जाएगी। इसमें 185 एमएम, 240 एमएम और 300 एमएम मोटाई के भूमिगत केबल डाले जाएंगे। इनकी लाइफ 15 से 20 साल तक होती है। जबकि खुले तार पांच से आठ साल में खराब हो जाते हैं
अधर में पुरानी योजना
हालांकि इससे भी दिसंबर माह में पीवीवीएनएल की लगभग 1500 किमी भूमिगत लाइन डालने की योजना बनाई गई थी। इस योजना में एलटी, एचटी और 33 केवी लाइनों को भूमिगत किया जाना था। जिसके लिए प्रति किमी खर्च लगभग 70 लाख से एक करोड़ तक अनुमानित खर्च का विभाग ने अनुमान लगाकर मेरठ में करीब 954 किमी क्षेत्र में विद्युत लाइन को भूमिगत करने का करीब 92 करोड़ रुपए का बजट बनाकर मुख्यालय भेजा गया था। लेकिन अभी तक इस योजना पर काम शुरु नही हो सका है।
राजेंद्र बहादुर, अधीक्षण अभियंता