शहर को स्मार्ट सिटी में चयनित हुए भले ही सालभर से अधिक समय बीत गया हो लेकिन शहर को स्मार्ट दिखाने वाली एक भी चीज अभी तक धरातल पर नहीं उतरी है। स्मार्ट सिटी बनने से सालों पहले शहर में सौंंदर्यीकरण के लिए बनाए गए फव्वारे आज कबाड़ हो चुके हैैं। हालांकि अब स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 और स्मार्ट सिटी की कवायद में जुटे निगम को इन फव्वारों की याद आने लगी है। इसके तहत निगम तेजगढ़ी चौराहे पर नया फव्वारा बनाकर इसकी शुरुआत करने जा रहा है।

मेरठ (ब्यूरो)। वहीं स्मार्ट सिटी के तहत नगर निगम ने तेजगढ़ी चौराहे के सौंदर्यीकरण के लिए चौराहे के बीच में नया आकर्षक फव्वारा बनाने की योजना तैयार की है। इसके निर्माण के लिए निगम ने करीब 26 लाख का प्रस्ताव बनाया है और इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। सबसे ऊपर की प्लेट साइज में छोटी और उसके नीचे की प्लेट बड़ी होगी। छोटी प्लेट के बीचों-बीच से फव्वारा फूटेगा। फव्वारे का पानी दोनों प्लेट पर गिरते हुए नीचे गोलों में गिरेगा। फव्वारे के नीचे बने गोल चक्कर में हरी घास के साथ-साथ लाइट लगाई जाएंगी। साथ ही इस चौराहे के चारों किनारों पर लोगों के बैठने के लिए बेंच बनवाई जाएंगी।

नए की तैयारी पुराने बदहाल
निगम ने शहर में नए फव्वारे बनाने की कवायद तो शुरू कर दी है लेकिन पुराने फव्वारों की सुध निगम को नहीं है। हालत यह है कि शहर में अधिकतर चौराहों पर लगे पुराने फव्वारे बंद पड़े हैं और साफ सफाई तक नहीं हो पा रही है। हालांकि निगम के अधिकारियों का दावा है कि जल्द इन फव्वारों को चालू किया जाएगा।

बंद पड़े फव्वारे
एचआरएस चौक
एचआरएस चौक सिटी का एक प्रमुख चौराहा है। दिल्ली से सिटी में आने वाले यात्री इस चौराहे से होकर जरूर गुजरते हैं। ऐसे में इस चौराहे पर बने फाउंटेन का चलना सिटी की सुंदरता को बढ़ाता था। मगर पिछले कई साल से यह फव्वारा बंद है। अब रैपिड के काम के कारण इसका रख रखाव तक नहीं हो पा रहा है।

बागपत गेट
बागपत गेट पर मेट्रो प्लाजा के नजदीक डॉ। अंबेडकर की मूर्ति के साथ बना फाउंटेन भी धूल फांक रहा है। मायावती सरकार में जहां ये फव्वारा रोजाना चला करता था वहीं सरकार जाने के बाद से इस चौराहे पर लगा यह फव्वारा लगभग बंद ही पड़ा है।

खैरनगर चौराहा
सिटी के सबसे पुराने इलाकों में शुमार खैरनगर के चौराहे को सजाने की मायावती सरकार ने पहल की थी। यहां फाउंटेन बन तो गया लेकिन इतने सालों में मात्र एक दो बार ही ये फाउंटेन चल पाया। एक बार मुख्यमंत्री रहते 2010 में मायावती के मेरठ आगमन के वक्त इस फव्वारे को चलाया गया था मगर उसके बाद से यह फव्वारा कभी नहीं चला।

आबूलेन
आबूलेन पर फव्वारा चौक पर हमेशा फाउंटेन चलता रहता था लेकिन पिछले कुछ सालों से ये फव्वारा भी धूल फांक रहा है। आबूलेन की शोभा बढ़ाने वाला यह फव्वारा दीपावली मेला या फिर नए साल की संध्या में ही अब चलता हुआ दिखाई देता है।

फव्वारों की साफ-सफाई से लेकर मेंटिनेंस का काम समय समय पर कराया जाता रहा है। कुछ फव्वारों में खराबी के कारण बंद हैं उनकी भी जल्द रिपेयरिंग कराकर चालू किया जाएगा।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त

Posted By: Inextlive