जुलाई से सीसीएसयू में चलेगा यूजी प्रोग्राम
सीसीएसयू में मौजूदा सत्र 2021-22 में जुलाई से लागू होगी नई शिक्षा नीति
बीए, बीएससी और बीकाम में होगी शुरुआत विवि कैंपस के विभाग विषयवार करेंगे पढ़ाईMeerut। चौ। चरण सिंह विवि में मौजूदा सत्र 2021-22 में जुलाई से नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है। इसकी शुरुआत पहले यूजी कोर्स यानी बीए, बीएससी और बीकाम से की जा रही है। इस बाबत 10 मई तक कोर्स तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। बुधवार को विवि में हुई बैठक कुलपति ने नई शिक्षा नीति को लेकर कोर्स तैयार करने में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी निर्णय लिया कि यदि बोर्ड किसी विषय में सौ फीसद सिलेबस शासन का ही रखना चाहें तो उन्हें 30 फीसद स्थानीय या विवि स्तर पर सिलेबस तैयार करने की बाध्यता नहीं होगी। शासन की ओर से 70 फीसद न्यूनतम समान सिलेबस जारी कर 30 फीसद सिलेबस विश्वविद्यालयों को तैयार करने को कहा है।
कैंपस में चलेगा प्रोग्रामविवि की ओर से इस साल कैंपस में ही यूजी प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। कैंपस में यह प्रोग्राम विभागों में विषयवार चलाया जाएगा। सभी विभाग अलग-अलग कोर्स कराएंगे, जिससे छात्रों को विषयों का चुनाव करने में आसानी होगी और वे विभिन्न विभागों में जाकर अपने कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे। वर्तमान में किसी एक स्ट्रीम के छात्रों को अपने विषयों को छोड़कर अन्य विषय चुनने का विकल्प नहीं है, लेकिन अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्र कोर विषय के अलावा इलेक्टिव विषय के तौर पर किसी भी विषय का चुनाव कर सकते हैं।
कालेजों को क्लस्टर बनाने को कहा छात्रों को इलेक्टिव विषयों का व्यापक अवसर प्रदान करने के लिए विवि ने कालेजों को क्लस्टर बनाने को कहा है। उदाहरण के तौर पर यदि डीएन कालेज में पढ़ने वाले किसी छात्र को इलेक्टिव विषय के तौर पर विधि की पढ़ाई करनी है, तो वह डीएन कालेज में नहीं कर सकता है, लेकिन छात्र को डीएम कालेज में अपने विषय की पढ़ाई करने के साथ ही मेरठ कालेज से ला की पढ़ाई भी कर सकेंगे। विवि ने कालेजों को क्लस्टर बनाकर कहां, किस विषय को कराया जा सकता है, इसकी रिपोर्ट मांगी है। जितना पढ़ेंगे, उतनी डिग्रीनई शिक्षा नीति में छात्रों को यूजी में एक साल, दो साल और तीन साल की पढ़ाई पूरी करने पर अलग-अलग तरह का सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री प्रदान की जाएगी। इसी तरह चार साल की डिग्री करने पर रिसर्च डिग्री और पांच साल की डिग्री करने पर सीधे पीएचडी में एनरोल कर सकेंगे।