बुखार, खांसी-जुकाम व टायफाइड के मरीज बढ़े
जिला अस्पताल की फीवर डेस्क में मरीजों की संख्या 100 से अधिक पहुंची
Meerut। बदलते मौसम और बारिश के बीच बीमारियों ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। बुखार, खांसी-जुकाम व टायफाइड जैसे लक्षणों वाले मरीज अधिक सामने आ रहे हैं। पीएल शर्मा जिला अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज व निजी अस्पतालों पर इन लक्षणों के साथ कई मरीज पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में इन दिनों टायफाइड की विडाल जांच भी बढ़ गई है। पीडियाट्रिक ओपीडी में भी जुकाम व बुखार से ग्रसित बच्चों के मामले बढ़े हैं। ओपीडी में 740 मरीजबुधवार को सुबह से होती बूंदाबांदी के बीच भी लोग भीगते-भागते जिला अस्पताल दिखाने पहुंचे। यहां ओपीडी ब्लाक में मरीजों की भरमार रही। जनरल ओपीडी में 740 मरीजों को देखा गया। हालांकि यह संख्या पिछले सप्ताह अलग-अलग दिनों में चली ओपीडी से कम है। अगस्त के अंतिम सप्ताह से बुखार के मरीज बढ़े हैं। आलम यह है फीवर डेस्क पर मरीजों की संख्या 100 से अधिक तक पहुंच चुकी है। बुखार का हमला तेज होने से जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में भी टायफाइड की विडाल जांच पहले की तुलना में पिछले तीन से चार दिनों में औसतन दो गुना बढ़ गई है। डेंगू का संदिग्ध मरीज सामने आने पर प्राथमिकता से एलाइजा जांच कराई जा रही है। बुधवार को पांच मरीजों की एलाइजा जांच की गई। जिला अस्पताल की पैथोलाजी विभाग के इंचार्ज डॉ। विक्रम सिंह का कहना है कि डेंगू की कार्ड जांच को पुख्ता करने के लिए एलाइजा जांच जरूर कराएं। एलाइजा जांच से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
बीमारियों को न्योता जिला अस्पताल में पहुंचने वाले अधिकांश लोग बिना मास्क ही पहुंच रहे हैं। ओपीडी से लेकर पर्चा काउंटर की कतार और फिर चिकित्सकों की कतार तक में लोग बिना मास्क ही लगे हुए हैं। जो उनके स्वास्थ्य के साथ-साथ सामने वाले के स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है। इसी तरह अस्पताल परिसर में कुछ एक जगह पर बारिश के बाद जलजमाव होने पर न तो उस जगह से निकाला जा रहा है। साथ ही उसमें ब्लीचिंग पाउडर, चूना या अन्य रसायन का छिड़काव भी नियमित रूप से नहीं होता। जिससे लोगों में बीमारियों के फैलने का अंदेशा है। ओपीडी के पिछले सप्ताह के आंकड़े दिन, कुल ओपीडी, फीवर डेस्क 30 अगस्त - 4102 - 29 29 अगस्त - 3995 28 अगस्त - 3931 - 63 27 अगस्त - 3784 - 74 26 अगस्त - 3635 - 118 25 अगस्त - 3548 -120 24 अगस्त - 3359 - 113