सिलेंडर की आग में दो बच्चियां जिंदा जली
मेरठ, (ब्यूरो)। खंदक बाजार में इदरीश अपने बेटे जुनैद के परिवार के साथ रहते हैैं। इदरीश और जुनैद की पत्नी सिलाई का काम करती हैैं। जबकि जुनैद प्राइवेट नौकरी कर परिवार के पालन पोषण में हाथ बंटाता है। 20 दिन पहले जुनैद की पत्नी ने बेटी अलीजा को जन्म दिया था। जबकि एक माह पहले जुनैद की बहन शैला पत्नी इमरान निवासी दिल्ली ने भी बेटी इनास को जन्म दिया था। दोनों परिवारों में खुशी का माहौल था। सोमवार को दोनों बच्चियों का अकीका था। दिल्ली से शैला भी जुनैद के घर पहुंची हुई थी। जुनैद की दूसरी बहन मुमताज ने बताया कि मुजफ्फरनगर, दिल्ली, हापुड़ और खत्ता रोड से महमान आने वाले थे। जिनके लिए खाना बनाया जा रहा था। खाना बनाने के लिए जैसी ही भट्ठी में आग लगाई। सिलेंडर से पाइप निकल गई और आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। जिसकी चपेट में आकर दोनों बच्चियां जिंदा जल गईं। चीत्कार सुनकर आस-पड़ोस से लोग जमा हो गए, लेकिन आग का विकराल रूप देख कोई भी घर के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। हालांकि कुछ देर मशक्कत के बाद लोगों ने सिलेंडर को घर से बाहर निकाल लिया। उधर, सूचना पर दमकल विभाग की भी एक गाड़ी पहुंच गई। जिसके बाद पूरी तरह से आग पर काबू पाया जा सका।
घर से बाहर आईजुनैद की बहन मुमताज ने बताया कि हादसे के दौरान घर के अंदर चार बच्चियां मौजूद थी। जिनमें से जिंदा जली दोनों बच्चियां और मुमताज की सात वर्षीय बेटी सनाया और तीन वर्षीय बेटी हिब्जा थी। इनास और अलीजा तख्त पर लेटी हुई थीं। जैसे ही सिलेंडर ने आग पकड़ी जुनैद की दोनों बेटियां और घर में मौजूद महिला दौड़कर बाहर आ गई। उन्होंने हल्ला किया, लेकिन तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी। जाम फंसी रही गाड़ी
आग लगने की सूचना के करीब आधे घंटे बाद दमकल विभाग की गाड़ी मौके पर पहुंची थी। इस दौरान पड़ोसी ने बताया कि बुढ़ाना गेट फाटक से गाड़ी को लेने वह गया हुआ था। जाम के चलते बुढ़ाना गेट से घर तक पहुंचने में ही गाड़ी को करीब 10 मिनट लग गए। तब तक घर में रखा हुआ पूरा सामान जलकर राख हो चुका था।
बड़ा हादसा होने से बचा
घर में आग की घटना के बाद जैसे ही चीख-पुकार सुनाई दी, तुरंत आसपास के लोग घर की तरफ दौड़ पड़े। समाजसेवी दलीप गुप्ता ने बताया कि जब वह घर पर पहुंचे तो सिलेंडर में आग लगी हुई थी। आग के चलते सिलेंडर भी फट सकता था। जिसकी वजह से और बड़ा हादसा होने की संभावना थी, लेकिन पड़ोसियों की सक्रियता के चलते सिलेंडर में लगी आग पर काबू पाया जा सका। लोगों ने घर से सिलेंडर को बाहर निकालकर आग बुझाई।
घटना के बाद जुनैद के परिवार में हर कोई बिलख रहा था। इस दौरान जुनैद की पत्नी के मुंह से सिर्फ एक ही आवाज निकल रही थी कि अभी तो नवजातों ने दुनिया देखी भी नहीं थी कि अल्लाह ने उन्हें छीन लिया।