बरसात से फसल हुई खराब कर्नाटक और एमपी के टमाटर का रेट 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंचा।

मेरठ (ब्यूरो)। मानसून की पहली बारिश ने मौसम को तो सुहावना बना दिया लेकिन लोगों के खाने का जायका बिगाड़ दिया है। हफ्तेभर में ही सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। मेरठ में 20 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर 120 रुपये पर पहुंच गया है। गोभी, धनिया, मिर्च और अदरक के दाम भी दो गुना तक बढ़ गए हैैं। मंडी विशेषज्ञों की मानें तो बरसात के साथ-साथ दाम और भी बढ़ सकते हैं।

बर्बाद हुई फसल
टमाटर की खेती सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में होती है। यहां टमाटर की दो फसल मुख्य रूप से होती है। एक अगस्त से सितंबर के बीच और दूसरी फसल फरवरी से जुलाई के बीच तैयार होती है। अभी जो टमाटर बाजार में होना चाहिए वो फरवरी से जुलाई के बीच तैयार होकर बिकने वाली फसल है। इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि बरसात के कारण हरियाणा, राजस्थान, यूपी एमपी की टमाटर की फसल खराब हो गई है। खेतों में जलभराव होने से टमाटर के अलावा फूल गोभी, धनिया, मिर्च, अदरक की फसल भी खराब हुई है। जिसके कारण मंडी में इनकी आवक काफी कम हो गई है। वहीं बची फसल से ही लागत और मुनाफा निकालने की कवायद के चलते अचानक से सब्जियों के दाम में उछाल आया है। मई में टमाटर की कीमतें गिरकर तीन से पांच रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। कई किसानों को फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था।

आने वाले दिनों में घटेंगे दाम
नवीन मंडी के आढ़तियों की मानें तो बारिश के कारण टमाटर और अदरक की आवक कम हुई है। अगले माह पुणे से टमाटर की खेप आने से टमाटर के दामों में 30-40 रुपये प्रति किलो तक गिरावट हो सकती है। वहीं अदरक पुणे, बंगलुरू और कुमाऊं से आती है। बारिश के चलते यहां से अदरक की आवक प्रभावित हुई है। सब्जी और फल मंडी ईद-उल-अजहा के मौके पर 29 जून को बंद रहेगी। 30 जून को माह का आखिरी दिन होने की वजह से मंडी में कारोबार नहीं होगा। एक जुलाई को मंडी खुलेगी। लिहाजा, दो दिन तक मंडी बंद रहने के दौरान सब्जियों के दामों में अभी और उछाल आने की संभावना जताई जा रही है।

सब्जियों के दाम में अंतर
सब्जी पहले अब
टमाटर 20 120
फूल गोभी 40 80
धनिया 80 100
मिर्च 60 80
अदरक 200 300

मंडी में ही टमाटर, धनिया, मिर्च, अदरक, फूल गोभी के भाव बढ़े हैं। मंडी में टमाटर 45 रुपये में पांच किलो मिलता था। अब वह 400-450 रुपये में मिल रहा है। इसी तरह अन्य सब्जियों के दाम भी बढ़े हैं। ऐसे में फुटकर में सस्ता कैसे दे दें।
भूषण शर्मा, आढ़ती

टमाटर का दाम हर साल बारिश में इतना अधिक बढ़ा दिया जाता है कि टमाटर गिनकर खरीदने पड़ते हैं। क्या होगा मंहगे हो गए हैं तो कम खरीदे जाएंगे।
कल्पना

कोई ना कोई सब्जी पूरे साल मंहगी रहती है। अदरक के बाद अब टमाटर और प्याज भी मंहगी हो जाएगी।
पुष्पा

सरकार को फल-सब्जी के दामों को कंट्रोल करने को नियम बनाने चाहिए। ताकि इनके दाम एक निश्चित सीमा तक ही बढ़ाए जा सकें।
मुस्कान

Posted By: Inextlive