Meerut News : ये कैंट है साहब, यहां मोबाइल काम नहीं करता है
मेरठ (ब्यूरो) । कैंटवासियों और यहां कारोबार करने वाले व्यापारियों से बात की तो सामने आया कि यहां नेटवर्क बड़ी समस्या है और कैंट बोर्ड ने केवल गिनी-चुनी जगहों को ही टावर लगाने के लिए चिन्हित किया है। दरअसल, बीते साल भी बचे हुए चार टावर के लिए कैंट बोर्ड ने एरिया में कनेक्टिविटी की समस्या को दूर करने के लिए पहल की थी। जिसके तहत दो बार मोबाइल टावर लगाने का टेंडर निकाला गया था। दोनों बार एक ही कंपनी इंडस ने टावर लगाने की इच्छा जाहिर की थी। मगर कैंट बोर्ड अन्य कंपनियों का भी इंतजार करता रहा। बीते साल 11 मार्च को कैंट बोर्ड की बैठक में भी इस बाबत चर्चा हुई लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई।
2019 में शुरुआत हुई
मार्च 2019 में लखनऊ से अनुमति मिलने के बाद कैंट क्षेत्र में टावर लगने की शुरुआत 27 जून 2019 को हुई थी। सबसे पहले लालकुर्ती स्थित बुचरी रोड पर टावर लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। कैंट क्षेत्र में 10 साइटों पर काउ और छह साइटों पर लीज पर टावर लगाने की प्रक्रिया पूरी की जानी थी। जिनमें से सात जगहों पर तो टावर लग गए लेकिन चार जगाह अभी भी टावर का काम अधर में अटका है।
लीगल एडवाइज के बाद तय होंगे रेट
रक्षा संपदा अधिकार से भी इंडस टावर से फिर बीएसएनएल से बात हुई। अनुबंध प्रक्रिया को लीगल एडवाजर से स्टडी कराकर ही पूरा किया जाना था। कंपनी को एक साल का किराया 80 लाख रुपए देना है, यह भी बात हुई थी। इससे पहले कंपनी सिक्योरिटी के रूप में 90 लाख रुपए दे चुकी है। पर सारा मामला केवल जमीन पर अटक गया था। अभी छह माह पहले भी मीटिंग में सामने आया था कि जमीन का जल्द चिंहित कर निरीक्षण किया जाएगा।
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इनमें से चार जगह वेस्ट एंड रोड, जामुन मोहल्ला, टंडेल व सदर बाजार में लगना रह गया है, जिससे पब्लिक परेशान है। जगह चिंहित की गई है, जल्द ही टॉवर लगेंगे, इसकी प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया गया है, जल्द ही इस संबंध में मीटिंग की जाएगी।
ज्योति कुमार, सीईओ, कैंट बोर्ड