अक्तूबर माह में परियोजना का धरातल पर काम शुरू होगा। योजना के तहत सिविल लाइन क्षेत्र में शुरु हुआ काम। पानी के लिए लगेंगे वाटर मीटर देना होगा बिल।

मेरठ (ब्यूरो)। दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े शहरों की तर्ज पर अब मेरठ महानगर में बिना कट के 24 घंटे शुद्ध पेयजल की सुविधा मिलेगी। इसके लिए पहले चरण में सिविल लाइन क्षेत्र का चयन किया गया था। गत वर्ष डीपीआर भेजी गई थी जो कि इस माह स्वीकृत हो चुकी है। अगले माह योजना पर काम शुरु होगा और इसके बाद पूरा दिन पानी की सप्लाई होगी। हालांकि इसके लिए वाटर मीटर लगाया जाएगा और लोगों से मीटर के अनुसार पानी का बिल भी लिया जाएगा।

24 घंटे मिलेगा पानी
गौरतलब है कि सरकार ने गिरते भूगर्भ जल स्तर और पानी की बर्बादी को रोकने के लिए गत वर्ष अमृत 2.0 योजना के तहत सरकार ने महानगरों में 24 घंटे जलापूर्ति की योजना पर काम शुरु किया था। इसी के तहत मेरठ में जल निगम और नगर निगम ने सिविल लाइन क्षेत्र को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया था और सिविल लाइन में वार्ड 32 के 1825 घरों में 24 घंटे जलापूर्ति के लिए 15.56 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार करके स्वीकृति के लिए शासन को भेजी गई थी। अब सिविल लाइन में 24 घंटे वाटर सप्लाई की डीपीआर शासन स्तर पर स्वीकृत कर लिया गया है। गुजरात की कंपनी को इस परियोजना का काम मिला है।

देना होगा पानी का बिल
अभी तक महानगर की जनता को नगर निगम ट्यूबवैल और गंगाजल की पाइप लाइन से जलापूर्ति कर रहा है। पानी की आपूर्ति का सुबह और शाम एक निर्धारित समय है। लेकिन इस योजना के पूरी तरह शुरु होने के बाद इस इलाके के परिवारों को न तो सबमर्सिबल और ना ही वाटर मोटर चलाने पड़ेंगे और न ही अपने घरों की छतों पर टंकी में पानी स्टोर करना पड़ेगा। पूरे क्षेत्र में पाइप लाइन से 24 घंटे पानी मिलेगा। इससे भूगर्भ जल दोहन के साथ-साथ पानी की बर्बादी भी कम होगी। लेकिन इस सुविधा के लिए शहर के लोगों को पानी का बिल देना होगा। इसके तहत बकायदा घरों में वाटर मीटर लगाया जाएगा और पानी का बिल मीटर के आधार पर भरना होगा। लोगों से निर्धारित दरों के आधार पर जलमूल्य या जलकर लिया जाता है।

ऐप से जमा होगा बिल
इस योजना के साथ ही पानी का बिल जमा करने के लिए एक एप जारी होगा।
जिसके माध्यम से परिवार पानी का बिल घर बैठे ही जमा कर सकेंगे। एप के जरिये पानी का बिल जमा किया जा सकेगा।

अच्छी योजना है इससे काफी हद तक पेयजल की समस्या दूर हो सकेगी।
घनश्याम मित्तल

वाटर मीटर लगाने के बाद बिल की दरें आम आदमी के बजट के अनुसार होनी चाहिए तभी योजना का फायदा मिलेगा।
किशोर वाधवा

हाउस टैक्स की तरह इस वाटर टैक्स की स्थिति ना हो जाए, जनता से अनावश्यक वसूली हुई तो योजना फ्लॉप हो जाएगी।
अजीत शर्मा

इस योजना की डीपीआर शासन द्वारा स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द इस योजना के तहत काम शुरु होगा।
मोहित वर्मा, परियोजना प्रबंधक, जल निगम

Posted By: Inextlive