मेरठ में हुआ करता था कभी यहां सेल्फी प्वाइंट
मेरठ (ब्यूरो)। शहर की सुंदरता बढ़ाने नगर निगम द्वारा सालभर पहले किए गए प्रयास आज धूल फांक रहे हैं। इसका सबसे प्रमुख उदाहरण है शहर में जगह जगह लगाए गए सेल्फी पाइंट और वेलकम पाइंट से दिख रहा है। अभी इन पाइंट को बने हुए साल भर से अधिक समय नही बीता है लेकिन अधिकतर सेल्फी पाइंट की बत्ती गुल हो चुकी और जगह जगह सेल्फी पाइंट गंदगी के कारण धूल फांक रहे हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति शहर को कबाड़ के जुगाड़ से चमकाने के लिए लगाए गए ड्रम का है जो बनाए तो सुंदरता के लिए गए थे लेकिन अब घास फूस के कारण सुंदरता बिगड़ गई है।
अंधेरे में डूबे सेल्फी पाइंट
शहर से बाहर आने वाले लोगों के स्वागत और शहर को सुंदर बनाने के उददेश्य से गत वर्ष शहर में जगह जगह आई लव मेरठ के नाम सेल्फी पाइंट बनाए गए थे। शुरुआत में ये सेल्फी पाइंट शहर के लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे थे लेकिन कुछ दिनों बाद ही ये सेल्फी पाइंट रखरखाव के अभाव में जर्जर होना शुरु हो गए और लोगों की पहुंच से दूर होना शुरु हो गए। कुछ दिनों बाद ही तेजगढ़ी चौराहे पर लगे सेल्फी पाइंट के अक्षर गायब हो गए थे। उसको रिपेयर कराया गया तो कुछ दिनों बाद ही कमिश्नरी चौराहे का सेल्फी पाइंट टूट गया। इसके अलावा कचहरी चौराहे पर लगा योगा साइन बोर्ड कई माह से अंधेरे में डूबा रहता है। अधिकतर सेल्फी पाइंट की लाइट कई माह से बंद पड़ी है साथ ही धूल मिटटी से अटे हुए सेल्फी पाइंट अब लोगों को आकर्षित करने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
वहीं शहर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए नगर निगम ने स्टोर रूम में पड़े खराब ड्रम और ट्रैक्टरों के पहिए से शहर में जगह जगह सुंदर सजावट की गई थी। रोड साइट, चौराहों पर पार्क में इन स्क्रैप के माध्यम से बनाए गए जुगाड़ भी कुछ दिन तक ही चल पाए। अब स्थिति यह है कि अधिकतर ड्रम और टायर खुद कबाड़ हो चुके हैं। इन पाइंट के आसपास घास फूस उग चुकी है और झाडियों से कवर होने लगे हैं। कुल मिलाकर लापरवाही के चलते ये प्रयास भी सफल नही हो पा रहा है।
सेल्फी पाइंट और तमात पार्कों की समय समय पर सफाई कराई जाती है। कुछ जगह पर बिजली का इश्यू जरुर है लेकिन अधिकतर सेल्फी पाइंट तुरंत सही कराए जा रहे हैं। इसके लिए शहर के लोगों की जागरुकता भी जरुरी है कि अपने शहर की सुंदरता के लिए बनी चीजों का ध्यान रखे।
प्रमोद कुमार, अपर नगरायुक्त