Meerut News : कूड़ा निस्तारण का इंतजाम नहीं है, पर ख्वाब अच्छी रैंक का देखते हैं
मेरठ (ब्यूरो)। साल भर से स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों में जुटे निगम की अब परीक्षा का समय आ गया है। इस माह स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम शहर में औचक निरीक्षण के लिए आने वाली है। टीम स्वच्छता सर्वेक्षण के उन सभी बिंदुओं का निरीक्षण करेगी, जिनके लिए निगम ने दावा किया है और जो मानक के अनुसार अनिवार्य हैं। स्थिति यह है कि दावे तो दूर बेसिक मानकों पर भी निगम की तैयारियां अधूरी हैं। हालांकि, अभी निगम तेजी से मानकों को पूरा करने में जुटा हुआ है। ऐसे में उम्मीद है कि कमियों के बाद भी हर साल की तरह इस साल भी निगम अपनी रैंक में सुधार करेगा।
कूड़ा ना बिगाड़ दे खेल
गौरतलब है कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 9500 अंकों का है। इस सर्वेक्षण में अकेले 1705 अंक कूड़ा निस्तारण या कहें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की श्रेणी के हैं, लेकिन इस स्तर पर ही निगम विफल साबित हो रहा है। शहर की गलियों से लेकर मेन रोड पर कूड़े का ढ़ेर, ओवर फ्लो डस्टबिन से लेकर बिना सेग्रीगेशन के कूड़ा कलेक्शन निगम को भारी पड़ सकता है। मेरठ में प्रतिदिन उत्सर्जित होने वाले कूड़े का निस्तारण अभी तक शून्य है। लोहियानगर और मंगतपुरम में कूड़े का पहाड़ लगा है और अभी तक गांवड़ी में ताजे कूड़े के निस्तारण का प्लांट भी नहीं लग सका है। हाालंकि गांवड़ी में वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगाने के लिए एनटीपीसी के साथ नगर निगम का अनुबंध हो चुका है लेकिन प्लांट चालू होने में समय लगेगा।
लोहिया नगर में सिर्फ लीगेसी वेस्ट प्लांट को छोड़ दें तो सॉलिड वेस्ट के नाम पर नगर निगम के पास अभी तक मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, सीएंडडी वेस्ट प्लांट जैसी मुख्य सुविधाएं तक नही हैं। अगर एमआरएफ (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर चालू न किए गए तो स्वच्छ सर्वेक्षण में अंक कट जाएंगे। मानकों के अनुसार महानगर में प्रतिदिन उत्सर्जित कूड़े का निस्तारण 60 प्रतिशत से कम पाया गया तो सर्वेक्षण में शून्य अंक दिया जाएगा। क्योंकि मानकों के अनुसार 60 प्रतिशत से ज्यादा कूड़े का निस्तारण करना अनिवार्य है।
अभी तक मशीने नहीं
हालांकि 11 में से 7 स्थानों पर मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर छह महीने से बनकर तैयार हैं लेकिन मशीनों के अभाव में इनमें ताले लटक रहे हैं। इस माह निरीक्षण के लिए टीम आने की संभावना है। कुछ योजनाएं अभी अधूरी हैं उन पर तेजी से काम चल रहा है। उम्मीद है इस बार गत वर्ष से बेहतर रिजल्ट होगा।