इन दिनों ऑनलाइन इलाज का ट्रेंड है
मेरठ (ब्यूरो)। वैसे, जब आप बीमार हुए होंगे तो अस्पताल में चक्कर लगाने पड़े होंगे। कई बार इलाज के लिए कतार में खड़े भी हुए होंगे। यकीनन आपको को काफी परेशानी हुई होगी। लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग की पहल से हालात बदल गए हैं। डिजिटल युग है, लिहाजा डॉक्टर की सलाह ऑनलाइन ले सकते हैं। इसके लिए आपको बस ई-संजीवनी ऐप का सहारा लेना होगा। तीन साल पहले कोरोना काल में शुरू हुई ई- संजीवनी ऐप ओपीडी सुविधा अब मरीजों की पहली पसंद बन गई है। अब यूपी में संजीवनी ऐप के इस्तेमाल में मेरठ नंबर वन बन गया है। घर बैठे मरीज जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज के डॉक्टर्स से परामर्श ले रहे हैं। इससे उन्हें फायदा भी हो रहा है।
तीन साल से मेरठ नंबर वन
ऑनलाइन ई-संजीवनी ओपीडी मरीजों के लिए एक बेहतरीन सहारा बन गई है। मरीज घर बैठे ही डॉक्टर से ट्रीटमेंट ले रहे हैं। कोरोना काल में शुरू हुए ई-संजीवनी ऐप से चिकित्सा देने में मेरठ लगातार तीसरे साल भी प्रदेश में नंबर वन पर बना है। यानि पूरे यूपी में सबसे अधिक मेरठ के मरीज ऑनलाइन मेडिकल हेल्प ले रहे हैं। इस सुविधा के लिए मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में दो शिफ्ट में डॉक्टर्स की तैनाती की गई है। इनमें 3-3 डॉक्टर ड्यूटी के दौरान मरीजों को ऑनलाइन परामर्श देते हैं। वे सुबह 9 से दोपहर दो बजे तक ऑनलाइन सेवा के लिए उपलब्ध रहते हैं।
ई संजीवनी पर वीडियो कॉलिंग के जरिए डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं। या फिर मैसेज से भी अपनी समस्याएं बता सकते हैं। यह फ्री सेवा है। ई-संजीवनी कक्ष में चार कंप्यूटर लगे हैं। जो इंटरनेट से जुड़े हैं। 2 लाख से ज्यादा लोगों का इलाज
गौरतलब है कि मार्च 2023 के वित्तीय वर्ष तक 2 लाख 6 हजार 404 लोग ई संजीवनी के जरिए घर बैठे फ्री में इलाज करा चुके हैं। ऑनलाइन इलाज की सुविधा लेने में 1 लाख 89 हजार 747 मरीजों की संख्या के साथ अयोध्या दूसरे नंबर है। जबकि तीसरे स्थान पर 1 लाख 64 हजार 359 ओपीडी के साथ रायबरेली है। वहीं, चौथे नंबर पर 1 लाख 61हजार 965 ओपीडी के साथ बाराबंकी है।
सीएचओ भी करेंगे मदद
अगर मरीज के पास एंड्रॉयड मोबाइल है तो ई-संजीवनी ओपीडी एप और पोर्टल के जरिये सलाह ले सकते हैं। वहीं, जिनके पास मोबाइल नहीं है, वे लोग जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) से जाकर मुलाकात कर सकते हैं। सीएचओ अपने टैब या मोबाइल से ई-संजीवनी एप के जरिये डॉक्टर से मरीज का संपर्क कराएंगे। जिले में 97 स्थानों पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुले हैं।
गूगल प्ले स्टोर पर जाकर ई-संजीवनी एप इंस्टॉल करें एप इस्तेमाल नही करते तो गूगल क्रोम ब्राउजर पर डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉट ई संजीवनी ओपीडी डॉट इन पर जाएं। एप या वेबसाइट पर जाकर पेशेंट रजिस्ट्रेशन बटन पर क्लिक करें। अपना राज्य और जनपद चुनें जनरल ओपीडी का चयन करें मोबाइल नंबर डालें और सेंड ओटीपी पर क्लिक करें ओटीपी मिलने के बाद कंफर्म कर दें ओटीपी दर्ज कर अपना मोबाइल नंबर सत्यापित करें छह अंकों का पंजीकरण के बाद जेनरेट टोकन बटन पर क्लिक करके टोकन बनाएं टोकन नंबर प्राप्त होने की सूचना मिलने पर टोकन नंबर और मोबाइल नंबर की सहायता से पेशेंट लॉगिन बटन पर क्लिक करें फिर अपनी बारी का इंतजार करें और डॉक्टर से सलाह लें अंत में ई प्रिस्क्रिप्शन पर्चे को डाउनलोड करें
ई संजीवनी ऐप के लिए लगातार जन जागरुकता बढ़ाई जा रही है। इसी का नतीजा है कि मेरठ जनपद लगातार नंबर बना हुआ है। इसमें स्पेशिलिस्ट डॉक्टर की डयूटी लगाई जाती है ताकि मरीज पूरी तरह संतुष्ट रहे।
डॉ। अखिलेश मोहन, सीएमओ