सत्य के मार्ग पर चलते रहना ही प्रगति का एकमात्र रास्ता है। अगर आप सत्य के मार्ग पर चल रहे हैं तो आपको अपने लक्ष्य से कोई नहीं डिगा सकता है। इसके साथ ही आपको कठिन परिश्रम सत्यता और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होना पड़ेगा तभी आप अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं। सीसीएसयू में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान वीसी प्रो संगीता शुक्ला ने यह बात कही।


मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएसयू में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर सीसीएसयू परिसर में हवन किया गया। इस मौके पर कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि अपनी संस्कृति अपना भारत अपना हिंदुस्तान अपने दिल में बनाए रखिए।युवा अपने अंदर की शक्ति को पहचाने यदि आप अपनी शक्ति को पहचान गए तो आप कुछ भी कर सकते हैं। तीन बातें हैं जरूरी


उन्होंने कहा कि युवा दिवस पर युवाओं के लिए यह तीन बात जरूरी हैं। लक्ष्य के प्रति दौड़ते रहें, धैर्य रखें जीते या हारे, लेकिन स्वयं से हार नहीं माननी है यदि आपने ऐसा किया तो निश्चित ही आपकी जीत होगी। सत्य के प्रति विश्वास बनाए रखें। कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्रों को देखकर कुलपति प्रो। संगीता शुक्ला ने कहा कि आज सर्दी बहुत है, लेकिन आप सभी को देखकर यह लगता है कि यह सर्दी की नहीं, मन की ऊर्जा की बात है। स्वामी विवेकानंद जी बहुत कम उम्र में चले गए यदि वह कुछ समय और जीवित रहते तो आज हमारी दिशा कुछ और ही होती।विवेकानंद का जीवन दर्शन बताया

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी बहुत दयालु थे। अपने आप में विश्वास रखते थे युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत थे। वह पूरे विश्व को अपना एक परिवार मानते थे। कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रो। रूपनारायण ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन को बड़े ही सहजता के साथ समझाया और कहा स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था इनके पिता वकील थे।स्वामी जी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि वाले थे उन्होंने ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त कर 18 80 में रामकृष्ण परमहंस जी से भेंट की और समाज सेवा के लिए निकल पड़े। युवाओं को प्रेरणा दी उन्होंने युवाओं के लिए महान वाक्य उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य को प्राप्त ना कर लो युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी जिन्होंने अपने अदम्य साहस और निर्भीकता से पूरे विश्व में सत्य सनातन धर्म की शिक्षा देते हुए कहा गर्व से कहो कि हम हिंदू हैं।यह नारा स्वामी विवेकानंद जी ने दिया स्वामी विवेकानंद जी समाज में समरसता की बात करते थे। ये लोग रहे मौजूद इस अवसर पर कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वरिष्ठ आचार्य प्रोफेसर वाई विमला सांस्कृतिक साहित्यिक परिषद के समन्वयक प्रोफेसर विग्नेश त्यागी प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता डॉ विवेक त्यागी प्रोफेसर जगबीर भारद्वाज डॉ धर्मेंद्र कुमार इंजीनियर प्रवीण पवार मितेंद्र कुमार गुप्ता अमरपाल ईशा पटेल अंजू मलिक नवज्योति चौधरी आदि मौजूद रहे।

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