सीसीएसयू सहित अन्य 16 यूनिवर्सिटी के सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों पर शासन ने जांच के आदेश दिए पांच सदस्यीय टीम करेंगी नौ बिंदुओं पर जांच

मेरठ ब्यूरो। स्कॉलरशिप के नाम पर फर्जीवाड़ा करने की शिकायत पर मेरठ समेत यूपी की 16 यूनिवर्सिटी से संबद्ध 4000 हजार अधिक सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की शासन स्तर से जांच होगी। इसके तहत जांच कमेटी का गठन किया गया है। शासन के निर्देशों के बाद सीसीएस यूनिवर्सिटी में 5 सदस्यीय टीम गठित की गई। यह टीम 9 बिंदुओं पर जांच करके रिपोर्ट देगी। इस जांच के दायरे में एडेड कॉलेजों में जारी सेल्फ फाइनेंस कोर्स भी रहेंगे। कॉलेजों की जांच के बाद शासन को सौपी जाएगी।
बीएड कॉलेजों की पहुंची शिकायत
गौरतलब है कि बीते साल जून में यूपी के 429 कॉलेजों में फर्जी स्टूडेंट दिखाकर स्कॉलरशिप हड़पने की शिकायत राजभवन में हुई थी। इनमें मेरठ, आगरा, बनारस समेत विभिन्न इलाकों के कॉलेजों के नाम थे। इसके अलावा फरवरी 2022 में यूपी के कई सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिए टीचर्स और फर्जी स्टॉफ को दिखाया गया था। वहीं, बीएड व सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की स्कॉलरशिप की शिकायतें भी राज्यपाल के पास पहुंची थी। इसके आधार पर राजभवन से जांच के आदेश दिए गए हैं।
यूपी के 734 कॉलेजों की जांच
गौरतलब है कि पहले चरण में यूपी के सेल्फ फाइनेंस और बीएड कॉलेजों को मिलाकर 734 कॉलेजों की जांच होगी। वहीं, मेरठ की सीसीएस यूनिवर्सिटी में 98 सेल्फ फाइनेंस और सेल्फ फाइनेंस बीएड कॉलेजों की जांच होगी। गौरतलब है कि मेरठ मंडल के नौ जिलों में करीब 1200 कॉलेज हैं। जांच के लिए राजभवन से लेटर यूनिवर्सिटी में पहुंच चुका है।
पहली बार बड़े पैमाने पर जांच
गौरतलब है कि प्रदेश स्तर पर पहली बार एक साथ 16 यूनिवर्सिटी के कॉलेजों को जांच के दायरे में शामिल किया गया है। जांच में तीन सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। उच्च शिक्षा निदेशक प्रो। ब्रह्मदेव के आदेश पर यूनिवर्सिटी में जांच शुरू हो चुकी है।

ये करेंगे सीसीएसयू कॉलेजों की जांच
सीसीएसयू में जांच की जिम्मेदारी प्रो। गिरीश कुमार, प्रो। राजेश गर्ग, प्रो। योगेंद्र प्रताप सिंह, प्रो। पीके त्यागी एवं डॉ। जितेंद्र कुमार को मिली है। वहीं, मां शाकुंभरी देवी यूनिवर्सिटी सहारनपुर में डॉ। जितेंद्र कुमार, प्रो। पीके त्यागी, डॉ। जितेंद्र कुमार एवं डॉ। मनोज कुमार जांच करेंगे। अन्य यूनिवर्सिटी में भी इसी तरह पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है। जांच के बाद इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
इन 16 यूनिवर्सिटी में होगी जांच
आगरा,कानपुर, जौनपुर, प्रयागराज, लखनऊ, अलीगढ़, कांशी, झांसी, फैजाबाद, मेरठ, सहारनपुर, बलिया, बरेली, गोरखपुर, आजमगढ़ और सिद्धार्थनगर यूनिवर्सिटी।

इन बिंदुओं पर होगी जांच
- प्रिंसिपल का यूनिवर्सिटी में अनुमोदन
- प्राध्यापकों को यूनिवर्सिटी से अनुमोदन
- स्टॉफ की उपस्थिति रजिस्टर
- प्रबंध तंत्र का यूनिवर्सिटी से अनुमोदन
- क्लास भवन, प्रयोगशाला, कॉलेज का संसाधन
- स्टूडेंट्स से प्राप्त होने वाली फीस
- स्टूडेंट्स की उपस्थिति, परीक्षा की स्थिति
- विभिन्न कोर्स की यूनिवर्सिटी से संबद्धता
- हर साल स्टूडेंट्स को मिलने वाली स्कॉलरशिप का भी डाटा

यूनिवर्सिटी में जांच टीम अपनी पड़ताल कर रही है। इसमें यूनिवर्सिटी स्तर से कोई भूमिका नहीं है। जो सदस्य जांच के लिए चुने गए है। वो जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे, इस मामले में कुछ भी कहना संभव नही है।
धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू

Posted By: Inextlive