सड़क हादसा होने पर द गोल्डन ऑवर सबसे इंपोर्टेंट
मेरठ (ब्यूरो)। सड़क सुरक्षा सप्ताह के उपलक्ष्य में नगरीय स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण केंद्र सूरजकुंड में जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया। कैंप में कम्युनिटी मेडिसिन की विभागाध्यक्ष एवं आचार्य डॉ। सीमा जैन, आचार्य डॉ। संजीव कुमार एवं सहायक आचार्य डॉ। नीलम गौतम ने सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को कैसे कम किया जा सकता है और सड़क पर चलते समय पैदल एव वाहन चालकों को किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए। दुर्घटना होने के बाद जान कैसे बचाई जा सकती है इसकी संपूर्ण जानकारी दी।
ये लोग रहे मौजूदकैंप के दौरान सीनियर रेजिडेंट डॉ। गार्गी, डॉ। दरखशा एवं डॉ। निहारिका ने भी श्रोताओं को जरूरी जानकारी दी। इसमें जूनियर रेजिडेंट डॉ। आशु, डॉ। उमेश, डॉ। रवि, डॉ। कृति, महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ। प्रगति संग सभी इंटर्न और सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती मंजू यादव का भी योगदान रहा।
सिर में चोट से हो रही मौतें
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉक्टर वीडी पांडे ने बताया की कैंप की शुरुआत सड़क सुरक्षा नियमों की संपूर्ण जानकारी से हुई। कैंप में यह बताया गया कि दुर्घटना होने पर एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि पूरे परिवार का नुकसान होता है क्योंकि पूरे परिवार की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होती है। हर साल भारत में डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हो जाती है जिसका मुख्य कारण सिर में चोट लगना है। सड़क दुर्घटना में सबसे महत्वपूर्ण होता है अपने सिर पर चोट लगने से बचाना क्योंकि दिमाग एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है और दिमाग पर चोट लगने से पूरे जीवन भर के लिए अपंगता हो सकती है और मृत्यु भी हो सकती है।
सड़क दुर्घटना होने पर द गोल्डन ऑवर के बारे में भी जानकारी दी गई। इसमें एयरवे यानी वायु मार्ग, ब्रीदिंग यानी सांस लेना, सरकुलेशन यानी रक्त संचार को कैसे स्थिर रखा जाए इस पर भी प्रकाश डाला गया। अंत में कैंप में उपस्थित लोगों के पूछे गए सभी सवालों के जवाब दिए गए। प्रधानाचार्य डॉ। आरसी गुप्ता ने कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर तनवीर बानो, डॉक्टर सीमा जैन, डॉक्टर संजीव कुमार, डॉक्टर नीलम गौतम एवं उनकी टीम को सड़क सुरक्षा मां अंतर्गत कार्यक्रम के सफल आयोजन और बधाई दी।