वन क्षेत्र कम, टारगेट भी कम, ऐसे में भला किस फॉर्मूले से हरा-भरा होगा जिला
मेरठ (ब्यूरो)। गौरतलब है कि पिछले साल करीब 32 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया गया था, बावजूद इसके हरियाली के क्षेत्र में बढ़ोतरी नहीं हुई। इस साल तो जनपद में पौधरोपण का टारगेट भी कम कर 30 लाख के करीब कर दिया गया है। ऐसे में किस फार्मूले से शहर का हरियाली क्षेत्र बढ़ेगा, ये बात समझ से बाहर है।
पौधरोपण का टारगेट कम
जनपद के पॉल्यूशन स्तर को सुधारने और हरियाली को बढ़ाने के लिए वन विभाग हर साल की तरह इस साल भी जुलाई माह में वन महोत्सव के अवसर पर पौधरोपण करेगा। इसके लिए इस बार 28 विभागों को 30.5 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य सौंपा गया है। जबकि गत वर्ष 32.58 लाख से अधिक पौधे रोपने का टारगेट दिया गया था। यानि इस साल पौधरोपण भी गत वर्ष की तुलना में कम किया जा रहा है। इन सभी विभागों को 24,67,422 पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके अलावा वन विभाग सर्वाधिक 5.94 लाख पौधे रोपेगा।
इसलिए घट गई हरियाली
गौरतलब है कि जनपद में वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए हर साल लाखों पौधे लगाए जाते हैं। साल 2021 में भी वन विभाग के साथ मिलकर एमडीए, आवास विकास, उद्यान विभाग, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि समेत अन्य विभागों की मदद से करीब 29 लाख पौधे लगाए गए थे। लेकिन इसके बाद भी हरियाली क्षेत्र में इजाफा नहीं हुआ था। 29 लाख पौधों के रोपण के बाद भी जिले का वन क्षेत्र 2.67 प्रतिशत तक सीमित रहा। वन विभाग की मानें तो जनपद में पौधरोपण की जगह ही कम होती जा रही है। इसलिए वन क्षेत्र घट रहा है।
पिछले पांच साल में हुआ पौधरोपण
साल 2021-22- 32.58 लाख पौधे
साल 2020-21- 29.24 लाख पौधे
साल 2019-20- 24.66 लाख पौधे
साल 2018-19- 19.32 लाख पोधे
साल 2017-18- 9.50 लाख पौधे मेरठ के वन क्षेत्र पर नजर
कुल भू-भाग 2559 वर्ग किमी।
अति घना वन क्षेत्र 00 वर्ग किमी।
मध्यम घना वन क्षेत्र 34 वर्ग किमी।
खुला वन क्षेत्र 34.4 वर्ग किमी।
कुल वन क्षेत्र 68.4 वर्ग किमी।
कुल क्षेत्रफल पर वन 2.66 फीसद। वन विभाग के पास केवल सात प्रतिशत भूमि है, जबकि 93 फीसद भूमि निजी है। हर साल भूमि कम होती जा रही है, इससे हरियाली भी घट रही है। सार्वजनिक स्थलों और सरकारी व निजी कार्यालयों में पौधरोपण कर हरियाली को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
राजेश कुमार, डीएफओ