फैक्ट यह है कि मेरे शहर में चार्जिंग स्टेशन बस एक और ईवी 3500 हैैं
मेरठ (ब्यूरो)। शहर की सड़कों पर ईको फ्रेंडली ईवी गाडिय़ां दिखने लगी हैैं। एमजी की कोमेट और टाटा की नेक्सन समेत टू व्हीलर्स को मिलाकर कुल 3500 वाहन जिले की सड़कों पर फर्रांटा भर रहे हैैं। मगर पेट्रोल-डीजल और सीएनजी वेरिएंंट को छोड़ ईवी चुनने वालों की राह अभी आसान नहीं है। कारण है, गाडिय़ों को चार्ज करने के लिए अभी जिले मेें केवल एक चार्जिंग स्टेशन है। जब इस बारे में पीवीवीएनएल के सिटी एसई का कहना है कि ईवी चार्जिंग स्टेशन के लिए लोग अप्लाई ही नहीं कर रहे। वहीं ज्यादातर पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि ईवी चार्र्जिंग स्टेशन के लिए बड़ा पार्किंग स्पेस चाहिए। साथ ही 24 घंटे बिजली आपू्र्ति एक बड़ी समस्या है।
घर में चार्जिंग की व्यवस्था
गौरतलब है कि जहां तीन साल पहले जनपद में नाममात्र ईवी वाहन रजिस्टर्ड थे, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर 3500 तक पहुंच चुका है। मगर मात्र एक ईवी स्टेशन के चलते गाडिय़ों की चार्जिंग लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। इतना ही नहीं, ईवी ऑनर तनुज मित्तल का कहना है कि यहां केवल एक चार्जिंग स्टेशन है इसलिए घर में ही चार्जिंग प्वाइंट की व्यवस्था करनी पड़ी। वहीं परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनपद में साढ़े तीन हजार से अधिक दुपहिया और चौपहिया ई-वाहन शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। जबकि ई रिक्शा की संख्या 14 हजार से अधिक है। हालांकि ई-रिक्शाओं की चार्जिंग के लिर 42 चार्जिंग स्टेशन है। वहीं टू व्हीलर्स भी घर पर आसानी से लोग चार्ज कर रहे हैैं। मगर फोर व्हीलर्स चार्जिंग अभी एक बड़ी समस्या है।
गौरतलब है कि सालभर पहले तत्कालीन एमडी अरविंद मल्लपा बंगारी ने शहर में बढ़ते ई-वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पेट्रोल पंप समेत हाइवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे किनारे इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन खोलने की योजना तैयार की थी। इसके तहत फोरटम चार्ज एंड ड्राइव इंडिया कंपनी ने मेरठ में ई-चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए कदम बढ़ाया था। कंपनी ने ई-चार्जिंग स्टेशन के लिए 111 केवीए का विद्युत कनेक्शन लेने के लिए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में आवेदन भी किया था। जिसके बाद शहर का पहला एकमात्र चार्जिंग स्टेशन दिल्ली-देहरादून हाइवे पर गार्डन सिटी खुल गया था। लेकिन इसके बाद एक भी स्टेशन शहर में नहीं खुला।
केवल 50 वाहनों की चार्जिंग
दिल्ली देहरादून हाईवे गार्डन सिटी स्थित चार्जिंग स्टेशन शहर से बिल्कुल बाहर है और उस पर सैकड़ों वाहनों का लोड हर समय रहता है। जबकि पूरे 24 घंटे में पूरी क्षमता से वाहन चार्ज करने के बाद भी 50 से अधिक वाहन चार्ज नहीं हो पाते हैं।
ई-चार्जिंग स्टेशन पर 10 चार्जिंग प्वाइंट स्थापित किए गए हैं।
4 प्वांइट फास्ट चार्जिंग वाले जबकि 6 प्वाइंट स्लो चार्जिंग वाले प्वाइंट शामिल हैं।
एकमात्र चार्जिंग स्टेशन पर एक साथ करीब 10 इलेक्ट्रिक कार की चार्जिंग होती है।
24 घंटे में 50 इलेक्ट्रिक कार चार्ज होती है।
ई-चार्जिंग स्टेशन के फास्ट चार्जिंग प्वाइंट पर एक इलेक्ट्रिक कार की बैटरी 45 से 60 मिनट में चार्ज होती है।
फास्ट चार्जिंग प्वाइंट पर 60 किलोवाट का चार्जर लगाया गया है।
फास्ट चार्जिंग प्वाइंट पर कार चार्ज करने का प्रति यूनिट 18 रुपये चार्ज
स्लो चार्जिंग प्वाइंट पर 7.4 किलोवाट का चार्जर लगा है।
प्वाइंट पर चार्जिंग में चार से पांच घंटे लगेंगे।
स्लो चार्जिंग प्वाइंट पर कार चार्ज करने का प्रति यूनिट 15 रुपये चार्ज जनपद में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थिति
इलेक्ट्रिक मोटर साइकल, स्कूटर- 3214
इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर- 118
ई लोडर रिक्शा- 693
ई रिक्शा - 13954
इलेक्ट्रिक सिटी बसें- 50
ईवी वाहन ईको फ्रेंडली हैं और बजट के हिसाब से भी बेहतर विकल्प हंै। जब से ईवी व्हीकल इस्तेमाल कर रहा हूं पेट्रोल की चिंता खत्म हो गई है। केवल एक स्टेशन होने के चलते चार्जिंग की टेंशन रहती है।
तनुज मित्तल
पंडित विवेक दत्त शर्मा ईवी व्हीकल तो ले लिया लेकिन जिले में एक ही चार्जिंग स्टेशन होने के चलते घर पर चार्जिंग प्वाइंट लगवाना पड़ा। जब गाड़ी ली थी तब लगा था कि धड़ल्ले से चार्जिंग स्टेशन खुलेंगे।
तनवी बंसल पेट्रोल पंप के लिए आवंटित जमीन पर ईवी स्टेशन नहीं लगाया जा सकता है। अगर किसी के पास एक्सट्रा जमीन है तो वह चार्जिंग स्टेशन के लिए अप्लाई कर सकता है।
अमन अग्रवाल, पेट्रोल पंप संचालक, हापुड़ रोड देखिए इसमें पेट्रोल पंप संचालक का कोई रोल नहीं है। इसमें ऑयल कंपनी को ही फैंसला लेना होता है। ईवी चार्जिंग स्टेशन के लिए सेटअप थोड़ा बड़ा होगा तो जाहिर सी बात है थोड़ा टाइम लगेगा।
मनीष जैन, साकेत सर्विस स्टेशन
20 किलोवाट तक के कनेक्शन बिजली विभाग जारी कर सकता है। 20 किलोवाट से ऊपर के कनेक्शन के लिए निवेश मित्र पोर्टल पर अप्लाई कर कनेक्शन लिया जा सकता है। मगर अभी लोग इस ओर रूचि नहीं दिखा रहे हैैं।
विजयपाल, सिटी एसई