स्वास्थ्य विभाग की आंख में धूल झोंककर रजिस्ट्रेशन रद होने के बाद भी संचालित हो रहे आधा दर्जन से अधिक निजी अस्पतालों पर ताला लगना शुरू हो गया है।

मेरठ (ब्यूरो)। तीन माह पहले 16 अस्पतालों का लाइसेंस कैंसिल होने के बावजूद उनका संचालन हो रहा था। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इस खबर को 'ओपीडी-ऑपरेशन सब चालू हैैं वैसे इनका लाइसेंस कैंसिल है' नामक शीर्षक से प्रकाशित किया था। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया गया।

जारी था संचालन
दरअसल, तीन माह पहले स्वास्थ्य विभाग ने अधूरे मानक और इलाज में लापरवाही की मिल रही शिकायतों के आधार पर 16 से अधिक अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद किया था। लेकिन रजिस्ट्रेशन रद होने के बाद भी अस्पतालों का संचालन जारी था।

विभाग ने किया निरीक्षण
खबर छपते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आ गई। एसीएमओ सुधीर कुमार और जावेद ने अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य विभाग की टीम के निरीक्षण की सूचना पर अधिकतर अस्पताल संचालकों ने खुद अपने अस्पतालों को खाली करा दिया। जो अस्पताल खुले मिले उनको चेतावनी देकर बंद करा दिया गया।

ओपीडी बंद, बेड खाली
खबर छपते ही अस्पतालों का प्रबंधन हरकत में आ गया। छापे के डर से अस्पताल प्रबंधन ने भर्ती मरीजों को निकालकर बेड खाली करा दिए। वहीं ओपीडी का संचालन भी बंद कर दिया गया। कुछ अस्पतालों ने कार्यवाही से बचने के लिए अस्पताल में साफ-सफाई और रंगाई पुताई का काम शुरू करा दिया।

इन हॉस्पिटलों का संचालन हुआ बंद
आरटीओ रोड स्थित शुभकामना हॉस्पिटल
शास्त्रीनगर स्थित राजीव हॉस्पिटल
तेजगढ़ी स्थित एमपीएस हॉस्पिटल
हापुड़ रोड स्थित अल जौहर हॉस्पिटल

इस मामले में हमारी टीम ने खुद अस्पतालों में जाकर मौके पर निरीक्षण किया। शुभकामना में मरीज मिले थे, जिसे मौके पर बंद करा दिया गया। एमपीएस और अल जौहर में कोई मरीज नही मिला केवल मेंटिनेंस के लिए खुला हुआ था। सभी अस्पताल बंद करा दिए गए हैं।
सुधीर कुमार, एसीएमओ

Posted By: Inextlive