दो दिन से जारी लगातार बारिश से बिगड़ी शहर की व्यवस्थाएं
मेरठ । बुधवार से जारी बरसात ने एक बार फिर नगर निगम के दावों की पोल खोल दी। दो दिन से लगातार जारी बारिश ने ना सिर्फ पुराने शहर की गलियों से लेकर बाजारों मे जलभराव कर दिया वहीं दिल्ली रोड पर रैपिड रेल के काम के चलते पूरी मेन रोड जगह जगह बरसात के पानी मे डूबी दिखी।
दो-दो फीट भरा पानी
इतना ही नही शहर के पुराने घंटाघर, खैरनगर, जलीकोठी में दो दो फुट पानी भरने से बाजार का पूरा व्यापार ठप हो गया। शहर की अधिकतर सभी प्रमुख सडक़ों से लेकर पुराने शहर की गलियां और मोहल्लों में कई कई फुट पानी भर गया। दो दिन से जारी बारिश ने यह दिखा दिया की नगर निगम ने बारिश से निपटने के लिए कोई काम नहीं किया।
जलभराव से जूझता रहा शहर
आशंका थी कि बरसात में शहर की 70 प्रतिशत आबादी को इस साल भी जलभराव की समस्या से जूझना पड़ेगा। दो दिन से हो रही बारिश ने यह दावा सच साबित कर दिया। बरसात से पहले सर्वाधिक जलभराव वाले क्षेत्र चिह्नित होने के बावजूद भी नगर निगम ने इससे निपटने के लिए कोई काम नहीं किया है। जलभराव को लेकर निगम के दावे जलभराव में बह गए। पोस्ट -मानसून की बारिश ने निगम के नाला सफाई अभियान की पोल खोल दी। ऐसा कोई मोहल्ला या बाजार नही बचा जहां जलभराव नही हुआ।
शहर में जल निकासी के लिए तीन मुख्य नाले आबूनाला, आबूनाला-2 कसेरुखेड़ा और ओडियन है। इन नालों से छोटे-बड़े 341 नाले और जुड़े हैं, जिनमें गली-मोहल्लों का पानी पहुंचता है। छोटे-बड़े नालों के गोबर और कूड़ा-करकट से अटे होने के कारण जल निकासी बाधित रहती है। नतीजतन, बारिश में शहर का आधा हिस्सा जलमग्न हो जाता है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, नगर निगम इन दिनों नालों की सफाई करा रहा है लेकिन सिल्ट भी नहीं उठाए जाने से नाले चोक हो गए और जलभराव की जगह-जगह स्थिति देखने को मिली।
30 से अधिक इलाकों में जलभराव
शहर के 30 से अधिक इलाके सर्वाधिक जलभराव के लिए चिह्नित हैं। इनमें लक्खीपुरा, अहमदनगर कांच का पुल, तारापुरी, ब्रह्मपुरी, शिव शक्ति नगर, मलियाना, लिसाड़ी रोड, खैरनगर, अजंता कॉलोनी, अब्दुल्लापुर, साधु नगर, न्यू गोविंदपुरी कंकरखेड़ा, इंदिरा नगर, टीपीनगर, माधवपुरम, रशीद नगर, श्याम नगर, जाकिर कॉलोनी, शकूर नगर, शौकत कॉलोनी, शोभापुर, भोला रोड बाईपास, चंद्रलोक, साबुन गोदाम, जिमखाना मैदान, पूर्वा फैयाज अली, जली कोठी, न्यू इस्लामनगर, पूर्वा ताहिर हुसैन, जयदेवी नगर, पूर्वा इलाही बख्श, नई बस्ती और लल्लपुरा आदि शामिल है।
जलभराव से निजात दिलाने के लिए नगर निगम के पास पर्याप्त इंतजाम नहीं है। निगम के पास 10 एचपी के 5 और 7.5 एचपी के 12 पंपसेट हैं। इसके अलावा छह सीवर जेटिंग मशीन हैं। सभी जगह पानी भरने पर चिह्नित क्षेत्रों में से भी आधे का ही पानी निकाला जा पाता है।
दिनभर छाए बादल
सितंबर में हुई बरसात ने मानसून सीजन में कमी को काफी हद तक पूरा कर दिया है। गुरुवार को रात में बरसात हुई वहीं शुक्रवार को दिन में बादल छाए रहे और रुक रुक कर हल्की फुहारें पड़ती रही। मौसम विभाग ने गुरुवार साढ़े पांच बजे से शुक्रवार साढ़े पांच बजे तक 50.7 मिलीमीटर बरसात रिकार्ड की। जहां ज्यादा पानी भरा था वहां पंप सेट लगवा कर पानी निकाल दिया गया है। बाकि अधिकतर इलाकों में बरसात के कुछ देर बाद ही पानी कम हो गया। नालों में कहीं भी पानी फ्लो जाम नही हुआ।
हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी