बुधवार से जनपद में टीबी अभियान शुरू होगा शुरू होगा. 248 टीमें घर-घर जाकर टीबी के मरीज तलाश करेंगी. पहली बार 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग होगी.

मेरठ (ब्यूरो)। जनपद को टीबी मुक्त बनाने के लिए बुधवार से एक्टिव फाइंडिंग केस अभियान (एएफसी) चलाया जाएगा। इसके तहत 22 मार्च तक स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर 1.47 लाख घरों में टीबी के मरीज तलाश कर रिपोर्ट तैयार करेंगी।

248 टीमें गठित
अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 248 टीम गठित की गयी हैं। जो जनपद के करीब 1.47 लाख घरों का सर्वे करेंगी। इस सर्वे के दौरान किसी भी घर में पहुंचने पर टीम के सदस्य सबसे पहले अपना परिचय देंगे। इसके बाद परिवार के सदस्यों की संख्या पता करेंगे। साथ ही किसी भी सदस्य को 15 दिन से अधिक खांसी, खांसी के साथ बलगम या खून आना, अचानक वजन कम होना या फिर बुखार रहने संबंधी सवाल करेंगे। यदि किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण होंगे तो उसके बलगम की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा टीबी का संक्रमण रोकने के लिए मरीजों की जल्दी पहचान और जल्दी उपचार शुरू होना जरूरी है।

8.04 लाख की होगी स्क्रीनिंग
जिला क्षय रोग अधिकारी डीटीओ डॉ। गुलशन राय ने बताया विभाग द्वारा अभियान के लिए करीब 8.04 लाख आबादी की स्क्रीनिंग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पहली बार एएफसी के दौरान शासन से 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग करने का लक्ष्य दिया गया है। अब तक केवल 10 प्रतिशत आबादी की ही स्क्रीनिंग की जाती थी। अब प्रत्येक टीम में तीन सदस्य होंगे। हर पांच टीम पर एक सुपरवाइजर नियुक्त किया गया है। इस तरह अभियान में 45 सुपरवाइजर काम करेंगे। डॉ। राय ने बताया एएफसी के लिए क्षेत्रों का चयन कर लिया गया है।

इस तरह लगायी टीमें
इस अभियान में साबुन गोदान में 49, कैंट में 10, पुलिस लाइन में 10, एलएलआरएम में 19, दौराला में सात, खरखौदा में सात, रजपुरा में 10, जिला अस्पताल में 53, जाकिर कॉलोनी एवं इस्लामाबाद में 72, सिवालखास में पांच व सरूरपुर में छह टीमों को लगाया गया है। इसके अतिरिक्त मलिन बस्ती, ईंट भट्टा और जिन स्थानों पर सबसे अधिक टीबी मरीज मिल रहे हैं, वहां पर सर्वे किया जाएगा।

पोर्टल पर अपडेट होगा डाटा
यदि किसी व्यक्ति में टीबी की पुष्टि होती है तो उसकी ब्लड शुगर, यूडीएसटी और एचआईवी की जांच कर सूचना निक्षय पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। टीबी की पुष्टि होने के 48 घंटे में रोगी का उपचार शुरू कराते हुए निक्षय पोषण योजना से लिंक किया जाएगा। इससे रोगी को इलाज के दौरान बेहतर पोषण के लिए पांच सौ रुपए प्रतिमाह मिल सकेंगे। विभाग की ओर से टीबी की जांच और उपचार नि:शुल्क किया जाता है।

Posted By: Inextlive