हापुड़ अड्डा चौराहे पर बेरिकेडिंग से और बढ़ी जाम की समस्या लोग भी हो रहे चोटिल स्थानीय व्यापारी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर की समस्या के निस्तारण की मांग।

मेरठ (ब्यूरो)। शहर के चौराहों को जाम मुक्त बनाया जाना चाहिए। मगर ये काम बिना प्लानिंग के किया जाए तो जान आफत में आ जाती है। इसका सीधा उदाहरण आपको हापुड़ अड्डा चौराहे पर देखने को मिल जाएगा। जहां ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए सड़क पर सीमेंट के भारी भरकम बैरिकेडिंग लगाकर सड़क को दो हिस्सों में बांट दिया गया। मगर ये बेरिकेडिंग अब चौराहे में न केवल जाम का कारण बन रहे हैैं बल्कि इनके चलते चौराहे पर आए दिन कोई न कोई दुर्घटनाओं हो रही है। इसी के चलते स्थानीय व्यापारी अकरम गाजी ने मौके के फोटो सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर समस्या के फोटो शेयर कर कमिश्नर, डीएम, नगर निगम और एमडीए को टैग करते हुए निस्तारण की मांग की है।

बेरिकेडिंग से रोजाना दुर्घटना
दरअसल, हापुड़ अड्डा चौराहा शहर के प्रमुख चौराहे में शामिल है। इस चौराहे पर हापुड़ रोड, गढ़ रोड, बेगमपुल रोड, भूमिया पुल से आने वाला ट्रैफिक जाम का कारण बनता है। ऐसे में इस चौराहे को ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्त करने के लिए आए दिन नए-नए एक्सपेरिमेंट किए जाते हैं। इसके तहत कुछ माह पहले हापुड़ अड्डे चौराहे पर बेगमपुल की तरफ जाने वाली रोड की सिंगल लेन के बीचों-बीच बेरिकेडिंग लगाकर रोड को डबल कर दिया गया। लेकिन ये सीमेंट बेरिकेंडिग का बड़ा साइज और सिंगल रोड डबल होने के कारण रोड की चौड़ाई इस कदर कम हो गई है कि आए दिन बेरिकेडिंग से टकराकर वाहन चालक चोटिल हो जाते हैं।

सिंगल रोड हुई डबल
इतना ही नहीं, इस चौराहे पर लगी ट्रैफिक लाइट आए दिन बंद रहती हंै। चौराहों के बीच पार्क पर लगी ये लाइटेंं भी वाहन चालकों को कंफ्यूज करती हैं। तीन तरफ से आने वाले ट्रैफिक को सिग्नल लाइट के सहारे कंट्रोल करने की व्यवस्था साल भर बाद भी लागू नहीं हो पाई है। भगत सिंह मार्केट शहर का प्रमुख मार्केट है और इस रोड पर लगी बेरिकेडिंग के कारण इस मार्केट में आने वाले ग्राहकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सड़क किनारे वाहन पार्क होने के बाद इस रोड की चौड़ाई इतनी कम हो जाती है कि यहां से चौपहिया वाहन निकलना दूभर हो जाता है। इतना ही नहीं, आटो ई-रिक्शा पर प्रतिबंध के बाद भी चौराहे पर इन वाहनों का जमघट दिन भर लगा रहता है।

इनका है कहना
इस बेरिकेडिंग के कारण आए दिन ई-रिक्शा, कार बाइक सवार दुर्घटना का शिकार होते हैं। सड़क की चौड़ाई कम हो गई है इसलिए इस बेरिकेडिंग को हटाया जाना चाहिए।
अकरम गाजी, व्यापारी नेता

बेरिकेडिंग की वजह से सड़क की चौड़ाई इतनी कम हो गई है कि एक बार में केवल एक गाड़ी ही निकल पाती है। इससे जाम की समस्या का सॉल्यूशन होना था लेकिन अब समस्या और अधिक बढ़ गई है।
अश्वनी खरबंदा

चौराहे की ट्रैफिक सिग्नल लाइट हमेशा बंद रहती है। चौराहे के बीच में ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नहीं है। कोई भी वाहन दाएं-बाएं से कट मारकर लाता रहता है। वहीं बेरिकेडिंग के चलते सड़क छोटी हो गई है।
अतुल गुप्ता

इस चौराहे का दोबारा से पूरी प्लानिंग के साथ सौंदर्यीकरण किया जाना जरूरी है। सड़क की चौड़ाई और बाजार के अनुसार योजना बननी चाहिए, जिससे न ग्राहक परेशान हो और न ही व्यापारी।
राजीव गुप्ता

यातयात पुलिस के साथ मिलकर इस व्यवस्था में बदलाव के लिए योजना बनाई जाएगी। सिग्नल लाइट चालू है, इससे चालान प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
अमित शर्मा, अधिशासी अभियंता, निर्माण विभाग, नगर निगम

Posted By: Inextlive