स्टूडेंट्स ने किया पॉलीथिन यूज न करने संकल्प
- आई नेक्स्ट के साथ शहर को स्वच्छ बनाने के लिए पॉलीथिन मिटाने की शपथ ली
- प्लास्टिक धरती को बंजर बनाने के साथ घोल रही मिट्टी में जहर Meerut: वर्ल्ड अर्थ डे पर धरती मां को प्लास्टिक पॉल्यूशन बचाने के लिए हमने अभियान छेड़ा। जिसमें लोगों को प्लास्टिक पॉल्यूशन की भयावहता से अवगत कराया गया। साथ ही लोगों से प्लास्टिक यूज न करने की अपील की, जिसमें व्यापारी और आम जनता को अपने साथ लिया। इसी क्रम में अर्थ डे पर हमने लोगों को शपथ दिलवाई कि प्लास्टिक का यूज नहीं करेंगे। धरती को स्वच्छ रखने के लिए प्लास्टिक से दूरियां बनाएंगे। अपने घर से करें शुरुआतहम घर से किसी सामान को लाने के लिए खाली हाथ निकलते हैं। हमे पता है कि दुकानदार पॉलीथिन में सामान देगा। कभी यह सोचने की जरूरत नहीं समझते कि जो पॉलीथिन हमारे लिए सुविधा है वही जीवन के लिए खतरा पैदा कर रही है। रोज आठ से दस पॉलीथिन बैग हम घर पर लाते हैं। इस पॉलीथिन को कूड़े में फेंक देते हैं। फिर यह पॉलीथिन या तो नालों, नाली, सीवर, नदी में पहुंच जाती है। या फिर कूड़े के रूप में हमारी धरती में दब जाती है। जहां पॉलीथिन दबती है वहां की उर्वरता खत्म कर देती है। धरती में पानी के संचयन को रोक देती है। ऐसे में हम इस पॉलीथिन के यूज को घर से ही कम करें तो अच्छा है।
हमारे खून में प्लास्टिक आज के समय में हम खाना, दूध और कई अन्य खाद्य पदार्थ पॉलीथिन में पैक कराकर लाते हैं। वहीं प्लास्टिक की बोतलों में भी खाद्य पदार्थ यूज करते हैं, जिसके चलते प्लास्टिक हमारे खून में पहुंच गई है। कई रिसर्च में खून की जांच के दौरान प्लास्टिक की मात्रा पाई गई है। जिस केमिकल से पॉलीथिन बनता है वही केमिकल हमारे जीवन को नष्ट करने पर उतारू है, जिससे लोगों में ब्लड कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां हो रही हैं। इसके साथ ही हैजा, पीलिया, स्किन डिजीज, सांस की बीमारी हो रही है। इसके बावजूद पॉलीथिन हमारे जीवन का हिस्सा बन गई है। हमने दिलाई शपथहमने पॉलीथिन पॉल्यूशन को लेकर शहर में कैंपेन चलाया। इसके तहत हमने लोगों से पॉलीथिन को कम यूज करने और इसके द्वारा होने वाली दिक्कतों की जानकारी दी। शहर में पांच सौ से छह सौ टन पॉलीथिन शहरवासी यूज कर रहे हैं। मेरठ से अलीगढ़ तक बहने वाली काली नदी में भी पॉलीथिन का पॉल्यूशन ही है, जो नदी को सुखाने में और आसपास की जमीन को बंजर बनाने में अपनी भूमिका निभा रहा है। इस पॉल्यूशन को कम करने के लिए हमने स्टूडेंट्स को शपथ दिलाई। स्टूडेंट्स ने धरती को बचाने के लिए प्लास्टिक को कम यूज करने की शपथ ली।
हम शपथ लेते हैं अर्थ डे पर हमने स्टूडेंट्स को शपथ दिलाई कि 'धरती मां को प्लास्टिक के पॉल्यूशन से बचाने के लिए प्लास्टिक का यूज नहीं करेंगे, पॉलीथिन का प्रयोग पर्यावरण के लिए हानिकारक है, इसका प्रयोग नहीं करेंगे.' 'पॉलीथिन को मिटाना है, शहर को स्वच्छ बनाना है.' आईआईएमटी कॉलेज और विद्या नॉलेज पार्क के सैकड़ों स्टूडेंट्स व उनके टीचर्स ने शहर को पॉलीथिन मुक्त करने की शपथ ली। साथ ही पॉलीथिन को अपने जीवन का हिस्सा नहीं बनाने को कहा। ताकि इसके पॉल्यूशन से हमारी हरी भरी धरती को नुकसान न हो। हमारी सांसे पॉलीथिन के पॉल्यूशन की शिकार न हों। पॉलीथिन नहीं करेंगे यूज धरती मां को बचाने के लिए हमें पॉलीथिन से तौबा कर लेनी चाहिए। जो हमारे जीवन के लिए आसान दिख रही है वह खतरनाक है। धरती को बंजर बनाने के साथ ही उसकी फर्टीलिटी को कम कर रही है। जिंदगी के लिए जहर है, इसलिए इसको यूज न करें। - अजय चौधरीहम चाहते हैं कि शहर को पॉलीथिन मुक्त करना चाहिए। पॉलीथिन के यूज को रोकने के लिए कड़े कानून हों। जिसका पालन कराने के लिए सही व्यवस्था हो। नहीं तो धरती और यहां रहने वालों को इसके पॉल्यूशन की मार झेलनी पड़ेगी। पॉलीथिन पूर्ण रूप से बंद होनी चाहिए।
- शगुन भारद्वाज पॉलीथिन को पूर्ण बंद कर देना चाहिए। लोग घर से नॉन प्लास्टिक, जूट या कपड़े के बैग लेकर जाएं। उसमें ही सामान लें और दुकानदार से पॉलीथिन न लें। जब हम घर से चलेंगे तभी जागरुकता आएगी। पॉलीथिन के यूज को रोकना होगा। - नेहा चौहान पॉलीथिन से धरती को नुकसान पहुंच रहा है और हमारे जीवन को भी। ऐसे में हमें धरती और खुद की सुरक्षा के लिए पॉलीथिन बंद कराने की शपथ लेनी होगी। हमें सबसे पहले घर से ही इसको कम करना होगा। तभी जीवन भी हरा-भरा होगा। - मीना राजपूतपॉलीथिन को एकदम बैन कर देना चाहिए। कई राज्यों में पॉलीथिन एकदम बैन है। अगर वहां कानून कड़े हैं तो यहां क्यों नहीं हैं। ब्0 माइक्रोन से कम मोटी पॉलीथिन खतरनाक होती है। इसलिए इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पर्यावरण को बचाने के लिए पॉलीथिन का यूज बंद करें।
- ईशान जैन पॉलीथिन हमारी धरती मां के लिए खतरनाक है तो हमारे जीवन के लिए भी खतरनाक है। अगर धरती ही बंजर और प्रदूषित हो जाएगी तो हमें कौन बचा पाएगा। इसलिए पॉलीथिन को यूज न करें और इसकी जगह जूट, नॉन वोवेन जैसे बैग यूज करें। ताकि प्लास्टिक पॉल्यूशन कम हो सके। - यतिन कक्कड़ अर्थ डे पर हम चर्चा करते हैं और प्लास्टिक पॉल्यूशन की याद आती है। अगर हम इस पॉल्यूशन से होने वाले खतरे को लगातार उठाते रहें तो कुछ हो सकता है। पब्लिक जागरूक हो और पॉलीथिन का यूज बंद करे। ताकि धरती को इस पॉल्यूशन से मुक्त किया जा सके। - शशांक शर्मा प्लास्टिक हमारे जीवन के लिए जहर है। धरती को तो यह बंजर बनाता ही है साथ ही उसकी फर्टीलिटी को भी कम करता है। पानी का संचयन भी धरती में रोक देता है, जिससे भारी नुकसान होता है। साथ ही कई तरह की बीमारियां होती हैं। इसलिए प्लास्टिक से तौबा करें और इसके यूज को बंद करें। - धीरज दीक्षित