हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी को लेकर स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रार को घेरा
मेरठ (ब्यूरो)। हॉस्टल में एडमिशन के लिए रजिस्टे्रशन कराने वाले स्टूडेंट्स फीस बढ़ोतरी को लेकर बहुत परेशान है, क्योकि पिछले साल हॉस्टल का शुल्क 33 हजार रुपए था जो इस साल 47 हजार 175 रुपए कर दिया गया। यह बढ़ोतरी एडवांस मेस शुल्क के लिए की गई थी। जबकि पिछले साल मैस का शुल्क 25 हजार रुपए था, वहीं इस साल करीब 13 हजार बढ़ा दिया गया है, जो अब 39 हजार 375 हो गया है। एक साल में ही इतना शुल्क बढ़ाने पर स्टूडेंट्स नाराज हैं। उन्होंने इसको लेकर यूनिवर्सिटी में लिखित पत्र दिया है, वहीं शासन को भी इस संबंध में लेटर लिखकर अपनी समस्या बताई है।
डाइट बढ़ा दी गई है
यूनिवर्सिटी ने इस साल में स्टूडेंट्स की डायट बढ़ा दी है। इसलिए मैस के शुल्क को बढ़ाया गया है, ऐसा यूनिवर्सिटी का तर्क है। पहले स्टूडेंट्स को मैस में एक दिन का खाना 83 रुपए में मिलता था, अब इस राशि को 48.25 रुपए बढ़ाया गया है। क्योंकि अब स्टूडेंट़स को खाने के साथ सुबह के समय में फल, दोपहर दही व शाम को मिठाई दी जाएगी। जो कि पहले नही था। मेस शुल्क दस महीने का लिया जाता है। साल में दो महीने गर्मी, सर्दी व अन्य छुट््िटयों में कट जाते हैं, इसलिए स्टूडेंट के अनुसार यह अधिक पैसे है।
यूनिवर्सिटी में आठ हॉस्टल है, जिनमें करीब 860 कमरे हैं, हर कमरे में देा स्टूडेंट है यानि 1720 करीब स्टूडेंट्स हैं। आठ करोड़ करीब अधिक शुल्क मिलेगा। इनमें प्रति स्टूडेंट चार-चार हजार रिफंडेबल है। किया रजिस्ट्रार का घेराव
सोमवार को स्टूडेंट्स ने इस मामले में जहां एक ओर शासन को पत्र लिखा है, वहीं यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का भी घेराव किया व यूनिवर्सिटी में नारेबाजी कर प्रदर्शन भी किया। छात्रनेता अंकित अधाना व विनीत चपराना के नेतृत्व में रजिस्ट्रार को इसका ज्ञापन सौंपा गया है। रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार वर्मा के अनुसार इस संबंध में जल्द ही एक कमेटी बनाकर निर्णय लिया जाएगा। स्टूडेंट्स को पैसों की दिक्कत है या नहीं, इस बारे में कोई नहीं सोचता है। ये लोग केवल पैसा बढ़ा देते हैं। इतना पैसा स्टूडेंट कहां से लाएं।
विनित चपराना अचानक से इतनी फीस बढ़ाना गलत है। इसको लेकर रजिस्ट्रार व शासन को पत्र लिखा गया है।
अंकित अधाना
यूनिवर्सिटी द्वारा मैस का पैसा बढ़ाया गया है जो बहुत ही अधिक है। यह गलत है।
शाबान
इस बारे में यूनिवर्सिटी को सोचना होगा। मैस में पैसे बढ़ा दिए गए हंै जो हर कोई नहीं दे सकता है। इस बारे में यूनिवर्सिटी को सोचना होगा।
राहुल