फिर प्रमोट हो सकते हैं छात्र
नहीं बदले हालात तो फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट को राहत की उम्मीद
मेरठ और सहारनपुर मंडल में कोरोना से बिगड़े हालात, परीक्षा पर संकट - जून से पहले यूनिवíसटी परीक्षाओं के नहीं आसार Meerut । कोराना संक्रमण से उत्पन्न हुई परिस्थितियों से जिस तरह के हालात बन रहे हैं, उनमें भी सीसीएस यूनिवर्सिटी को एग्जाम कराना मुश्किल साबित होगा। जानकारों के मुताबिक यह दौर यूं ही चलता रहा तो इस साल भी यूनिवíसटी से संबंधित कॉलेजों में फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट प्रमोट हो सकते है। हालांकि, यह लाभ सिर्फ फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को मिल सकता है। मिल सकता है लाभगौरतलब है कि बीते साल भी सीसीएस यूनिवíसटी प्रशासन ने फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को प्रमोट किया था। फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट को सेकेंड ईयर में एडमिशन दिया गया था, जिसमें यूनिवíसटी की ओर से कहा गया था कि सेकेंड इयर को फर्स्ट ईयर का आधार माना जाएगा। इसी वजह से अबकी बार यह लाभ अगर मिला तो फर्स्ट इयर के स्टूडेंट को ही मिलेगा।
मई तक नहीं हैं एग्जामबता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से शासन के निर्देशानुसार सीसीएसयू की परीक्षाएं मई तक के लिए स्थगित कर दी गई हैं। मगर हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। ऐसे में लग रहा है कि यूनिवíसटी की परीक्षाएं जून से पहले नहीं हो सकेंगी। यदि हालातों में सुधार न हुआ तो यूनिवíसटी फर्स्ट इयर के स्टूडेंट को प्रमोट करने के साथ ही द्वितीय व तृतीय वर्ष की परीक्षाओं को ही करा सकता है।
15 मई का इंतजार हालांकि, अभी इस बारे में यूनिवíसटी की ओर से कोई आदेश नहीं दिया गया है। यूनिवíसटी प्रशासन 15 मई का इंतजार कर रहा है। क्योंकि उसके बाद शासन की ओर से नई गाइडलाइन जारी की जा सकती है। मेरठ और सहारनपुर मंडल के नौ जिलों की बात करें तो वहां कोरोना के निरंतर हालात बिगड़ रहे है। बढ़ रहा संक्रमण मेरठ में रोजाना एक हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं। वहीं, विवि कर्मचारी व शिक्षक भी लगातार इसकी चपेट में आ रहे हैं और संक्रमित हो रहे हैं, जो स्थिति है उससे 15 मई तक हालात सुधरने के आसार नही है। शासन के निर्देशानुसार हालात सामान्य होने तक परीक्षा कराना भी संभव नहीं है। यदि हालात नहीं सुधरे तो द्वितीय और अंतिम वर्ष के स्टूडेंट को तो पेपर देने ही होंगे, क्योंकि इस वर्ष प्रमोट होने का लाभ सबको नहीं मिलेगा।अभी परीक्षाएं कब होंगी ये बता नहीं सकते, लेकिन 15 मई तक तो कोई परीक्षाए नहीं होंगी। अगर हालात न सुधरे तो प्रमोट पॉलिसी हो सकती है। पर ये अभी तय नहीं है।
प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी