स्ट्रीट लाइट न सीवर लाइन, सिर्फ कहने के लिए लोहियानगर इंडस्ट्रीयल एरिया है
मेरठ (ब्यूरो)। एमडीए ने साल 2008 में लोहियानगर को बतौर इंडस्ट्रीयल एरिया विकसित करने की शुरुआत की थी। यह योजना कैंची और बुनकर कारोबारियों को विकसित औद्योगिक क्षेत्र देने के लिए शुरु की गई थी लेकिन 14 साल बीतने के बाद भी आज भी लोहियानगर में कारोबारी जाने से कतरा रहे हैं। उसका कारण सिर्फ एक ही है कि 14 साल बाद भी यहां मूलभूत सुविधाओं और सुरक्षा की दरकार है। लोहियानगर में सड़क, सीवर, स्ट्रीट लाइट, पार्क जैसी बेसिक सुविधाओं का अभाव है। यहां तक की बरसात में इस योजना के खाली प्लॉट से लेकर सड़कों तक जलभराव हो जाता है जिस कारण से यहां की स्थिति ओर अधिक खराब हो जाती है।
उद्यमी बना रहे दूरी
लोहियानगर इंडस्ट्रीयल एरिया में सबसे बड़ी परेशानी स्ट्रीट लाइट का न होना है। लाइट जैसी बेसिक सुविधाएं न होने के चलते यह क्षेत्र आज तक विकसित नहीं हो पाया है। जिसके कारण उद्योगपति इस क्षेत्र में अपनी इंडस्ट्रीज लगाने से दूरी बना रहे हैं। हालत यह है कि यहां सड़क किनारे स्ट्रीट लाइट तक नहीं है। जबकि लोहियानगर गढ़ रोड को हापुड रोड से जोडऩे वाली लिंक रोड पर स्थित है। इसके बाद भी यहां शाम होते ही सड़क पर अंधेरा पसर जाता है। पुलिस चौकी व्यवस्था न होने से यहां आपराधिक वारदात का डर भी बना रहता है।
गत वर्ष जुलाई माह में एमडीए ने लोहियानगर को विकसित करने के लिए 19 विकास कार्यों के टेडर निकाले थे। इसमें से सात टेंडर फाइनल किए गए थे। जिसमें से प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े टेंडर समेत सड़क निर्माण के काम तो तेजी से किया जा रहा है लेकिन बाकि सुविधाओं का काम 9 माह से अधर में अटके हुए हैं। इन टेंडर के तहत लोहियानगर में पार्क, सड़क, जल निकासी, नाले नालियां, निर्माणाधीन ईडब्ल्यूएस भवनों के निर्माण को पूरा कराया जाना था। इसके साथ ही इस क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाना था जो कि अभी तक अधर में है। ये काम अधर में
लोहियानगर योजना के पॉकेट-एफ बुनकर उद्योग में पार्क की बाउंड्री वॉल का निर्माण
लोहियानगर योजना के पॉकेट-एम में क्षतिग्रस्त सड़क, नाली, पुलिया के स्लैब का कार्य
फैक्ट्स
2008 में एमडीए ने तैयार की लोहियानगर इंडस्ट्रीयल एरिया योजना
इस योजना में 179 बुनकर और 275 करीब कैंची कलस्टर के लिए प्लाट का हुआ था आवंटन
अभी तक मात्र 6 कैंची कलस्टर इंडस्ट्रीज का शुरू हुआ संचालन
लोहियानगर की आई पॉकेट में अन्य इंडस्ट्रीज के लिए प्लाट हुए थे आवंटित
आई पाकेट में फैब्रिकेशन, पब्लिकेशन, बाइंडिंग, प्रिटिंग और कास्टिंग से जुडी करीब 17 इंडस्ट्रीज का हो रहा संचालन
उद्योगों के लिए आवंटित प्लाट्स मं जलभराव
औद्योगिक क्षेत्रों के लिए कच्ची सड़कें
जल निकासी के लिए अधूरी सीवर लाइन
क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट का अभाव
पुलिस चौकी की सुविधा नहीं
मेन लिंक रोड पर नगर निगम का कूड़ा निस्तारण प्लांट इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा समस्या पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की है। यहां अपराध बहुत अधिक होते हैं। उद्योग विकसित करने के लिए सबसे पहले उद्योगपतियों को सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए। यहां एक पुलिस चौकी तक नहीं है। रोड कनेक्टिविटी तक का अभाव है।
डॉ। संजीव अग्रवाल, अध्यक्ष, संयुक्त लघु उद्योग कलस्टर विकास समिति बुनकर कारोबारियों को जो प्लाट आवंटित किए गए, उनमें दो-दो फुट गहरे गड्ढे बने हुए हैं। बरसात का पानी पूरे साल भरा रहता है। प्लाट से मेन रोड तक सड़कें कच्ची हैं। एक लाइट तक नहीं लगी हुई है। रात को जंगल जैसा माहौल हो जाता है।
मतीन अहमद, मेरठ खददर एवं टैक्सटाइल विवर्स क्लस्टर डिस्ट्रिक मेरठ
लोहियानगर में बेसिक सुविधाओं का अभाव है। जिसके कारण यहां 14 साल बाद भी उद्योगपति आने से कतरा रहे हैं। यहां पुलिस चौकी तक नहीं है। सीवर लाइन, स्ट्रीट लाइट की डिमांड भी अधूरी है। लिंक रोड को छोड़ दें तो अंदर की सड़कें आज तक कच्ची हैं।
शरीफ अहमद, उपाध्यक्ष, कैंची कलस्टर एसोसिएशन
मो। शाहिद, उपाध्यक्ष, संयुक्त लघु उद्योग कलस्टर संघ