कोरोना तो गया, पर बोन डेथ का खतरा
स्टेयराइड्स के अधिक प्रयोग से जोड़ों पर ब्लड फ्लो
बोन डेथ का भी खतरा, कूल्हों और जोड़ों में दर्द से रहे सावधान Meerut। कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान लोगों ने जमकर स्टेयराइड्स का प्रयोग किया है। जिसका असर अब हड्डियों पर दिखाई देने लगा है। डॉक्टर्स इसे एवैस्कुलर नेक्रोसिस बता रहा है। जिसका असर दो से तीन महीने दिखाई दे रहा है। यही नहीं ऐसे मरीजों पर बोन डेथ का खतरा भी मंडरा रहा है। जोडों मे तेज दर्द और सूजन की शिकायत लेकर मरीज डॉक्टर्स के पास पहुंच रहे हैं। एवैस्कुलर नेक्रोसिस का खतराडॉक्टर्स के अनुसार मरीजों में एवैस्कुलर नेक्रोसिस का खतरा बढ़ने लगा है। इस बीमारी में हड्डियों से जुड़े टिश्यूज में ब्लड का फ्लो कम हो जाता है और टिश्यूज मरने लगते हैं। आमतौर पर ये कूल्हों की हड्डी या फीमर पर असर कर रहा है। डॉक्टर्स बताते हैं शुरुआत में इसके लक्षण दिखते नहीं हैं लेकिन जब हड्डी पर दबाव बढ़ता है तब तेज दर्द होता है। कूल्हे के साथ कंधों के मूवमेंट में भी इस दौरान परेशानी होती है।
स्टेयराइड है घातककोरोना वायरस के इलाज में स्टेयराइड के अधिक प्रयोग की वजह से मरीजों में पहले ब्लैक फंगस पनप रहा था। वहीं अब बोन डेथ का खतरा भी बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि पहले बॉडी बिल्डर्स में एवैस्कुलर नेक्रोसिस की समस्या आती थी। बॉडी बिल्डिंग के लिए बिल्डर्स फूड सप्लीमेंट के तौर पर अधिक स्टेयराइड का प्रयोग करते थे। कोरोना के मरीजों में भी पोस्ट कोविड इफेक्ट के तौर पर ऐसी ही समस्या आ रही है।
आसान नहीं हैं इलाज डॉक्टर्स का कहना है कि एवैस्कुलर नेक्रोसिस का इलाज आसान नहीं हैं। इस बीमारी का पता लगाने के लिए पहले एमआरआई करवाई जाती है। जिससे हड्डियों में हुए नुकसान का सही सही पता चल पाता है। शुरुआती दौर में इसे दवाओं और कंप्रेशन के जरिए ठीक किया जा सकता है लेकिन समस्या अधिक बढ़ती है तो जोडों का टोटल रिप्लेसमेंट ही करना पड़ता है। पोस्ट कोविड पेशेंट्स इन बातों का रखें ख्याल कोरोना से ठीक होने के 2 से 3 महीने तक हड्डियों को मजबूत बनाने पर ध्यान दें। खाने में कैल्शियम का भरपूर प्रयोग करें। जोड़ों में खासकर कंधे या कूल्हे में बिना किसी चोट के दर्द हो तो सावधानी बरतें। मूवमेंट के दौरान किसी हड्डी में दर्द हो या कंधे के जोड़ में सूजन दिखे तो सावधानी बरतें। इनका है कहनाकोरोना से ठीक होने के बाद भी मरीजों को काफी सावधानी रखने की जरूरत है। कई महीनों बाद भी पोस्ट कोविड इफेक्ट्स सामने आ रहे हैं। जोड़ों में, हड्डियों, कूल्हों में दर्द की शिकायत भी बढ़ने लगी है।
डॉ। परवेज अहमद, सीनियर ऑर्थोपेडिक कोरोना वायरस बॉडी में निकलने के बाद भी अपना असर दिखा रहा है। काफी मरीजों में रिकवर होने के बाद हड्डियों, जोड़ों में दर्द की शिकायत आ रही है। डॉ। धीरज राज, कोविड वार्ड प्रभारी, मेडिकल कॉलेज