टेक्नोलॉजी के साथ करें कदमताल तभी करियर में होंगे कामयाब
मेरठ (ब्यूरो). स्टूडेंट्स को हमेशा अपने कान, आंखें और दिमाग खुले रखने चाहिए। सुनना, देखना और सीखना करियर के लिए बेहद जरूरी है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और अमृता विश्वविद्यापीठम की ओर से दो दिवसीय करियर पाथवे सेमिनार में शनिवार को ये बातें अमृता विश्वविद्यापीठम के डायरेक्टर एडमिशन महेश्वर चैतन्य ने कहीं। अतिथि बैंक्वेट एंड फार्म्स में आयोजित सेमिनार के दूसरे दिन भी दोनों सेशन में कई स्कूलों के बच्चों ने बढ़-चढ़कर पार्टिसिपेट किया। इस दौरान स्टूडेंट्स ने सेमिनार में भाग लेने के साथ ही करियर व टेक्नोलॉजी से जुड़े नए एक्सपीरियंस किए, जिन्हें वो सेमिनार के बाद एक-दूसरे से शेयर भी करते दिखे।
गलतफहमी में न रहें
करियर पाथवे सेमिनार के दूसरे दिन अमृता विश्वविद्यापीठम के डायरेक्टर एडमिशन महेश्वर चैतन्य ने स्टूडेंट्स को करियर संबंधी गाइडेंस दी। उन्होंने कहा कि अगर कुछ बनना है तो उसके बारे सोचो, मगर सबसे पहले खुद को गलतफहमी में रखना छोड़ दो। अपनी कमियों को स्वीकार करने और अपनी अच्छाइयों को देखने की आदत होना बेहद जरूरी है।
मेडिकल से लेकर एग्रीकल्चर तक
महेश्वर चैतन्य ने कहा कि आज शायद ही पढ़ाई या कोई ऐसा क्षेत्र हो, जहां टेक्नोलॉजी की जरूरत न हो। उन्होंने कहा कि मेडिकल साइंस से लेकर एग्रीकल्चर तक हर जगह टेक्नोलॉजी की जरूरत है और टेक्नोलॉजी में निरंतर सुधार हो रहा है। कुछ समय के बाद नई टेक्नोलॉजी आ जाती है। मेडिकल साइंस में ऑपरेशन से लेकर एग्रीकल्चर के क्षेत्र में उन्नत बीच और खाद बनाने में भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होने लगा है। फार्मेसी के क्षेत्र को उन्होंने निकट भविष्य को बहुत बड़ा क्षेत्र बताया और कहा कि टेक्नोलॉजी से लैस स्टूडेंट्स के लिए यह क्षेत्र अत्यधिक संभावनाओं वाला क्षेत्र है।
उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि अगर किसी को भूख लगी हो तो मिनटों में स्वीगी से खाना ऑनलाइन ऑर्डर किया जा सकता है। वहीं शॉपिंग का मन हो तो भी किसी साइट से मनचाहे कपड़े भी ऑनलाइन ऑर्डर किए जा सकते है। ये टेक्नोलॉजी ही तो है, जो हमारे आसपास, हर तरफ है। ई-वॉलेट और क्रिप्टो करेंसी
उन्होंने कहा कि साहित्य और इतिहास की पुस्तकों का आज डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। कितनी ही पुरानी किताब को आप चंद सेकेंड में मोबाइल पर डाउनलोड कर सकते हैं। पैसे-रुपये का डिजिटलाइजेशन हो गया है। अब अगर आपकी जेब में पैसे नहीं हैं तो भी आप पेमेंट कर सकते हैं। क्योंकि आपके पास ई-वॉलेट जो है। इससे भी एक कदम आगे है, क्रिप्टो करेंसी। ये सब टेक्नोलॉजी की ही बदौलत है।
बढ़ी रोबोट की उपयोगिता
अमृता विश्वविद्यापीठम के एडमिशन ऑफिसर शुभम तोमर ने कहा कि नए दौर में रोबोट टेक्नोलॉजी हर क्षेत्र में इस्तेमाल की जा रही है। आने वाला दौर रोबोट साइंस का है। कोविड काल के दौरान कई जगह कोविड टेस्ट तक रोबोट के जरिए ही करवाए गए।
महेश्वरा चैतन्य ने कहा कि आज किसी भी क्षेत्र का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं रह गया है। हर क्षेत्र दूसरे क्षेत्र में मर्ज है। और यह टेक्नोलॉजी के कारण ही हुआ है। इंजीनिरिंग, मेेडिकल साइंस में मर्ज है। इंजीनियर उपकरण बनाते हैं तो डॉक्टर इस्तेमाल करते हैं। टेक्नोलॉजी रोबोट बनाती है और उसका उपयोग अब कई क्षेत्रों में होने लगा है। टेक्नोलॉजी से बनाए गए उपकरण प्रशासन से लेकर पुलिस और सेना तक में इस्तेमाल किए जा रहे है। टूरिज्म जैसे क्षेत्र में भी आज टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सुनने की आदत डालें
मोटिवेशनल स्पीकर डॉ। मुकुल शर्मा ने स्टूडेंट्स से कहा कि वे सबसे पहले सुनने की आदत डालें। उनका कहना था कि जो बातें हम तक पहुंचती हैं, उनमें से 90 परसेंट बातें हम सुनते ही नहीं। दरअसल, हमारा ध्यान कहीं और रहता है। उन्होंने कहा कि हम छोटी-छोटी बातों को लेकर स्ट्रेस लेते हैं और अपनी अहमियत खो देते हैं। हमें चाहिए कि स्ट्रेस को फालतू कागज के टुकड़े की तरह फेंक दे और खुद को एक नोट की तरह तोड़ें-मरोड़ें नहीं बल्कि सुरक्षित रखें।
शुभम तोमर ने अपने संबोधन में स्टूडेंट्स को एडवाइस दी कि वो अपने अगले दस सालों के लिए अभी से प्लानिंग करके चलें। यह समय उनकी इंवेस्टमेंट का समय है, जिसका फायदा उन्हें जीवनभर मिलने वाला है, यह इंवेस्टमेंट कड़ी मेहनत है। उन्होंने कहा कि करियर सिर्फ डॉक्टर व इंजीनियर बनान ही नहीं है, मौजूदा दौर में कई फील्ड है, जिनमेंकरियर बनाया जा सकता है। ये जीते लकी ड्रॉ
कार्यक्रम में स्टूडेंट्स के लिए लकी ड्रॉ करवाए गए, जिसमें पहले सेशन में द स्प्रिंग डेल से अंकुश व कृष्णा को और द एवेन्यू पब्लिक स्कूल से मुस्कान सिंह का प्राइज मिला। वहीं दूसरे सेशन में एसएसबी से आर्यन एवं दिल्ली ग्लोबल स्कूल मवाना से उत्कर्ष एवं नेहा लकी ड्रॉ विनर रहे। प्रोग्राम में बीच-बीच में बच्चों को मोटिवेट करने के लिए व एंटरटेंट करने के लिए विभिन्न रोचक गेम्स भी खिलाए गए।
ये स्कूल रहे मौजूद
कार्यक्रम में द एवेन्यू स्कूल, राधा गोविंद पब्लिक स्कूल, सत्यकाम इंटरनेशनल, सेंट जोंस, सरस्वती शिशु मंदिर कंकरखेड़ा, सरस्वती शिशु मंदिर गंगानगर, दीवान ग्लोबल स्कूल मवाना, स्प्रिंग डील स्कूल मवाना, द कुबेर स्कूल आदि विभिन्न स्कूल्स के स्टूडेंटस ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।