दिया ध्यान, तो अब मिलेंगे ध्यानचंद
मेजर ध्यानचंद के नाम पर होगी स्पोर्ट्स यूनिवíसटी
प्रदेश की पहली स्पोर्ट यूनिवर्सिटी हॉकी के जादूगर के नाम से होगी Meerut। खेल रत्न के बाद अब प्रदेश को एक और उपलब्धि मिलेगी। दरअसल, मेरठ में बनने वाली प्रदेश की पहली स्पोर्ट यूनिवर्सिटी की पहचान मेजर ध्यानचंद के नाम से होगी। खेल जगत में उत्साह सीएम योगी की घोषणा के बाद खेल जगत में खुशी की लहर दौड़ गई है। खेल प्रेमियों की मानें तो यह दोहरी खुशी की बात है कि स्पोर्ट यूनिवर्सिटी मेरठ में बनेगी और उसका नाम मेजर ध्यानचंद के नाम से होगा। मेरठ में गुजारा लंबा समयदरअसल, मेजर ध्यानचंद सेना में कार्यरत थे, लिहाजा उन्होंने मेरठ में काफी समय गुजारा। साथ ही यहां पर उन्होंने हॉकी भी खेली। खास बात यह है कि उनकी प्रेरणा से ही उस दौर में राष्ट्रीय टीम में पश्चिम उत्तरप्रदेश के खिलाड़ी सबसे ज्यादा थे। अब जब आगामी 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद का जन्मदिवस है तो खेल यूनिवर्सिटी की नींव रखने की मांग भी तेज हो गई है।
मेरठ में रहे 10 सालओलंपिक में लगातार तीन गोल्ड जीतने का रिकार्ड मेजर ध्यानचंद के नाम है। हॉकी के जादूगर मेरठ में 10 साल तक रहे थे। साल 1945 से 1950 तक यहीं से खेले थे। औघड़नाथ मंदिर के आगे जहां आज घास खड़ी है, वहीं पर कभी यंग क्लब था। उसी जगह पंजाब सेंटर की टीम खेलती थी। हॉकी के जानकार कहते हैं कि अकेले मेरठ में आर्मी के आठ सेंटर थे। मेजर ध्यानचंद ने यहीं पर युवाओं को हॉकी के गुर सिखाए। यही से श्रीपाल शर्मा, मो। नईम, प्रमोद बाटला, प्रवीण कुमार, एमपी सिंह जैसे कई हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी निकले।
खेल जगत को मिलेगा लाभ इस बाबत क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी जीडी बारीकी कहते हैं कि मेरठ का जुड़ाव मेजर ध्यानचंद से सीधे रहा है इसलिए भी मुख्यमंत्री की यह घोषणा यहां के लोगों को अधिक खुशी देने वाली है। आशा है कि इसका लाभ पूरे खेल जगत को मिलेगा। कोट्स बहुत ही अच्छी खबर है। इससे खिलाडि़यों को प्रोत्साहन मिलेगा। वे भी मेजर ध्यानचंद की तरह अपना नाम रोशन करने के लिए अधिक मेहनत करेंगे। काजल, खिलाड़ी मुझे बहुत ही खुशी हुई। ये हमारे लिए गर्व की बात है। इससे हमें प्रेरणा मिलती ह.ै खेल के प्रति उत्साह बढ़ता हैं। खुशी की बात है कि सरकार द्वारा अब खेल जगत की ओर ध्यान दिया जा रहा है। चारु, खिलाड़ीखेलों के प्रति सरकार का ध्यान जा रहा है। ये बहुत ही अच्छी बात हैं, अगर इसी तरह से प्रोत्साहन मिलता रहा तो जरुर हमारे देश में मेडल पाने वालों की संख्या बढ़ेगी।
ईशा, खिलाड़ी इस पहल से एक बार फिर हॉकी को सम्मान मिला है.आशा है कि उनके नाम पर बन रहे खेल विवि से ऐसे खिलाड़ी व खेल शोधार्थी निकलें जो उनका नाम दुनिया भर में रोशन करें। प्रदीप चिन्योटी, सचिव, जिला हॉकी संघ, मेरठ पूरे देश में दद्दा से बड़ा कोई खिलाड़ी नहीं हुआ है। यदि खेल की हरेक उपलब्धि की शुरुआत दद्दा के नाम से हो, तो यह हमारा सौभाग्य होगा। अनु कुमार, सचिव, जिला एथलेटिक संघ मेरा जीवन हॉकी में ही बीता है। मेजर ध्यानचंद को मिल रहे सम्मान से गदगद हूं। पहले खेल रत्न और अब मेरठ में बन रही खेल यूनिवर्सिटी स्व। मेजर ध्यानचंद के नाम पर होना गौरव की बात है। पं। सतीश शर्मा, पूर्व कोच व क्रीड़ा अधिकारी