दुहाई के आरआरटीएस डिपो में सोलर पावर प्लांट का शुभारंभ
मेरठ (ब्यूरो)। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने शनिवार को दुहाई स्थित आरआरटीएस डिपो में स्थापित एक अत्याधुनिक सोलर पावर प्लांट का शुभारंभ किया। यह नवीकरणीय ऊर्जा और सस्टेनेबल प्रक्रियाएं अपनाने की एनसीआरटीसी की यात्रा में महत्वपूर्ण माइलस्टोन है।
सौर ऊर्जा करेगा उत्पन्नइस सोलर पावर प्लांट की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 585 केडब्ल्यूपी है। इसके लिए वर्कशॉप सहित डिपो की कई अन्य बिल्डिंग पर सौर पैनल इंस्टॉल किए गए हैं। इसके 25 वर्षों के अनुमानित जीवनकाल के दौरान यह अनुमान है कि यह सोलर पावर प्लांट प्रति वर्ष लगभग 6 लाख 66 हजार यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न करेगा। इस प्लांट से अनुमानित तौर पर सालाना 615 टन कार्बन उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है, जिससे इसके कुल जीवनकाल में कार्बन उत्सर्जन में लगभग 15,375 टन की उल्लेखनीय कमी आएगी।
हिस्सेदारी बढ़ाने का प्रयास
इस सोलर प्लांट की ओर से जिस मात्रा में सौर ऊर्जा उत्पादित होगी, वह न केवल डिपो की ऊर्जा जरूरतों को पूरी तरह से पूरा करने में सक्षम होगी, बल्कि उसके बाद भी अतिरिक्त उपलब्ध होगी। इसका उपयोग अन्य आरआरटीएस परिचालनों में भी किया जा सकेगा।
सोलर पॉलिसी अपनाई थी
राष्ट्रीय सौर मिशन और स्वच्छ तथा हरित ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए एनसीआरटीसी ने मार्च 2021 में एक सोलर पॉलिसी अपनाई थी। इस पॉलिसी के अनुसार, एनसीआरटीसी अक्षय ऊर्जा में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में गैर-कर्षण प्रयोजनों के लिए स्टेशनों, डिपो और अन्य भवनों की छतों पर कम से कम लगभग 11 मेगावाट पीक इन-हाउस सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगा। इसके अलावा, यह कर्षण उद्देश्यों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ऊर्जा मिश्रण को भी अनुकूलित करेगा।
आरआरटीएस भारत सरकार और चार राज्य सरकारों, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करने, वाहनों की भीड़ और वायु प्रदूषण को कम करने का प्रयास है। अपने परिचालन के बाद यह पूरे एनसीआर के लिए परिवहन की रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करेगा। अनुमान है कि मात्र प्रथम आरआरटीएस कॉरिडोर से एक लाख से अधिक वाहनों की भीड़ सड़कों से कम हो जाएगी और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में 2.5 लाख टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड कम होने के साथ वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।