महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों पर लगी रोक कई प्रोजेक्ट अटके स्कूलों में शुरू हुई ऑनलाइन क्लॉस कोचिंग सेंटर हुए बंद।

मेरठ (ब्यूरो)। 400 पार होते ही मेरठ में भी ग्रेप की स्टेज फोर की पाबंदियां लागू कर दी गई। इन पाबंदियों के साथ एक तरफ जहां शहर के लोगों से लेकर बच्चे घरों में कैद हो गए वहीं शहर के विकास की रफ्तार पर भी ब्रेक लगना शुरु हो गया है। बच्चे स्कूल नही जा पा रहे हैं, बुजुर्ग घरों से बाहर निकलना कम हो गए हैं वहीं शहर के विकास के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों पर भी रोक लग गई है।

मेरठ में ग्रेप फोर हुआ लागू
एनसीआर में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान इस माह लागू कर दिया गया था। इसके चार चरणों में से अंतिम चौथा चरण मंगलवार से लागू कर दिया गया। जिसमें कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। इसके तहत सबसे प्रमुख निर्माण कार्यों पर लगी रोक शामिल हैं जिनमें मेरठ के विकास के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट थम गए हैं और अब अपनी तय अवधि से प्रोजेक्ट देरी से पूरा होंगे। इसके तहत नगर निगम अंतर्गत सभी प्रकार के निर्माण कार्याें पर प्रदूषण की स्थिति कम होने तक रोक दिया गया है। निर्माण सामग्री के प्लांट को भी बंद कर दिए गए हैं।

इन कामों पर पड़ा प्रभाव
नगर निगम कार्यलय परिसर में मल्टी लेवल कार पार्किंग निर्माण।
नई सड़क शास्त्रीनगर स्थित निर्माणाधीन नगर निगम के नए भवन का निर्माण।
मेडिकल कालेज परिसर में जलनिगम द्वारा कराए जा रहे क्रिटिकल केयर सेंटर का निर्माण।
रैपिडएक्स और हाईवे के निर्माण कार्य चलते रहेंगे।

ये रहा मंगलवार का एक्यूआई
गंगानगर 340
जयभीमनगर 409
पल्लवपुरम 406

धूल के गुबार से बढ़ा प्रदूषण
प्रदूषण विभाग के आंकडों के अनुसार एनसीआर में पीएम-2.5 एवं पीएम-10 में 40 प्रतिशत मात्रा धूल कणों की है। उखड़ी सड़कों, वाहनों के टायरों का प्रदूषण, अनियंत्रित निर्माण, पॉलिथिन एवं ठोस कचरा दहन और औद्योगिक इकाइयों से उडऩे वाली काली राख भी वायु प्रदूषण के महत्वपूर्ण कारक हैं।

प्रदूषण से बचाव के लिए बरतें सावधानी
घर से निकलते वक्त मुंह और नाक को रूमाल आदि से जरूर ढककर चलें।
घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें, खिड़कियों और दरवाजों से जहरीले प्रदूषक घर में प्रवेश कर जाते हैं।
धूल में या घर ज्यादा साफ-सफाई का काम करने से भी बचें।
सांस से जुड़ी बीमारियों से परेशान लोग डॉक्टर की सलाह से घर में एयर प्यूरीफायर लगवा सकते हैं। ये अशुद्ध हवा को घर से बाहर निकालने में मदद करते हैं।

यह है ग्रेप के तहत पाबंदी
ग्रेप-1
जब एक्यूआई 201 से 300 से बीच होता है तो ग्रेप का पहला चरण लागू किया जाता है। इसमें धूल नियंत्रण और खुले में जलाने पर प्रतिबंध जैसे उपाय शामिल हैं।

ग्रेप-2
एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंचने पर ग्रेप का दूसरा चरण लागू किया जाता है। इसमें सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाता है। वहीं, डीजल जनरेटर सेट जैसे कार्यों पर प्रतिबंद लगा दिया जाता है।

ग्रेप-3
ग्रेप का तीसरा चरण लागू होने के बाद निजी भवन निर्माण, विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।

ग्रेप-4
अब ग्रेप का चौथा चरण लागू होने पर सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई।
सभी बोर्ड के प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
आयु पूरी कर चुके पुराने वाहन और बीएस-4 के वाहनों पर भी रोक लगा दी गई है।

प्रदूषण कम करने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास हो रहे हैं। प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर लगातार सख्ती से लगाम लगाई जा रही है। ग्रेप 4 के तहत कुछ निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई है। जो जरुरी काम हैं वो जारी रहेंगे।
भुवन प्रकाश यादव, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

Posted By: Inextlive