57 अधिकारियों और कर्मचारियों की एसआईटी ने मांगी डिटेल
मेरठ (ब्यूरो)। दरअसल, एसआईटी ने पूछताछ से पहले सीसीएसयू के 57 अधिकारियों और कर्मचारियों के बारे में पूरा रिकॉर्ड मांगा है। एसआईटी के अनुसार वो जिस अधिकारी या कर्मचारी से बात करे, उसकी पूरी डिटेल उसके पास होनी चाहिए। अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी के तहत उनका बैकग्राउंड, वो किस पोस्ट पर हैैं और क्या पहले वो किसी गलत कार्य में लिप्त तो नहीं पाए गए या फिर यूनिवर्सिटी द्वारा कभी किसी तरह की कार्रवाई तो उन पर नहीं की गई आदि की जानकारी एसआईटी द्वारा सीसीएसयू से मांगी गई है।
मेरठ या लखनऊ में पूछताछ
यूनिवर्सिटी से एसआईटी ने जिन 57 अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। उन सभी को एमबीबीएस के कॉपी बदलने वाले मामले में एसआईटी के सवालों के जवाब देने होंगे। जानकारी के मुताबिक सवाल-जबाव की ये प्रक्रिया लखनऊ या मेरठ में पूरी की जा सकती है। किसी भी प्रकरण में यूनिवर्सिटी में अब तक एक साथ इतने अधिकारियों और कर्मचारियों से पहली बार पूछताछ होने वाली है।
लिखवाई जा सकती है राइटिंग
बता दें कि टीम द्वारा इस मामले में अधिकारियों और कर्मचारियों की राइटिंग भी चेक की जा सकती है। साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों से अलग-अलग बात कर बयान चेक किए जा सकते हैैं। अलग तरह के सवाल करके भी जवाबों का मिलान किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ रिकॉर्ड भी टीम कर्मचारियों से मांग सकती है।
ये था पूरा मामला
2018 में मेरठ एसटीएफ ने यूनिवर्सिटी कैंपस कविराज को गिरफ्तार करते हुए दावा किया था कि एमबीबीएस परीक्षा के बाद कॉपियां बाहर लिखवाकर बदली जा रही हैं। एसआईटी ने यूनिवर्सिटी कैंपस केकर्मचारी और मेडिकल के छात्रों सहित आठ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। यूनिवर्सिटी से 181 संदिग्ध कॉपियां भी जब्त की थीं। एसटीएफ का दावा है कि इन सभी कॉपियों में टेंपरिंग की गई थी। बाद में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच राज्य स्तरीय एसआईटी को सौंप दी। इसके बाद इस मामले में टीम अभी तक चार बार मेरठ आ चुकी है और दो बार कर्मचारियो को जांच के लिए लखनऊ बुला चुकी है, इसके बावजूद भी अभी तक यह मामला सॉल्व नहीं हो पाया है, इस मामले में अब एक बार दोबारा से टीम जांच के लिए कर्मचारियों से बात करने की तैयारी में हैं।
एसआईटी ने जिन-जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम मांगे थे, उनकी लिस्ट और कुछ डिटेल्स दे दी गई है। अन्य जो भी जानकारी मांगी गई है, वो दी जा रही है।
धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू